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गुर्जर आरक्षण आंदोलन पर वार्ता के लिए सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हैं- डॉ. रघु शर्मा - गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला

गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने 1 नवंबर से गुर्जर आरक्षण आंदोलन शुरू करने का ऐलान कर दिया है. इस मामले में बनाई गई कमेटी के सदस्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि उनकी 2 दिन पहले भी कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से बात हुई थी और सरकार ने गुर्जर समाज की तीन अहम मांगें मान ली हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के दरवाजे वार्ता के लिए हमेशा खुले हैं.

Rajasthan Gurjar reservation movement, राजस्थान गुर्जर आरक्षण आंदोलन
गुर्जर आरक्षण आंदोलन पर डॉ. रघु शर्मा का बयान
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Published : Oct 31, 2020, 3:15 PM IST

जयपुर. गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने 1 नवंबर से गुर्जर आरक्षण आंदोलन शुरू करने का ऐलान कर दिया है. हालांकि प्रदेश की गहलोत सरकार लगातार गुर्जरों की मांगों को लेकर उनसे बातचीत कर रही है, लेकिन अब तक कोई सहमति राज्य सरकार के साथ गुर्जरों की नहीं बनी है. इस मामले में बनाई गई कमेटी के सदस्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि उनकी 2 दिन पहले भी कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला से बात हुई थी और सरकार ने गुर्जर समाज की तीन अहम मांगे मान ली हैं.

गुर्जर आरक्षण आंदोलन पर डॉ. रघु शर्मा का बयान

उन्होंने कहा कि गुर्जर समाज के 40 से ज्यादा नेता शुक्रवार रात को भी उनसे और मंत्री अशोक चांदना से मिले थे. उसके बाद शनिवार को अधिकारियों के साथ गुर्जर समाज के प्रतिनिधियों की बातचीत तय की गई थी, जो अभी चल रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले में अब कोई मुद्दा बचा नहीं है और आरक्षण देने का काम गहलोत सरकार पहले ही कर चुकी है. छोटी-मोटी जो मांगें बची हैं उसपर वार्ता के लिए लिए सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हैं, लेकिन अगर कोई बात ना करना चाहे तो यह ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि समस्या का समाधान बातचीत से ही निकलेगा.

पढ़ेंः गुर्जर आंदोलन को लेकर कर्नल बैंसला से बात करे प्रदेश सरकार, पायलट को अलग रखना गलत: राजेंद्र राठौड़

शनिवार को होने वाली वार्ता से उन्होंने उम्मीद जताई कि कोई ना कोई समाधान जरूर निकल कर आएगा. वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि उनकी वार्ता गुर्जर समाज के प्रतिनिधियों से चल रही है अब अगर वह अलग-अलग गुट के हैं तो उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. गुर्जर समाज भी यह चाहता है कि बातचीत के जरिए ही समस्या का समाधान हो.

पढ़ेंः गुर्जर आरक्षण आंदोलन को लेकर गहलोत सरकार का एक्शन प्लान, इन जिलों में लगी रासुका

इसके साथ ही मंत्री रघु शर्मा ने कहा किस तरीके से आंदोलन करना सही नहीं है. अगर इसमें किसी भी प्रकार की अव्यवस्था होती है और कानून व्यवस्था कोई हाथ में लेता है तो सरकार कानून व्यवस्था चाक चौबंद बंद रखने और आम जनता की सुरक्षा के लिए ही बनती है. ऐसे में कानून व्यवस्था किसी को हाथ में नहीं लेने दी जाएगी.

वहीं, बता दें कि गुर्जर आंदोलन में शांति व्यवस्था प्रभावित होने के चलते प्रदेश के 8 जिलों भरतपुर, धौलपुर, सवाई माधोपुर, दौसा, टोंक, बूंदी, झालावाड़ और करौली के कलेक्टर को गृह विभाग ने रासुका का प्रयोग करने के लिए अधिकार दे दिए हैं.

जयपुर. गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने 1 नवंबर से गुर्जर आरक्षण आंदोलन शुरू करने का ऐलान कर दिया है. हालांकि प्रदेश की गहलोत सरकार लगातार गुर्जरों की मांगों को लेकर उनसे बातचीत कर रही है, लेकिन अब तक कोई सहमति राज्य सरकार के साथ गुर्जरों की नहीं बनी है. इस मामले में बनाई गई कमेटी के सदस्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि उनकी 2 दिन पहले भी कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला से बात हुई थी और सरकार ने गुर्जर समाज की तीन अहम मांगे मान ली हैं.

गुर्जर आरक्षण आंदोलन पर डॉ. रघु शर्मा का बयान

उन्होंने कहा कि गुर्जर समाज के 40 से ज्यादा नेता शुक्रवार रात को भी उनसे और मंत्री अशोक चांदना से मिले थे. उसके बाद शनिवार को अधिकारियों के साथ गुर्जर समाज के प्रतिनिधियों की बातचीत तय की गई थी, जो अभी चल रही है. उन्होंने कहा कि इस मामले में अब कोई मुद्दा बचा नहीं है और आरक्षण देने का काम गहलोत सरकार पहले ही कर चुकी है. छोटी-मोटी जो मांगें बची हैं उसपर वार्ता के लिए लिए सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हैं, लेकिन अगर कोई बात ना करना चाहे तो यह ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि समस्या का समाधान बातचीत से ही निकलेगा.

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शनिवार को होने वाली वार्ता से उन्होंने उम्मीद जताई कि कोई ना कोई समाधान जरूर निकल कर आएगा. वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि उनकी वार्ता गुर्जर समाज के प्रतिनिधियों से चल रही है अब अगर वह अलग-अलग गुट के हैं तो उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. गुर्जर समाज भी यह चाहता है कि बातचीत के जरिए ही समस्या का समाधान हो.

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इसके साथ ही मंत्री रघु शर्मा ने कहा किस तरीके से आंदोलन करना सही नहीं है. अगर इसमें किसी भी प्रकार की अव्यवस्था होती है और कानून व्यवस्था कोई हाथ में लेता है तो सरकार कानून व्यवस्था चाक चौबंद बंद रखने और आम जनता की सुरक्षा के लिए ही बनती है. ऐसे में कानून व्यवस्था किसी को हाथ में नहीं लेने दी जाएगी.

वहीं, बता दें कि गुर्जर आंदोलन में शांति व्यवस्था प्रभावित होने के चलते प्रदेश के 8 जिलों भरतपुर, धौलपुर, सवाई माधोपुर, दौसा, टोंक, बूंदी, झालावाड़ और करौली के कलेक्टर को गृह विभाग ने रासुका का प्रयोग करने के लिए अधिकार दे दिए हैं.

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