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MLA Meena Big Statement : घोघरा के इस्तीफे के बाद अब विधायक रामलाल मीणा ने कहा- डूंगरपुर में कांग्रेस का बिखरना शुरू

बीटीपी की चुनौती के बाद अब आदिवासी बेल्ट में कांग्रेस के अपने ही गहलोत सरकार के लिए मुसीबत का सबब बन रहे हैं. ताजा मामला कांग्रेस के प्रतापगढ़ विधायक से जुड़ा हुआ है. घोघरा के इस्तीफे के बाद (Condition of Congress in Dungarpur) अब रामलाल मीणा भी प्रदेश सरकार को चेतावनी दे रहे हैं. मीणा ने ट्वीट कर डूंगरपुर की राजनीति को लेकर बड़ी बात कही है.

MLA Ramlal Meena
विधायक रामलाल मीणा
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Published : May 24, 2022, 3:30 PM IST

जयपुर. आदिवासी बेल्ट डूंगरपुर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा और उदयपुर में कांग्रेस पार्टी को पहले ही बीटीपी से कड़ी चुनौती मिल रही है. इस इलाके में जहां कांग्रेस का एक बड़ा वोट बैंक पहले ही बीटीपी में शिफ्ट हो चुका है तो वहीं अब आदिवासी बेल्ट के कांग्रेस विधायक भी पार्टी के सामने (Disintegration of Congress Started in Dungarpur) बड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं. जहां यूथ कांग्रेस अध्यक्ष और डूंगरपुर से विधायक गणेश घोघरा पहले ही नाराजगी के चलते अपना इस्तीफा दे चुके हैं.

वहीं, प्रतापगढ़ के कांग्रेस विधायक रामलाल मीणा भी गणेश घोघरा के समर्थन के बहाने कांग्रेस पर प्रहार कर रहे हैं. गणेश घोघरा के इस्तीफे के बाद रामलाल मीणा ने कहा था कि गणेश घोघरा की आवाज को दबाना जनता की आवाज को दबाने जैसा है तो वहीं सोमवार देर रात फिर रामलाल मीणा ने ऐसा ट्वीट किया जिससे कांग्रेस आलाकमान की पेशानी पर चिंता की लकीरें आना लाजमी होगा. रामलाल मीणा ने ट्वीट में यह लिख दिया कि डूंगरपुर में कांग्रेस बिखरना प्रारंभ हो चुकी है. शीर्ष नेतृत्व ध्यान दे.

Ramlal Meena Tweet
रामलाल मीणा का ट्वीट...

उन्होंने अपने ट्वीट में आगे लिखा कि डेढ़ वर्ष बाद (MLA Meena Big Statement) विधानसभा चुनाव है, उनके परिणामों पर भी ध्यान दें. सीधे तौर पर आदिवासी क्षेत्र के यह कांग्रेस विधायक इस बात पर नाराजगी जता रहे हैं कि आदिवासी इलाके से अगर राज्यसभा में किसी गैर आदिवासी को भेजा जाता है तो वह उसका विरोध करेंगे. साफ तौर पर इन विधायकों का हमला कांग्रेस के निवर्तमान जिला अध्यक्ष दिनेश खोड़निया पर है, जो राज्यसभा के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं.

पढ़ें : डूंगरपुर कांग्रेस में दरार...विधायक घोघरा ने निवर्तमान कांग्रेस जिलाध्यक्ष समेत प्रशासन पर साधा निशाना, कहा- 'मैं गुलाम एमएलए नहीं'

अब जिस तरीके से आदिवासी और गैर आदिवासी की बात कांग्रेस पार्टी के अंदर ही न केवल विधायकों ने उठानी शुरू कर दी है, बल्कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य रघुवीर मीणा भी इस बात का समर्थन कर रहे हैं कि आदिवासी बेल्ट से जनता की आवाज राज्यसभा में उठाने के लिए आदिवासी को ही भेजा जाए. ऐसे में दिनेश खोड़निया की राज्यसभा की दावेदारी तो लगभग समाप्त हो ही चुकी है. आदिवासी विधायकों और नेताओं की एकता कांग्रेस के सामने एक नई चुनौती भी पेश कर रही है.

जयपुर. आदिवासी बेल्ट डूंगरपुर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा और उदयपुर में कांग्रेस पार्टी को पहले ही बीटीपी से कड़ी चुनौती मिल रही है. इस इलाके में जहां कांग्रेस का एक बड़ा वोट बैंक पहले ही बीटीपी में शिफ्ट हो चुका है तो वहीं अब आदिवासी बेल्ट के कांग्रेस विधायक भी पार्टी के सामने (Disintegration of Congress Started in Dungarpur) बड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं. जहां यूथ कांग्रेस अध्यक्ष और डूंगरपुर से विधायक गणेश घोघरा पहले ही नाराजगी के चलते अपना इस्तीफा दे चुके हैं.

वहीं, प्रतापगढ़ के कांग्रेस विधायक रामलाल मीणा भी गणेश घोघरा के समर्थन के बहाने कांग्रेस पर प्रहार कर रहे हैं. गणेश घोघरा के इस्तीफे के बाद रामलाल मीणा ने कहा था कि गणेश घोघरा की आवाज को दबाना जनता की आवाज को दबाने जैसा है तो वहीं सोमवार देर रात फिर रामलाल मीणा ने ऐसा ट्वीट किया जिससे कांग्रेस आलाकमान की पेशानी पर चिंता की लकीरें आना लाजमी होगा. रामलाल मीणा ने ट्वीट में यह लिख दिया कि डूंगरपुर में कांग्रेस बिखरना प्रारंभ हो चुकी है. शीर्ष नेतृत्व ध्यान दे.

Ramlal Meena Tweet
रामलाल मीणा का ट्वीट...

उन्होंने अपने ट्वीट में आगे लिखा कि डेढ़ वर्ष बाद (MLA Meena Big Statement) विधानसभा चुनाव है, उनके परिणामों पर भी ध्यान दें. सीधे तौर पर आदिवासी क्षेत्र के यह कांग्रेस विधायक इस बात पर नाराजगी जता रहे हैं कि आदिवासी इलाके से अगर राज्यसभा में किसी गैर आदिवासी को भेजा जाता है तो वह उसका विरोध करेंगे. साफ तौर पर इन विधायकों का हमला कांग्रेस के निवर्तमान जिला अध्यक्ष दिनेश खोड़निया पर है, जो राज्यसभा के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं.

पढ़ें : डूंगरपुर कांग्रेस में दरार...विधायक घोघरा ने निवर्तमान कांग्रेस जिलाध्यक्ष समेत प्रशासन पर साधा निशाना, कहा- 'मैं गुलाम एमएलए नहीं'

अब जिस तरीके से आदिवासी और गैर आदिवासी की बात कांग्रेस पार्टी के अंदर ही न केवल विधायकों ने उठानी शुरू कर दी है, बल्कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य रघुवीर मीणा भी इस बात का समर्थन कर रहे हैं कि आदिवासी बेल्ट से जनता की आवाज राज्यसभा में उठाने के लिए आदिवासी को ही भेजा जाए. ऐसे में दिनेश खोड़निया की राज्यसभा की दावेदारी तो लगभग समाप्त हो ही चुकी है. आदिवासी विधायकों और नेताओं की एकता कांग्रेस के सामने एक नई चुनौती भी पेश कर रही है.

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