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ना कचरा सेग्रीगेट हो रहा, ना गंदी गलियों की हो रही सफाई...कैसे सुधरेगी स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में रैंकिंग ?

नगर निगम प्रशासन लगातार गीला और सूखा कचरा अलग-अलग रखने के काम में जुटा रहता है, लेकिन हेरिटेज हो या ग्रेटर नगर निगम डोर टू डोर कचरा संग्रहण का काम करने वाली बीवीजी कंपनी के हूपर में गीला और सूखा कचरा अलग-अलग एकत्रित करने की कोई व्यवस्था ही नहीं है. जिसके बाद अब सवाल ये है कि 2021 में जयपुर की रैंक कैसे सुधरेगी.

Latest hindi news of jaipur, हेरीटेज निगम क्षेत्र
जयपुर में गंदी गलियों और नालियों की नहीं हो रही सफाई
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Published : Dec 28, 2020, 10:43 PM IST

जयपुर. नगर निगम प्रशासन शहर वासियों को गीला और सूखा कचरा अलग-अलग रखने के लिए ताकीद तो करता है, लेकिन डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाले हूपरों में ये व्यवस्था नदारद रहती है. यही नहीं हेरिटेज निगम क्षेत्र में 5,200 गलियां मौजूद हैं और अब तक महज एक हजार गलियों को ही साफ किया जा सका है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि आखिर स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में जयपुर की रैंक कैसे सुधरेगी.

जयपुर में गंदी गलियों और नालियों की नहीं हो रही सफाई

स्वच्छ सर्वेक्षण में अच्छी रैंक हासिल करने के लिए निगम प्रशासन अक्सर जनता को जिम्मेदार ठहराते हैं. कचरे को सेग्रीगेट करने का पाठ पढ़ाया जाता है, लेकिन हकीकत ये है कि हेरिटेज हो या ग्रेटर नगर निगम डोर टू डोर कचरा संग्रहण का काम करने वाली बीवीजी कंपनी के हूपर में गीला और सूखा कचरा अलग-अलग एकत्रित करने की कोई व्यवस्था ही नहीं है. हालांकि इस बार सर्वेक्षण में इस पर विशेष ध्यान रखा जाएगा.

ग्रेटर नगर निगम कमिश्नर दिनेश यादव ने बताया कि सूखा और गीला कचरा सेग्रीगेट कर डिस्पोज हो ये बहुत जरूरी है. इसके लिए दोबारा कवायद शुरू की गई है. अब इस तरह की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी कि सूखा और गीला कचरा अलग अलग लिया जाए और उसे अलग-अलग ही डिस्पोजल किया जाए. उन्होंने कहा कि शहर वासियों को समय दिया जाएगा और उसके बाद भी यदि कोई भी व्यक्ति कचरे को सेग्रीगेट नहीं करता है, तो संभव है कि ऐसे व्यक्तियों का कचरा ही ना लें. हेरिटेज निगम क्षेत्र में प्रमुख बाजार और तंग गलियों की सफाई भी बड़ी चुनौती है. हालांकि प्रमुख बाजारों में नाइट स्वीपिंग जरूर हो रही है, लेकिन अभी भी महज 20 फीसदी तंग गलियों की ही सफाई की जा सकी है.

पढ़ें- गहलोत सरकार की विफलता गिनाने के लिए भाजपा ओबीसी मोर्चा ने किया विरोध-प्रदर्शन, उड़ाए काले गुब्बारे

हेरिटेज निगम आयुक्त लोकबंधु ने बताया कि हेरिटेज निगम में शहर के प्रमुख बाजार आते हैं. उसके लिए नाइट स्वीपिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसके अलावा जो गंदी गलियां हैं उनमें टाइम बाउंड मैनर में सफाई के निर्देश दिए जा चुके हैं. क्षेत्र में लगभग 5200 गलियां हैं, जहां सफाई होनी है. इसके अलावा डोर टू डोर कलेक्शन और कचरे के डिस्पोजल पर भी ध्यान दिया जा रहा है.

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गंदी गलियों की नहीं हो रही सफाई

उन्होंने उम्मीद जताई कि अच्छा काम करके अच्छी रैंक हासिल की जाएगी. और जहां तक डोर टू डोर कचरा संग्रहण से जुड़ी शिकायतों की बात है. उस पर त्वरित कार्रवाई की जाती है और वो खुद भी सप्ताह में 3 दिन फील्ड में जाकर इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं और अब काम नहीं होगा तो कांट्रेक्टर पर पेनल्टी भी लगाई जाएगी. दरअसल, स्वच्छता सर्वेक्षण में कचरे के सेग्रीगेशन के भी अंक हैं, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में ये अंक दोनों ही निगम के लिए दूर की कौड़ी नजर आ रहे हैं.

जयपुर. नगर निगम प्रशासन शहर वासियों को गीला और सूखा कचरा अलग-अलग रखने के लिए ताकीद तो करता है, लेकिन डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाले हूपरों में ये व्यवस्था नदारद रहती है. यही नहीं हेरिटेज निगम क्षेत्र में 5,200 गलियां मौजूद हैं और अब तक महज एक हजार गलियों को ही साफ किया जा सका है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि आखिर स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में जयपुर की रैंक कैसे सुधरेगी.

जयपुर में गंदी गलियों और नालियों की नहीं हो रही सफाई

स्वच्छ सर्वेक्षण में अच्छी रैंक हासिल करने के लिए निगम प्रशासन अक्सर जनता को जिम्मेदार ठहराते हैं. कचरे को सेग्रीगेट करने का पाठ पढ़ाया जाता है, लेकिन हकीकत ये है कि हेरिटेज हो या ग्रेटर नगर निगम डोर टू डोर कचरा संग्रहण का काम करने वाली बीवीजी कंपनी के हूपर में गीला और सूखा कचरा अलग-अलग एकत्रित करने की कोई व्यवस्था ही नहीं है. हालांकि इस बार सर्वेक्षण में इस पर विशेष ध्यान रखा जाएगा.

ग्रेटर नगर निगम कमिश्नर दिनेश यादव ने बताया कि सूखा और गीला कचरा सेग्रीगेट कर डिस्पोज हो ये बहुत जरूरी है. इसके लिए दोबारा कवायद शुरू की गई है. अब इस तरह की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी कि सूखा और गीला कचरा अलग अलग लिया जाए और उसे अलग-अलग ही डिस्पोजल किया जाए. उन्होंने कहा कि शहर वासियों को समय दिया जाएगा और उसके बाद भी यदि कोई भी व्यक्ति कचरे को सेग्रीगेट नहीं करता है, तो संभव है कि ऐसे व्यक्तियों का कचरा ही ना लें. हेरिटेज निगम क्षेत्र में प्रमुख बाजार और तंग गलियों की सफाई भी बड़ी चुनौती है. हालांकि प्रमुख बाजारों में नाइट स्वीपिंग जरूर हो रही है, लेकिन अभी भी महज 20 फीसदी तंग गलियों की ही सफाई की जा सकी है.

पढ़ें- गहलोत सरकार की विफलता गिनाने के लिए भाजपा ओबीसी मोर्चा ने किया विरोध-प्रदर्शन, उड़ाए काले गुब्बारे

हेरिटेज निगम आयुक्त लोकबंधु ने बताया कि हेरिटेज निगम में शहर के प्रमुख बाजार आते हैं. उसके लिए नाइट स्वीपिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसके अलावा जो गंदी गलियां हैं उनमें टाइम बाउंड मैनर में सफाई के निर्देश दिए जा चुके हैं. क्षेत्र में लगभग 5200 गलियां हैं, जहां सफाई होनी है. इसके अलावा डोर टू डोर कलेक्शन और कचरे के डिस्पोजल पर भी ध्यान दिया जा रहा है.

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गंदी गलियों की नहीं हो रही सफाई

उन्होंने उम्मीद जताई कि अच्छा काम करके अच्छी रैंक हासिल की जाएगी. और जहां तक डोर टू डोर कचरा संग्रहण से जुड़ी शिकायतों की बात है. उस पर त्वरित कार्रवाई की जाती है और वो खुद भी सप्ताह में 3 दिन फील्ड में जाकर इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं और अब काम नहीं होगा तो कांट्रेक्टर पर पेनल्टी भी लगाई जाएगी. दरअसल, स्वच्छता सर्वेक्षण में कचरे के सेग्रीगेशन के भी अंक हैं, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में ये अंक दोनों ही निगम के लिए दूर की कौड़ी नजर आ रहे हैं.

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