जयपुर. राजस्थान में डेल्टा प्लस वेरिएंट का केस मिला है. जिसके बाद अलर्ट जारी कर दिया गया है. इसको लेकर डॉक्टरों का कहना है कि इस नए डेल्टा प्लस वेरियंट से संक्रमित होने के बाद इसके पोस्ट कोविड लक्षण काफी खतरनाक हो सकते हैं.
कोरोना की दूसरी लहर में राजस्थान में बड़ी संख्या में संक्रमण केस मिले थे. कोरोना से रिकवर मरीजों में काफी संख्या में पोस्ट कोविड केस देखने को मिल रहे थे. दूसरी लहर में संक्रमित मरीजों की मौत भी अधिक हुई थी. जिसमें खासकर हार्ट अटैक, ब्रेन में क्लॉटिंग और मल्टी ऑर्गन फेलियर जैसे मामले भी सामने आए. इसको लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नरोत्तम शर्मा का कहना है कि जयपुर में भी नए वेरिएंट को लेकर अलर्ट (delta plus variant alert in Jaipur) जारी किया गया है. हालांकि, बीकानेर के अलावा अभी तक कोई नया मामला देखने को नहीं मिला है.
ऑर्गन को कर सकता है डैमेज
डॉक्टर नरोत्तम शर्मा का कहना है कि डेल्टा प्लस वेरियंट को लेकर लगातार रिसर्च की जा रही है. अनुमान लगाया जा रहा है कि यह डेल्टा प्लस वेरियंट तेजी से ऑर्गन्स को नुकसान पहुंचा सकता है. डेल्टा वेरियंट में कई गंभीर मामले सामने आए थे. जिसमें कई मरीज ठीक हो गए थे लेकिन बाद में उनकी मल्टी ऑर्गन फेल्योर के चलते मौत हो गई. इसके अलावा ब्लैक फंगस के मामले भी काफी बड़ी संख्या में देखे गए थे. ऐसे में यह नया वेरिएंट मरीज को संक्रमित करने के बाद भी काफी नुकसान पहुंचा सकता है.
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जिनोम सीक्वेंसिंग से नए वायरस को पहचानने में मिलेगी मदद
फिलहाल, ब्लैक फंगस (Black fungus case in Rajasthan) से जुड़े मरीजों की संख्या में लगातार कमी देखने को मिल रही है. बीते कुछ दिनों में कोरोना केस में कमी दर्ज की गई है. इसके अलावा सवाई मानसिंह अस्पताल में जिनोम सीक्वेंसिंग (Genome sequencing) की शुरुआत भी हो चुकी है. ऐसे में अब आसानी से नए वायरस की पहचान की जा सकेगी.