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SPECIAL: किसानों को खरीफ फसली ऋण का वितरण जारी, लेकिन लॉकडाउन में आ रही परेशानी

गहलोत सरकार ने खरीफ के लिए ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण कराना शुरू कर दिया है. इस बार खरीफ के लिए प्रदेश सरकार 25 लाख किसानों को 10 हजार करोड़ का ऋण वितरण करेगी. वहीं, अब तक 5 लाख से ज्यादा किसानों को ऋण दिया जा चुका है.

Interest free crop loan, Distribution of kharif crop loans
किसानों को खरीफ फसली ऋण का वितरण
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Published : May 14, 2020, 4:33 PM IST

जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना के संकट के बीच सरकार ने अन्नदाता यानी किसानों को खरीफ के लिए ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण कराना शुरू कर दिया है. इस बार खरीफ के लिए प्रदेश सरकार 25 लाख किसानों को 10 हजार करोड़ का ऋण वितरण करेगी. जिसमें से 5 लाख 12 हजार 674 किसानों को 1698 करोड़ 48 लाख रुपये का वितरण हो चुका है. हालांकि अब भी कुछ समस्याएं है, जिसका सामना हर बार किसान को करना पड़ता है.

किसानों का कहना है की समय पर ऋण की राशि नहीं मिल पाने से मजबूरी में बाजार से कर्जा लेकर बुआई के लिए बीज सहित अन्य का इंतजाम करना पड़ता है. वहीं, पिछले साल भी विभाग ने खेतों में बुआई का समय निकलने के बाद किसानों को बीज उपलब्ध कराए थे.

किसानों को खरीफ फसली ऋण का वितरण

पढ़ें- विशेष: आर्थिक पैकेज का एक ही लक्ष्य बाजार में तरलता बनी रहे: सुनील मेहता

ऋण वितरण इस बार बायोमेट्रिक पद्धति से ही किया जा रहा है. वहीं, जिन किसानों ने पिछला फसली ऋण नहीं चुकाया, उन्हें ये ऋण नहीं मिल पाएगा. हालांकि कोरोना के संकट को देखते हुए इस बार फसली ऋण चुकाने की तय समय सीमा 30 जून तक बढ़ा दी गई है.

मतलब 30 जून तक जो रजिस्टर्ड किसान अपना पुराना बकाया फसली ऋण चुका देगा, उसे सरकार नया फसली ऋण दे देगी. वहीं, किसान महापंचायत के प्रदेशाध्यक्ष रामपाल जाट की मांग है कि कोरोना से बचाव को देखते हुए बायोमेट्रिक प्रणाली के बजाय ओटीपी प्रणाली से यह ऋण वितरित किया जाए. आपदा के समय जो किसान पुराना फसली ऋण नहीं चुका पाए हैं, उन्हें भी सरकार बड़ा दिल रखते हुए नया लोन दे.

पढ़ें- Special: ब्यूटी सैलून के व्यवसाय पर लॉकडाउन का 'ग्रहण', 9 हजार बारबर प्रभावित

प्रदेश सरकार ने खरीफ ऋण वितरण के लिए जिलों के लक्ष्य भी तय किए हैं. जिसमें आगामी 31 अगस्त तक में रहा 10 हजार करोड़ का फसली ऋण वितरित किया जाएगा. केंद्रीय सहकारी बैंक श्रीगंगानगर इस बार सर्वाधिक 700 करोड़ रुपए का ऋण वितरण करेगा. हनुमानगढ़ में 630 करोड़ रुपए, बाड़मेर 600 करोड़, जयपुर 570 करोड़, पाली 500 करोड़, सीकर 470 करोड़, जोधपुर और चित्तौड़गढ़ 460-460 करोड़, जालोर 450 करोड़, भीलवाड़ा 430 करोड़, झालावाड़ 410 करोड़, झुंझुनू 350 करोड़, नागौर और कोटा 340-340 करोड़, अलवर 330 करोड़, अजमेर 310 करोड़, और भरतपुर में 300 करोड़ किसानों को वितरित किया जा रहा है.

इसी तरह सवाई माधोपुर में 290 करोड़, बीकानेर और चूरू में 240-240 करोड़, दौसा, उदयपुर और बूंदी में 220-220 करोड़ रुपए, बारां में 200 करोड़ रुपए, जैसलमेर में 180 करोड़, सिरोही में 170 करोड़, बांसवाड़ा में 150 करोड़, डूंगरपुर में 120 करोड़ और टोंक में 100 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त सहकारी फसली ऋण वितरण किया जा रहा है. इस बार खरीफ के लिए फसली ऋण का वितरण 1 अप्रैल से शुरू हुआ है. लेकिन इसमें जिन किसानों ने पहले रजिस्ट्रेशन कराया है. उन्हें पहले और जिनका रजिस्ट्रेशन बाद में हुआ उन्हें बाद में ऋण वितरण किया जाएगा.

जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना के संकट के बीच सरकार ने अन्नदाता यानी किसानों को खरीफ के लिए ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण कराना शुरू कर दिया है. इस बार खरीफ के लिए प्रदेश सरकार 25 लाख किसानों को 10 हजार करोड़ का ऋण वितरण करेगी. जिसमें से 5 लाख 12 हजार 674 किसानों को 1698 करोड़ 48 लाख रुपये का वितरण हो चुका है. हालांकि अब भी कुछ समस्याएं है, जिसका सामना हर बार किसान को करना पड़ता है.

किसानों का कहना है की समय पर ऋण की राशि नहीं मिल पाने से मजबूरी में बाजार से कर्जा लेकर बुआई के लिए बीज सहित अन्य का इंतजाम करना पड़ता है. वहीं, पिछले साल भी विभाग ने खेतों में बुआई का समय निकलने के बाद किसानों को बीज उपलब्ध कराए थे.

किसानों को खरीफ फसली ऋण का वितरण

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ऋण वितरण इस बार बायोमेट्रिक पद्धति से ही किया जा रहा है. वहीं, जिन किसानों ने पिछला फसली ऋण नहीं चुकाया, उन्हें ये ऋण नहीं मिल पाएगा. हालांकि कोरोना के संकट को देखते हुए इस बार फसली ऋण चुकाने की तय समय सीमा 30 जून तक बढ़ा दी गई है.

मतलब 30 जून तक जो रजिस्टर्ड किसान अपना पुराना बकाया फसली ऋण चुका देगा, उसे सरकार नया फसली ऋण दे देगी. वहीं, किसान महापंचायत के प्रदेशाध्यक्ष रामपाल जाट की मांग है कि कोरोना से बचाव को देखते हुए बायोमेट्रिक प्रणाली के बजाय ओटीपी प्रणाली से यह ऋण वितरित किया जाए. आपदा के समय जो किसान पुराना फसली ऋण नहीं चुका पाए हैं, उन्हें भी सरकार बड़ा दिल रखते हुए नया लोन दे.

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प्रदेश सरकार ने खरीफ ऋण वितरण के लिए जिलों के लक्ष्य भी तय किए हैं. जिसमें आगामी 31 अगस्त तक में रहा 10 हजार करोड़ का फसली ऋण वितरित किया जाएगा. केंद्रीय सहकारी बैंक श्रीगंगानगर इस बार सर्वाधिक 700 करोड़ रुपए का ऋण वितरण करेगा. हनुमानगढ़ में 630 करोड़ रुपए, बाड़मेर 600 करोड़, जयपुर 570 करोड़, पाली 500 करोड़, सीकर 470 करोड़, जोधपुर और चित्तौड़गढ़ 460-460 करोड़, जालोर 450 करोड़, भीलवाड़ा 430 करोड़, झालावाड़ 410 करोड़, झुंझुनू 350 करोड़, नागौर और कोटा 340-340 करोड़, अलवर 330 करोड़, अजमेर 310 करोड़, और भरतपुर में 300 करोड़ किसानों को वितरित किया जा रहा है.

इसी तरह सवाई माधोपुर में 290 करोड़, बीकानेर और चूरू में 240-240 करोड़, दौसा, उदयपुर और बूंदी में 220-220 करोड़ रुपए, बारां में 200 करोड़ रुपए, जैसलमेर में 180 करोड़, सिरोही में 170 करोड़, बांसवाड़ा में 150 करोड़, डूंगरपुर में 120 करोड़ और टोंक में 100 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त सहकारी फसली ऋण वितरण किया जा रहा है. इस बार खरीफ के लिए फसली ऋण का वितरण 1 अप्रैल से शुरू हुआ है. लेकिन इसमें जिन किसानों ने पहले रजिस्ट्रेशन कराया है. उन्हें पहले और जिनका रजिस्ट्रेशन बाद में हुआ उन्हें बाद में ऋण वितरण किया जाएगा.

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