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Dausa Lady Doctor Suicide Case: आज भी जयपुर के सभी निजी अस्पताल रहेंगे बंद, रेजिडेंट करेंगे 2 घंटे का कार्य बहिष्कार

जयपुर में महिला डॉक्टर के आत्महत्या के मामले में आज भी धरना जारी (Dausa Lady Doctor Suicide Case) है. राजधानी के निजी अस्पताल से लेकर सरकारी अस्पताल कई तरीकों (protest in jaipur) से कार्य का बहिष्कार करके विरोध जता रहे हैं. सभी दोषी पुलिस कर्मियों के निलंबन और गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.

doctors boycott work and protest in jaipur
जयपुर में महिला डॉक्टर के आत्महात्या का मामला
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Published : Apr 1, 2022, 9:56 AM IST

Updated : Apr 1, 2022, 1:29 PM IST

जयपुर. लालसोट के आनंद हॉस्पिटल में प्रसूता की मौत और उसके बाद चिकित्सक के आत्महत्या किए जाने के बाद प्रदेश भर (protest in jaipur) के चिकित्सकों में रोष व्याप्त है. जिसके चलते आज भी जयपुर के निजी अस्पतालों में मरीजों का इलाज नहीं होगा और निजी अस्पताल पूर्ण रूप से बंद रहेंगे. जबकि सरकारी अस्पतालों में रेजीडेंट चिकित्सक 2 घंटे का कार्य बहिष्कार करेंगे. चिकित्सकों का कहना है कि सरकार मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है और अब तक आरोपी पुलिसकर्मियों को भी बर्खास्त नहीं किया गया है.

मामले को लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल्स एंड नर्सिंग होम सोसायटी का आरोप है कि (doctors boycott work in jaipur) लालसोट के आनंद अस्पताल में इलाज के दौरान प्रसूता की मौत हो गई जिसके बाद स्थानीय पुलिस ने अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अर्चना शर्मा के (Dausa Lady Doctor Suicide Case) विरुद्ध धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था. ऐसे में आहत होकर डॉ अर्चना शर्मा ने आत्महत्या कर लिया था. घटना का पता चलते ही बीते 3 दिनों से राजधानी जयपुर में चिकित्सकों का विरोध प्रदर्शन जारी है. चिकित्सकों की मांग है कि आरोपी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया जाए. लेकिन इसके बाद भी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है.

पढ़ें-Dausa Lady Doctor Suicide Case: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का देशव्यापी आंदोलन का एलान, 2 अप्रैल को होगा धरना-प्रदर्शन

S.M.S मेडिकल कॉलेज में 2 घंटे का कार्य बहिष्कार: प्राईवेट हॉस्पिटल्स एंड नर्सिंग होम्स सोसायटी के सेक्रेटरी डॉ विजय कपूर का कहना है कि इस घटना के बाद सभी निजी अस्पतालों के चिकित्सकों में रोष व्याप्त है. बीते 3 दिन से जयपुर में संपूर्ण मेडिकल बंद है. डॉ. विजय कपूर ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा है कि दोषी पुलिस कर्मियों को तुरंत निलंबित कर के गिरफ़्तार किया जाए. वहीं चिकित्सकों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि ज़िम्मेदार पुलिस अफ़सरों और परिजनों के विरूद्ध आत्म हत्या के लिए उकसाने और मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट, 2008 के तहत कार्रवाई नहीं होती है तो पूरे प्रदेश में चिकित्सकों द्वारा आंदोलन तेज किया जाएगा.

झुंझुनू में मरीज परेशान: अर्चना शर्मा आत्महत्या मामले में झुंझुनू संविदा कर्मी जिला अध्यक्ष संजय भूरिया ने भी संविदा कर्मियों के साथ बैठक कर चिकित्सकों का समर्थन करने का निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि मामले को सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए. अब संविदा कर्मी भी चिकित्सकों के समर्थन में आ गए हैं, जिससे पूरी चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है. अस्पतालों में सन्नाटा पसरा पड़ा है. मरीजों की तीमारदारी करने वाला कोई नहीं है. लगातार तीन दिनों से सेवारत चिकित्सक संघ के डॉक्टर सामूहिक कार्य बहिष्कार कर रहे हैं. मरीजों का कहना है कि प्रशासन और सरकार को डॉक्टरों की मांग माननी चाहिए. जिससे अस्पताल में आने वाले मरीजों को असुविधा नहीं हो. चिकित्सकों ने बताया कि सरकार को सख्ती से कानून लागू करना चाहिए जिससे चिकित्सकों और अन्य स्टाफ को काम करने के दौरान कोई असुविधा नहीं हो.

जयपुर. लालसोट के आनंद हॉस्पिटल में प्रसूता की मौत और उसके बाद चिकित्सक के आत्महत्या किए जाने के बाद प्रदेश भर (protest in jaipur) के चिकित्सकों में रोष व्याप्त है. जिसके चलते आज भी जयपुर के निजी अस्पतालों में मरीजों का इलाज नहीं होगा और निजी अस्पताल पूर्ण रूप से बंद रहेंगे. जबकि सरकारी अस्पतालों में रेजीडेंट चिकित्सक 2 घंटे का कार्य बहिष्कार करेंगे. चिकित्सकों का कहना है कि सरकार मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है और अब तक आरोपी पुलिसकर्मियों को भी बर्खास्त नहीं किया गया है.

मामले को लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल्स एंड नर्सिंग होम सोसायटी का आरोप है कि (doctors boycott work in jaipur) लालसोट के आनंद अस्पताल में इलाज के दौरान प्रसूता की मौत हो गई जिसके बाद स्थानीय पुलिस ने अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अर्चना शर्मा के (Dausa Lady Doctor Suicide Case) विरुद्ध धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था. ऐसे में आहत होकर डॉ अर्चना शर्मा ने आत्महत्या कर लिया था. घटना का पता चलते ही बीते 3 दिनों से राजधानी जयपुर में चिकित्सकों का विरोध प्रदर्शन जारी है. चिकित्सकों की मांग है कि आरोपी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया जाए. लेकिन इसके बाद भी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है.

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S.M.S मेडिकल कॉलेज में 2 घंटे का कार्य बहिष्कार: प्राईवेट हॉस्पिटल्स एंड नर्सिंग होम्स सोसायटी के सेक्रेटरी डॉ विजय कपूर का कहना है कि इस घटना के बाद सभी निजी अस्पतालों के चिकित्सकों में रोष व्याप्त है. बीते 3 दिन से जयपुर में संपूर्ण मेडिकल बंद है. डॉ. विजय कपूर ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा है कि दोषी पुलिस कर्मियों को तुरंत निलंबित कर के गिरफ़्तार किया जाए. वहीं चिकित्सकों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि ज़िम्मेदार पुलिस अफ़सरों और परिजनों के विरूद्ध आत्म हत्या के लिए उकसाने और मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट, 2008 के तहत कार्रवाई नहीं होती है तो पूरे प्रदेश में चिकित्सकों द्वारा आंदोलन तेज किया जाएगा.

झुंझुनू में मरीज परेशान: अर्चना शर्मा आत्महत्या मामले में झुंझुनू संविदा कर्मी जिला अध्यक्ष संजय भूरिया ने भी संविदा कर्मियों के साथ बैठक कर चिकित्सकों का समर्थन करने का निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि मामले को सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए. अब संविदा कर्मी भी चिकित्सकों के समर्थन में आ गए हैं, जिससे पूरी चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है. अस्पतालों में सन्नाटा पसरा पड़ा है. मरीजों की तीमारदारी करने वाला कोई नहीं है. लगातार तीन दिनों से सेवारत चिकित्सक संघ के डॉक्टर सामूहिक कार्य बहिष्कार कर रहे हैं. मरीजों का कहना है कि प्रशासन और सरकार को डॉक्टरों की मांग माननी चाहिए. जिससे अस्पताल में आने वाले मरीजों को असुविधा नहीं हो. चिकित्सकों ने बताया कि सरकार को सख्ती से कानून लागू करना चाहिए जिससे चिकित्सकों और अन्य स्टाफ को काम करने के दौरान कोई असुविधा नहीं हो.

Last Updated : Apr 1, 2022, 1:29 PM IST
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