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सरकारी वाहन का इस्तेमाल करने पर जयपुर के डिप्टी मेयर को DLB का नोटिस, किया तीन गुना ज्यादा खर्च - deputy mayor manoj bhardwaj

सरकारी वाहन का उपयोग करने पर जयपुर नगर निगम के डिप्टी मेयर मनोज भारद्वाज को डीएलबी ने स्पष्टीकरण नोटिस भेजा है. वहीं डिप्टी मेयर ने इसे बदनाम करने की साजिश बताया है.

Jaipur nagar nigam, डिप्टी मेयर मनोज भारद्वाज
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Published : Oct 16, 2019, 8:56 PM IST

जयपुर. स्वायत्त शासन विभाग ने जयपुर नगर निगम के डिप्टी मेयर मनोज भारद्वाज को अनियमितता मामले में स्पष्टीकरण नोटिस भेजा है. जिसमें 2 साल तक किराए के वाहन की जगह सरकारी वाहन का उपयोग करने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है. हालांकि डिप्टी मेयर ने इस नोटिस को चुनाव के समय कांग्रेस की हताशा का नतीजा बताया.

अक्टूबर 2016 से दिसंबर 2018 तक शहर के उपमहापौर मनोज भारद्वाज की ओर से नगर निगम के सरकारी वाहन का इस्तेमाल किया गया. हालांकि प्रावधानों के तहत डिप्टी मेयर को किराए के वाहन का उपयोग करना था. जिस पर संभावित खर्च 5 लाख 50 हजार का होना था. लेकिन डिप्टी मेयर की ओर से सरकारी वाहन उपयोग में लेने पर 19 लाख 82 हज़ार 711 का खर्चा हुआ.

सरकारी वाहन का इस्तेमाल करने के मामले को लेकर डीएलबी ने भेजा डिप्टी मेयर को नोटिस

ऐसे में नोटिस के अनुसार डिप्टी मेयर मनोज भारद्वाज पर नगर निगम कोष को 14 लाख 31 हजार 711 रुपये का भुगतान करने को लेकर 10 दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया है. डिप्टी मेयर ने इस नोटिस को चुनाव के समय कांग्रेस की हताशा का नतीजा बताया. उन्होंने कहा कि बीते 10 महीने से सरकार क्या कर रही थी जो चुनाव के समय उन्हें नोटिस देना याद आया. जो आधार बनाकर उन्हें नोटिस दिया गया है, वह डिप्टी मेयर के अधिकार क्षेत्र में ही नहीं आता.

पढ़ें: यूनुस खान से मेरी कोई दोस्ती नहीं है : हनुमान बेनीवाल

उन्होंने कहा कि आदेश जारी करने का अधिकार निगम कमिश्नर या संबंधित उपायुक्त का होता है. उन्होंने अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए जो गाड़ी उपलब्ध कराई उसका उपयोग किया गया. इसमें उन्होंने खुद की कोई भूमिका या डिमांड होने की बात को खारिज किया. साथ ही चुनाव के समय इस तरह की बातें फैला कर बदनाम करने की साजिश

पढे़ंः त्योहारी सीजन में सोने और चांदी के दाम में उतार-चढ़ाव, सोना 300 रुपये और चांदी 200 रुपये महंगी

हालांकि ये आदेश सितंबर महीने में निकाला गया था. लेकिन डिप्टी मेयर के पास इसे चुनावी समय में पहुंचाया गया है. जिसमें जवाब नहीं देने पर नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है. ऐसे में इस नोटिस को राजनीति से प्रेरित बताया जा रहा है.

जयपुर. स्वायत्त शासन विभाग ने जयपुर नगर निगम के डिप्टी मेयर मनोज भारद्वाज को अनियमितता मामले में स्पष्टीकरण नोटिस भेजा है. जिसमें 2 साल तक किराए के वाहन की जगह सरकारी वाहन का उपयोग करने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है. हालांकि डिप्टी मेयर ने इस नोटिस को चुनाव के समय कांग्रेस की हताशा का नतीजा बताया.

अक्टूबर 2016 से दिसंबर 2018 तक शहर के उपमहापौर मनोज भारद्वाज की ओर से नगर निगम के सरकारी वाहन का इस्तेमाल किया गया. हालांकि प्रावधानों के तहत डिप्टी मेयर को किराए के वाहन का उपयोग करना था. जिस पर संभावित खर्च 5 लाख 50 हजार का होना था. लेकिन डिप्टी मेयर की ओर से सरकारी वाहन उपयोग में लेने पर 19 लाख 82 हज़ार 711 का खर्चा हुआ.

सरकारी वाहन का इस्तेमाल करने के मामले को लेकर डीएलबी ने भेजा डिप्टी मेयर को नोटिस

ऐसे में नोटिस के अनुसार डिप्टी मेयर मनोज भारद्वाज पर नगर निगम कोष को 14 लाख 31 हजार 711 रुपये का भुगतान करने को लेकर 10 दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया है. डिप्टी मेयर ने इस नोटिस को चुनाव के समय कांग्रेस की हताशा का नतीजा बताया. उन्होंने कहा कि बीते 10 महीने से सरकार क्या कर रही थी जो चुनाव के समय उन्हें नोटिस देना याद आया. जो आधार बनाकर उन्हें नोटिस दिया गया है, वह डिप्टी मेयर के अधिकार क्षेत्र में ही नहीं आता.

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उन्होंने कहा कि आदेश जारी करने का अधिकार निगम कमिश्नर या संबंधित उपायुक्त का होता है. उन्होंने अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए जो गाड़ी उपलब्ध कराई उसका उपयोग किया गया. इसमें उन्होंने खुद की कोई भूमिका या डिमांड होने की बात को खारिज किया. साथ ही चुनाव के समय इस तरह की बातें फैला कर बदनाम करने की साजिश

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हालांकि ये आदेश सितंबर महीने में निकाला गया था. लेकिन डिप्टी मेयर के पास इसे चुनावी समय में पहुंचाया गया है. जिसमें जवाब नहीं देने पर नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है. ऐसे में इस नोटिस को राजनीति से प्रेरित बताया जा रहा है.

Intro:जयपुर - स्वायत्त शासन विभाग ने जयपुर नगर निगम के डिप्टी मेयर मनोज भारद्वाज को अनियमितता मामले में स्पष्टीकरण नोटिस भेजा है। जिसमें 2 साल तक किराए के वाहन की जगह सरकारी वाहन का उपयोग करने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। हालांकि डिप्टी मेयर ने इस नोटिस को चुनाव के समय कांग्रेस की हताशा का नतीजा बताया।


Body:अक्टूबर 2016 से दिसंबर 2018 तक शहर के उपमहापौर मनोज भारद्वाज की ओर से नगर निगम के सरकारी वाहन का इस्तेमाल किया गया। हालांकि प्रावधानों के तहत डिप्टी मेयर को किराए के वाहन का उपयोग करना था। जिस पर संभावित खर्च 5 लाख 50 हजार का होना था। लेकिन डिप्टी मेयर की ओर से सरकारी वाहन उपयोग में लेने पर 19 लाख 82 हज़ार 711 का खर्चा हुआ। ऐसे में नोटिस के अनुसार डिप्टी मेयर मनोज भारद्वाज पर नगर निगम कोष को 14 लाख 31 हज़ार 711 रुपये का भुगतान करने को लेकर 10 दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया है। डिप्टी मेयर ने इस नोटिस को चुनाव के समय कांग्रेस की हताशा का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि बीते 10 महीने से सरकार क्या कर रही थी जो चुनाव के समय उन्हें नोटिस देना याद आया। जो आधार बनाकर उन्हें नोटिस दिया गया है, वह डिप्टी मेयर के अधिकार क्षेत्र में ही नहीं आता। उन्होंने कहा कि आदेश जारी करने का अधिकार निगम कमिश्नर या संबंधित उपायुक्त का होता है। उन्होंने अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए जो गाड़ी उपलब्ध कराई उसका उपयोग किया गया। इसमें उन्होंने खुद की कोई भूमिका या डिमांड होने की बात को खारिज किया। साथ ही चुनाव के समय इस तरह की बातें फैला कर बदनाम करने की साजिश बताया।
बाईट - मनोज भारद्वाज, डिप्टी मेयर


Conclusion:हालांकि ये आदेश सितंबर महीने में निकाला गया था। लेकिन डिप्टी मेयर के पास इसे चुनावी समय में पहुंचाया गया है। जिसमें जवाब नहीं देने पर नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। ऐसे में इस नोटिस को राजनीति से प्रेरित बताया जा रहा है।
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