जयपुर. स्वायत्त शासन विभाग ने जयपुर नगर निगम के डिप्टी मेयर मनोज भारद्वाज को अनियमितता मामले में स्पष्टीकरण नोटिस भेजा है. जिसमें 2 साल तक किराए के वाहन की जगह सरकारी वाहन का उपयोग करने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है. हालांकि डिप्टी मेयर ने इस नोटिस को चुनाव के समय कांग्रेस की हताशा का नतीजा बताया.
अक्टूबर 2016 से दिसंबर 2018 तक शहर के उपमहापौर मनोज भारद्वाज की ओर से नगर निगम के सरकारी वाहन का इस्तेमाल किया गया. हालांकि प्रावधानों के तहत डिप्टी मेयर को किराए के वाहन का उपयोग करना था. जिस पर संभावित खर्च 5 लाख 50 हजार का होना था. लेकिन डिप्टी मेयर की ओर से सरकारी वाहन उपयोग में लेने पर 19 लाख 82 हज़ार 711 का खर्चा हुआ.
ऐसे में नोटिस के अनुसार डिप्टी मेयर मनोज भारद्वाज पर नगर निगम कोष को 14 लाख 31 हजार 711 रुपये का भुगतान करने को लेकर 10 दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया है. डिप्टी मेयर ने इस नोटिस को चुनाव के समय कांग्रेस की हताशा का नतीजा बताया. उन्होंने कहा कि बीते 10 महीने से सरकार क्या कर रही थी जो चुनाव के समय उन्हें नोटिस देना याद आया. जो आधार बनाकर उन्हें नोटिस दिया गया है, वह डिप्टी मेयर के अधिकार क्षेत्र में ही नहीं आता.
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उन्होंने कहा कि आदेश जारी करने का अधिकार निगम कमिश्नर या संबंधित उपायुक्त का होता है. उन्होंने अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए जो गाड़ी उपलब्ध कराई उसका उपयोग किया गया. इसमें उन्होंने खुद की कोई भूमिका या डिमांड होने की बात को खारिज किया. साथ ही चुनाव के समय इस तरह की बातें फैला कर बदनाम करने की साजिश
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हालांकि ये आदेश सितंबर महीने में निकाला गया था. लेकिन डिप्टी मेयर के पास इसे चुनावी समय में पहुंचाया गया है. जिसमें जवाब नहीं देने पर नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है. ऐसे में इस नोटिस को राजनीति से प्रेरित बताया जा रहा है.