जयपुर. निकाय चुनाव में मिले बेहतर परिणामों के बाद अब कांग्रेस जिला परिषद और पंचायत चुनाव को लेकर उत्साहित है. जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव में भी बिना संगठन के चुनावी मैदान में उतरने वाली कांग्रेस पूरी तरीके से विधायकों पर ही निर्भर नजर आ रही है. हालांकि कांग्रेस ने जिलों में अपने ऑब्जर्वर भेज कर टिकट वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाने की कोशिश की है. लेकिन ज्यादातर जगह विधायकों के सुझाव पर ही टिकट दिए जा रहे हैं.
ऐसे में चुनाव जिताने का दारोमदार पूरी तरह से विधायकों पर ही रहने वाला है. जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव के लिए कांग्रेस में प्रत्याशी चयन के लिए शुरू हुई कवायद अब अपने आखिरी दौर में है. लगातार तीन दिन तक अपने-अपने प्रभार वाले जिलों में रहकर संभावित दावेदारों के बारे में फीडबैक लेने के बाद कांग्रेस के पर्यवेक्षकों ने गुरुवार को जयपुर लौट गए हैं. पर्यवेक्षक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को को तीन-तीन नामों का पैनल सौंपा चुके हैं.
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वहीं शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पर्यवेक्षकों के साथ बैठक कर तीन नामों में से ए नाम तय करने का काम किया. जिसके बाद नामों की लिस्ट बनाकर वापस पर्यवेक्षकों को ही सौंप दिया है. अब पर्यवेक्षक शनिवार को फिर अपने प्रभार वाले जिलों में चले जाएंगे और पार्टी के विधायकों और स्थानीय नेताओं के साथ बैठक संभावित उम्मीदवार के नाम की घोषणा करने साथ ही पार्टी का सिंबल भी प्रदान करेंगे.
बता दें कि जिला परिषद और पंचायत चुनाव के लिए कांग्रेस ने 21 जिलों में 21 पर्यवेक्षक नियुक्त किए थे, जिनमें 10 वर्तमान विधायक और दो मंत्री भी शामिल है. पर्यवेक्षकों ने 3 दिन तक अपने अपने प्रभाव वाले जिलों में जाकर स्थानीय नेताओं विधायकों साथ बैठक कर जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्य चुनाव के लिए संभावित दावेदारों का फीडबैक लिया था. पंचायत चुनाव और जिला परिषद चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 9 नवंबर है. पंचायत और जिला परिषद के चुनाव 4 चरणों में होने हैं.
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दरअसल निकाय चुनाव की तर्ज पर इस चुनाव में भी कांग्रेस बिना संगठन के ही चुनाव मैदान में उतरेगी. ऐसे में प्रत्याशियों को जिताने का दारोमदार पूरी तरीके से कांग्रेस के विधायकों और विधायक प्रत्याशियों पर ही रहेगा. चुनाव के लिए कांग्रेस ने टिकट वितरण में ऑब्जर्वर सिस्टम और सुझाव देने की प्रक्रिया की है. लेकिन ज्यादातर टिकट सिटिंग एमएलए और चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस के प्रत्याशियों के सुझावों के आधार पर ही दिए जाएंगे. ऐसे में देखना होगा कि हाल ही में 3 शहरों के 6 नगर निगमों के चुनावों से मिले परिणामों से उत्साहित कांग्रेस बिना संगठन के पंचायत चुनाव में कितना बेहतर प्रदर्शन कर पाती है.