ETV Bharat / city

जिला कलेक्टर जगरुप सिंह यादव ने लगाई परिवहन और खान विभाग की क्लास

सोमवार को जिला कलेक्टर जगरुप सिंह यादव ने परिवहन और खान विभाग की बैठक ली, जिसमें उन्होंने दोनों विभागों के अधिकारियों को खरी-खोटी भी सुनाई. उन्होंने कहा कि अवैध बजरी के ट्रकों के मामले में या ता अफसरों की मिलीभगत चल रही है या फिर ट्रक हवा में उड़कर पहुंच रहे हैं.

जयपुर न्यूज, jaipur news
author img

By

Published : Sep 23, 2019, 11:08 PM IST

जयपुर. जिला कलेक्ट्रेट में सोमवार को अवैध बजरी खनन को लेकर जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव एक महत्वपूर्ण बैठक ली. इस बैठक में जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने परिवहन और खान विभाग को एक बार फिर कटघरे में खड़ा कर दिया और उनकी भूमिका और कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े किए. जिला कलेक्टर ने दोनों ही विभागों के अधिकारियों को खरी-खोटी भी सुनाई.

कलेक्टर के सवालों का जवाब नहीं दे पाए अफसर

ट्रक हवा में उड़कर पहुंच रहे हैं क्या
बैठक में परिवहन विभाग ने कहा कि विभाग ने पिछले 5 महीनों में कार्रवाई कर 135 ट्रक अवैध बजरी के जब्त किए हैं. जिला कलेक्टर ने परिवहन विभाग के अधिकारी को कहा कि जब प्रतिदिन 250 से 300 अवैध बजरी के ट्रक निकल रहे हैं तो परिवहन विभाग ने 5 महीने में 135 ट्रक ही क्यों पकड़े. इस मामले में अफसरों की मिलीभगत चल रही है या फिर ट्रक हवा में उड़कर पहुंच रहे हैं.

पढ़ें : पाकिस्तान जाने वाला पानी अब राजस्थान तक आएगा : केंद्रीय मंत्री गडकरी

कलेक्टर के सवालों का परिवहन विभाग के अधिकारी कोई जवाब नहीं दे पाए. परिवहन विभाग के अधिकारी ने कहा कि विभाग की टीम 24 घंटे गश्त करती है, इस पर जिला कलेक्टर ने कहा कि जब 24 घंटे गश्त की जाती है तो अवैध बजरी से भरे हुए ट्रक कैसे निकलते हैं. कलेक्टर ने कहा कि जहां अवैध खनन होता है उसी जगह पर कार्रवाई की जाए ताकि बजरी आगे पहुंच ही नहीं पाए.

पटवारी और ग्रामसेवक को देंगे नोटिस
अधिकारियों ने कहा कि विभाग एक ट्रक को तो रोक लेता है, लेकिन 10 ट्रक को जाने देता है. इस तरह से केवल फौरी कार्रवाई की जाती है. ग्राम सेवक और पटवारी को क्षेत्र में अवैध बजरी खनन की जिम्मेदारी सौंपी गई है. उनके क्षेत्र में अवैध खनन होता है और वे सूचना नहीं देते हैं तो उनको 17 सीसीए का नोटिस दिया जाए.

जमीन पर कर लो कब्जा
जब जगरूप सिंह यादव ने खान विभाग से पूछा कि जब्त की गई बजरी का डिस्पोजल कैसे किया जाता है. इस पर एमई ने चौंकाने वाला जवाब दिया, उन्होंने कहा कि 500 रुपये प्रति टन के हिसाब से कोई बजरी लेने नहीं आता है तो 1000 रुपये प्रति टन के हिसाब से उसे नीलाम कर दिया जाता है.

कलेक्टर ने कहा कि यह बात समझ से परे है और यह गंभीर विषय है. अपनी समस्या बताते हुए एमई ने कहा कि हमारे पास जप्त की गई बजरी रखने की जगह नहीं है. इस पर कलेक्टर ने कहा कि जमीन किराए पर ले लो, नहीं तो जमीन पर कब्जा कर लो. हालांकि कब्जा करने की बात कलेक्टर ने मजाकिया लहजे में कही थी.

पढे़ं- मैं सरकार के दबाव में इस्तीफा नहीं दूंगा...सीएम मांगेंगे तो दूंगा: कुलपति आरके कोठारी

अवैध बजरी खनन कहां होता है सबको पता है
बैठक में जयपुर ग्रामीण एसपी शंकर दत्त ने कहा कि बजरी का अवैध खनन कहां होता है, उसका प्रयोग कैसे किया जाता है यह सबको पता है. यहां अज्ञानी बनने की जरूरत नहीं है. इसकी सभी अधिकारियों को अच्छी तरह से जानकारी है लेकिन, अधिकारी एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल कर पल्ला झाड़ लेते हैं. अगर कार्रवाई करनी है तो हमें पुख्ता कार्रवाई करनी होगी. हमें जहां अवैध बजरी खनन होता है वहीं कार्रवाई करनी चाहिए ताकि बजरी आगे पहुंच नहीं पाए. उन्होंने यह भी कहा कि हमें आगे से जो भी कार्रवाई करनी हो उसके लिए पूरी तैयारी की जाए ताकि हमें किसी का नुकसान ना हो.


एमई ने कहा आरएसी हमारे लिए यूजलेस
बैठक में एमई ने कहा कि हमारे पास फोर्स नहीं है. इस पर जिला कलेक्टर ने कहा कि आरएसी कोटपूतली में तैनात की गई है. एम ई ने कहा कि आरएसी हमारे लिए यूजलेस है. इस पर जयपुर ग्रामीण एसपी नाराज हो गए उन्होंने कहा कि कोई भी फोर्स यूजलैस नहीं होती है उन से काम कराने का तरीका होना चाहिए. एसपी शंकर दत्त ने कहा कि अधिकारियों को अवैध बजरी खनन रोकने के लिए जितनी फोर्स चाहिए उतनी उपलब्ध करा दी जाएगी.

सूचना हो जाती है लीक
बैठक में कुछ अधिकारियों ने कहा कि बजरी माफिया के इनफॉर्मर कई जगह रहते हैं, हमारी कार्रवाई की सूचना पहले ही लीक हो जाती है. ऐसे में कार्रवाई किस तरह से की जाए, कई अधिकारियों ने कहा कि अवैध बजरी खनन करने वाले चोर रास्तों से भी वाकिफ है इसलिए वह पकड़ में नहीं आते हैं.

जयपुर. जिला कलेक्ट्रेट में सोमवार को अवैध बजरी खनन को लेकर जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव एक महत्वपूर्ण बैठक ली. इस बैठक में जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने परिवहन और खान विभाग को एक बार फिर कटघरे में खड़ा कर दिया और उनकी भूमिका और कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े किए. जिला कलेक्टर ने दोनों ही विभागों के अधिकारियों को खरी-खोटी भी सुनाई.

कलेक्टर के सवालों का जवाब नहीं दे पाए अफसर

ट्रक हवा में उड़कर पहुंच रहे हैं क्या
बैठक में परिवहन विभाग ने कहा कि विभाग ने पिछले 5 महीनों में कार्रवाई कर 135 ट्रक अवैध बजरी के जब्त किए हैं. जिला कलेक्टर ने परिवहन विभाग के अधिकारी को कहा कि जब प्रतिदिन 250 से 300 अवैध बजरी के ट्रक निकल रहे हैं तो परिवहन विभाग ने 5 महीने में 135 ट्रक ही क्यों पकड़े. इस मामले में अफसरों की मिलीभगत चल रही है या फिर ट्रक हवा में उड़कर पहुंच रहे हैं.

पढ़ें : पाकिस्तान जाने वाला पानी अब राजस्थान तक आएगा : केंद्रीय मंत्री गडकरी

कलेक्टर के सवालों का परिवहन विभाग के अधिकारी कोई जवाब नहीं दे पाए. परिवहन विभाग के अधिकारी ने कहा कि विभाग की टीम 24 घंटे गश्त करती है, इस पर जिला कलेक्टर ने कहा कि जब 24 घंटे गश्त की जाती है तो अवैध बजरी से भरे हुए ट्रक कैसे निकलते हैं. कलेक्टर ने कहा कि जहां अवैध खनन होता है उसी जगह पर कार्रवाई की जाए ताकि बजरी आगे पहुंच ही नहीं पाए.

पटवारी और ग्रामसेवक को देंगे नोटिस
अधिकारियों ने कहा कि विभाग एक ट्रक को तो रोक लेता है, लेकिन 10 ट्रक को जाने देता है. इस तरह से केवल फौरी कार्रवाई की जाती है. ग्राम सेवक और पटवारी को क्षेत्र में अवैध बजरी खनन की जिम्मेदारी सौंपी गई है. उनके क्षेत्र में अवैध खनन होता है और वे सूचना नहीं देते हैं तो उनको 17 सीसीए का नोटिस दिया जाए.

जमीन पर कर लो कब्जा
जब जगरूप सिंह यादव ने खान विभाग से पूछा कि जब्त की गई बजरी का डिस्पोजल कैसे किया जाता है. इस पर एमई ने चौंकाने वाला जवाब दिया, उन्होंने कहा कि 500 रुपये प्रति टन के हिसाब से कोई बजरी लेने नहीं आता है तो 1000 रुपये प्रति टन के हिसाब से उसे नीलाम कर दिया जाता है.

कलेक्टर ने कहा कि यह बात समझ से परे है और यह गंभीर विषय है. अपनी समस्या बताते हुए एमई ने कहा कि हमारे पास जप्त की गई बजरी रखने की जगह नहीं है. इस पर कलेक्टर ने कहा कि जमीन किराए पर ले लो, नहीं तो जमीन पर कब्जा कर लो. हालांकि कब्जा करने की बात कलेक्टर ने मजाकिया लहजे में कही थी.

पढे़ं- मैं सरकार के दबाव में इस्तीफा नहीं दूंगा...सीएम मांगेंगे तो दूंगा: कुलपति आरके कोठारी

अवैध बजरी खनन कहां होता है सबको पता है
बैठक में जयपुर ग्रामीण एसपी शंकर दत्त ने कहा कि बजरी का अवैध खनन कहां होता है, उसका प्रयोग कैसे किया जाता है यह सबको पता है. यहां अज्ञानी बनने की जरूरत नहीं है. इसकी सभी अधिकारियों को अच्छी तरह से जानकारी है लेकिन, अधिकारी एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल कर पल्ला झाड़ लेते हैं. अगर कार्रवाई करनी है तो हमें पुख्ता कार्रवाई करनी होगी. हमें जहां अवैध बजरी खनन होता है वहीं कार्रवाई करनी चाहिए ताकि बजरी आगे पहुंच नहीं पाए. उन्होंने यह भी कहा कि हमें आगे से जो भी कार्रवाई करनी हो उसके लिए पूरी तैयारी की जाए ताकि हमें किसी का नुकसान ना हो.


एमई ने कहा आरएसी हमारे लिए यूजलेस
बैठक में एमई ने कहा कि हमारे पास फोर्स नहीं है. इस पर जिला कलेक्टर ने कहा कि आरएसी कोटपूतली में तैनात की गई है. एम ई ने कहा कि आरएसी हमारे लिए यूजलेस है. इस पर जयपुर ग्रामीण एसपी नाराज हो गए उन्होंने कहा कि कोई भी फोर्स यूजलैस नहीं होती है उन से काम कराने का तरीका होना चाहिए. एसपी शंकर दत्त ने कहा कि अधिकारियों को अवैध बजरी खनन रोकने के लिए जितनी फोर्स चाहिए उतनी उपलब्ध करा दी जाएगी.

सूचना हो जाती है लीक
बैठक में कुछ अधिकारियों ने कहा कि बजरी माफिया के इनफॉर्मर कई जगह रहते हैं, हमारी कार्रवाई की सूचना पहले ही लीक हो जाती है. ऐसे में कार्रवाई किस तरह से की जाए, कई अधिकारियों ने कहा कि अवैध बजरी खनन करने वाले चोर रास्तों से भी वाकिफ है इसलिए वह पकड़ में नहीं आते हैं.

Intro:जयपुर। जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में सोमवार को अवैध बजरी खनन को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने ली। इस बैठक में जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने परिवहन और खान विभाग को एक बार फिर कटघरे में खड़ा कर दिया और उनकी भूमिका और कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े किए। जिला कलेक्टर ने दोनों ही विभागों के अधिकारियों को खरी-खोटी भी सुनाई।Body:बैठक में परिवहन विभाग ने कहा कि विभाग ने पिछले 5 महीनों में कार्रवाई कर 135 ट्रक अवैध बजरी के जब्त किए हैं। जिला कलक्टर जगरूप सिंह यादव ने परिवहन विभाग के अधिकारी को कहा कि जब प्रतिदिन ढाई सौ से 300 अवैध बजरी के ट्रक निकल रहे हैं तो परिवहन विभाग ने 5 महीने में 135 ट्रक ही क्यो पकड़े। यह बात समझ में नहीं आ रही है या तो इस मामले में अफसरों की मिलीभगत चल रही है या फिर ट्रक हवा में उड़कर पहुंच रहे हैं। कलेक्टर के सवालों का परिवहन विभाग के अधिकारी कोई जवाब नहीं दे पाए। परिवहन विभाग के अधिकारी ने कहा कि विभाग की टीम 24 घंटे गश्त करती है इस पर जिला कलेक्टर ने कहा कि जब 24 घंटे गश्त की जाती है तो अवैध बजरी से भरे हुए ट्रक कैसे निकलते हैं। कलेक्टर ने कहा कि जहां अवैध खनन होता है उसी जगह पर कार्रवाई की जाए ताकि बजरी आगे पहंच ही नही पाए।

पटवारी व ग्रामसेवक को देंगे नोटिस-
अधिकारियों ने कहा कि विभाग एक ट्रक को तो रोक लेता है, लेकिन 10 ट्रक को जाने देता है। इस तरह से केवल फौरी कार्रवाई की जाती है। ग्राम सेवक व पटवारी को क्षेत्र में अवैध बजरी खनन की जिम्मेदारी सौंपी गई है उनके क्षेत्र में अवैध खनन होता है और वे सूचना नहीं देते हैं तो उनको 17 सीसीए का नोटिस दिया जाए।

जमीन पर कर लो कब्जा-
जब जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने खान विभाग से पूछा कि जब्त की गई बजरी का डिस्पोजल कैसे किया जाता है इस पर एमई ने चौकाने वाला जवाब दिया उन्होंने कहा कि 500 रुपये प्रति टन के हिसाब से कोई बजरी लेने नहीं आता है तो 1000 रुपये प्रति टन के हिसाब से उसे नीलाम कर दिया जाता है। कलेक्टर ने कहा कि यह बात समझ से परे है और यह गंभीर विषय है। अपनी समस्या बताते हुए एमई ने कहा कि हमारे पास जप्त की गई बजरी रखने की जगह नहीं है। इस पर कलेक्टर ने कहा कि जमीन किराए पर ले लो, नहीं तो जमीन पर कब्जा कर लो। हालांकि कब्जा करने की बात कलेक्टर ने मजाकिया लहजे में कही थी।Conclusion:अवैध बजरी खनन कहां होता है सबको पता है-
बैठक में जयपुर ग्रामीण एसपी शंकर दत्त ने कहा कि बजरी का अवैध खनन कहा होता है, उसका प्रयोग कैसे किया जाता है। यह सबको पता है यहां अज्ञानी बनने की जरूरत नहीं है। इसकी सभी अधिकारियों को अच्छी तरह से जानकारी है लेकिन अधिकारी एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल कर पल्ला झाड़ लेते हैं। अगर कार्रवाई करनी है तो हमें पुख्ता कार्रवाई करनी होगी। हमें जहां अवैध बजरी खनन होता है वही कार्रवाई करनी चाहिए ताकि बजरी आगे पहुंच नहीं पाए। उन्होंने यह भी कहा कि हमें आगे से जो भी कार्रवाई करनी हो उसके लिए पूरी तैयारी की जाए ताकि हमें किसी का नुकसान ना हो।
बैठक में एम ई ने कहा कि हमारे पास फ़ोर्स नहीं है इस पर जिला कलेक्टर ने कहा कि आरएसी कोटपूतली में तैनात की गई है। एम ई ने कहा कि आरएसी हमारे लिए यूजलेस है। इस पर जयपुर ग्रामीण एसपी नाराज हो गए उन्होंने कहा कि कोई भी फ़ोर्स यूज़लैस नहीं होती है उन से काम कराने का तरीका होना चाहिए। एसपी शंकर दत्त ने कहा कि अधिकारियों को अवैध बजरी खनन रोकने के लिए जितनी फ़ोर्स चाहिए उतनी उपलब्ध करा दी जाएगी।

सूचना हो जाती है लीक-
बैठक में कुछ अधिकारियों ने कहा कि बजरी माफिया के इनफॉर्मर कई जगह रहते हैं हमारी कार्रवाई की सूचना पहले ही लीक हो जाती है। ऐसे में कार्रवाई किस तरह से की जाए।ब कई अधिकारियों ने कहा कि अवैध बजरी खनन करने वाले चोर रास्तों से भी वाकिफ है इसलिए वह पकड़ में नहीं आते।

बाईट जगरूप सिंह यादव, जिला कलेक्टर
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.