ETV Bharat / city

साहित्य उत्सव 'जीआईपीएल फेस्ट-2021' में साहित्य और सिनेमा पर हुआ संवाद

जयपुर इंटरनेशनल पोएट्री लाइब्रेरी की ओर से साहित्य उत्सव जीआईपीएल फेस्ट-2021 का आयोजन किया जा रहा है. इसमें साहित्य और सिनेमा सहित अन्य विषय पर संवाद किया गया.

jaipur news, Sahitya Utsav, GIPL FEST-2121
साहित्य उत्सव 'जीआईपीएल फेस्ट-2021' में साहित्य और सिनेमा पर हुआ संवाद
author img

By

Published : Feb 28, 2021, 3:45 PM IST

जयपुर. जयपुर इंटरनेशनल पोएट्री लाइब्रेरी की ओर से साहित्य उत्सव जीआईपीएल फेस्ट 2021 का आयोजन हो रहा है. जीआईपीएल के विभिन्न सत्रों में साहित्य सिनेमा सहित अन्य विषय पर संवाद किया गया. वक्ताओं ने साहित्य और सिनेमा के माध्यम से समाज और विश्व कैसे बेहतर हो इस पर अपने विचार पेश किए. वहीं फिल्म निर्माण के गुर भी युवाओं को बताए गए.

साहित्य उत्सव 'जीआईपीएल फेस्ट-2021' में साहित्य और सिनेमा पर हुआ संवाद

प्रथम सत्र में चर्चा करते हुए सवाई सिंह शेखावत ने कहा कि साहित्य वह है, जो संस्कार देकर मति को परिष्कृत करें. कोई भी समाज साहित्य और कलाओं के बिना आगे नहीं बढ़ सकता. वहीं साहित्यकार दुर्गा प्रसाद अग्रवाल ने कहा कि दूसरों की पीड़ा को समझना है, वह इंसान होता है. साहित्य कला संस्कृति को समझने वाला भी बेहतर मनुष्य होता है. इसलिए कला हमारे जीवन को संवार देती है.

जीआईपीएल फेस्ट 2021 में स्त्री विमर्श सत्र भी आयोजित हुआ, इसमें सुजाता, कविता माथुर, रेशमा खान और मनीषा कुलश्रेष्ठ के साथ शिवानी शर्मा ने अपने-अपने विचार रखें. इसमें स्त्री लेखन के साथ ही जमीन पर भी काम करने की जरूरत बताई गई. जिन महिलाओं के लिए लिखा जा रहा है, वह महिलाएं भी उस लेखन से परिचित हो और आगे बढ़े. वहीं पुस्तक उसने गांधी को क्यों मारा विषय पर सत्र में लेखक अशोक कुमार पांडे से तस्लीम खान ने चर्चा की.

सत्र में लेखक पांडे ने कहा कि मुरारजी देसाई गांधी हत्या के मामले में गवाह थे, लेकिन उन्होंने अपना कर्तव्य सही ढंग से नहीं निभाया. वहीं सावरकर को अदालत ने साक्ष्य नहीं मिलने के कारण बरी किया था. बाद में कपूर आयोग ने सावरकर को दोषी माना, लेकिन उसके 2 साल पहले ही सावरकर की मौत हो चुकी थी, इसलिए उन पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता.

यह भी पढ़ें- नाकाबंदी तोड़ बदमाशों ने की जोधपुर पुलिस पर फायरिंग, एक जवान के पैर में लगी गोली

वहीं सुनील प्रसाद शर्मा की पुस्तक 'लॉकडाउन रोजनामचा मौत मिले पर माटी में' किताब पर अनुराग सोनी ने चर्चा की. इस पुस्तक में लेखक ने कोरोना के दौरान रियल और अनसीन हीरो के पात्रों को घडते हुए लॉकडाउन के समय की मार्मिक घटनाओं को प्रस्तुत किया और बेबाकी से सिस्टम और समाज से सवाल किया. इस सत्र में ललित जोशी ने भी भाग लिया और सेशन का संचालन शैलेष सोनी ने किया.

जयपुर. जयपुर इंटरनेशनल पोएट्री लाइब्रेरी की ओर से साहित्य उत्सव जीआईपीएल फेस्ट 2021 का आयोजन हो रहा है. जीआईपीएल के विभिन्न सत्रों में साहित्य सिनेमा सहित अन्य विषय पर संवाद किया गया. वक्ताओं ने साहित्य और सिनेमा के माध्यम से समाज और विश्व कैसे बेहतर हो इस पर अपने विचार पेश किए. वहीं फिल्म निर्माण के गुर भी युवाओं को बताए गए.

साहित्य उत्सव 'जीआईपीएल फेस्ट-2021' में साहित्य और सिनेमा पर हुआ संवाद

प्रथम सत्र में चर्चा करते हुए सवाई सिंह शेखावत ने कहा कि साहित्य वह है, जो संस्कार देकर मति को परिष्कृत करें. कोई भी समाज साहित्य और कलाओं के बिना आगे नहीं बढ़ सकता. वहीं साहित्यकार दुर्गा प्रसाद अग्रवाल ने कहा कि दूसरों की पीड़ा को समझना है, वह इंसान होता है. साहित्य कला संस्कृति को समझने वाला भी बेहतर मनुष्य होता है. इसलिए कला हमारे जीवन को संवार देती है.

जीआईपीएल फेस्ट 2021 में स्त्री विमर्श सत्र भी आयोजित हुआ, इसमें सुजाता, कविता माथुर, रेशमा खान और मनीषा कुलश्रेष्ठ के साथ शिवानी शर्मा ने अपने-अपने विचार रखें. इसमें स्त्री लेखन के साथ ही जमीन पर भी काम करने की जरूरत बताई गई. जिन महिलाओं के लिए लिखा जा रहा है, वह महिलाएं भी उस लेखन से परिचित हो और आगे बढ़े. वहीं पुस्तक उसने गांधी को क्यों मारा विषय पर सत्र में लेखक अशोक कुमार पांडे से तस्लीम खान ने चर्चा की.

सत्र में लेखक पांडे ने कहा कि मुरारजी देसाई गांधी हत्या के मामले में गवाह थे, लेकिन उन्होंने अपना कर्तव्य सही ढंग से नहीं निभाया. वहीं सावरकर को अदालत ने साक्ष्य नहीं मिलने के कारण बरी किया था. बाद में कपूर आयोग ने सावरकर को दोषी माना, लेकिन उसके 2 साल पहले ही सावरकर की मौत हो चुकी थी, इसलिए उन पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता.

यह भी पढ़ें- नाकाबंदी तोड़ बदमाशों ने की जोधपुर पुलिस पर फायरिंग, एक जवान के पैर में लगी गोली

वहीं सुनील प्रसाद शर्मा की पुस्तक 'लॉकडाउन रोजनामचा मौत मिले पर माटी में' किताब पर अनुराग सोनी ने चर्चा की. इस पुस्तक में लेखक ने कोरोना के दौरान रियल और अनसीन हीरो के पात्रों को घडते हुए लॉकडाउन के समय की मार्मिक घटनाओं को प्रस्तुत किया और बेबाकी से सिस्टम और समाज से सवाल किया. इस सत्र में ललित जोशी ने भी भाग लिया और सेशन का संचालन शैलेष सोनी ने किया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.