जयपुर. कोरोना वायरस के चलते पर्यटन विभाग ने धुलेंडी फेस्टिवल को निरस्त कर दिया है. हालांकि इसकी घोषणा हो चुकी है लेकिन लिखित में आदेश जारी होना बाकी है. धुलेंडी फेस्टिवल में लगभग 35 हजार देशी विदेशी पर्यटक खासा कोठी में रंगों की होली खेलते है. इसलिए धुलेंडी को रद्द कर दिया है.
इसी के साथ होली से पूर्व पूर्वी एशियाई देशों ने अपने पर्यटकों को एडवाइजरी जारी कर दी है जिससे जयपुर ही नहीं पूरे प्रदेश में पर्यटकों की बुकिंग कैंसिल होने लगी है. फेस्टिव सीजन में पर्यटकों को कैच करने के लिए पर्यटन उद्योग पिछले तीन महीनों से तैयारी कर रहा था. ट्रैवल ट्रेड ने पर्यटन सत्र के समापन के लिए जयपुर के विश्व प्रसिद्ध धुलेंडी उत्सव, गणगौर और विल्डरली कांग्रेस के अलावा आईपीएल मैचों के लिए एडवांस बुकिंग लेना शुरू कर दिया था.
मार्च महीने को राजस्थान पर्यटन के लिहाज से गोल्डन पीरियड माना जाता है. लेकिन पहले बर्लिन आईटीबी, फिर विल्डरली कांग्रेस और अब धुलेंडी उत्सव को रद्द करने से पर्यटन उद्योग की कमर टूट गई है. ट्रैवल एजेंसी और टूर ऑपरेटर्स ने एडवांस बुकिंग के तौर पर करोड़ों रुपए एडवांस भी ले लिए और ईवेंट्स की श्रंखला भी तैयार कर ली. लेकिन इन सबको कोरोना वायरस की वजह से रद्द किया गया. यूएस, फ्रांस, जर्मनी जैसे युरोपिय और पूर्वी एशियाई देशों ने जयपुर में कोरोना वायरस के रोगी मिलने के बाद एडवाइजरी जारी कर अपने देश के नागरिकों को राजस्थान जाने से मना किया है.
यही नहीं यहां पहले से मौजूद पर्यटकों को भी वापस लौटने की सलाह दी है. इसके बाद से ही पिछले तीन-चार दिन में सैकड़ों विदेशी सैलानियों ने अपनी बुकिंग रद्द करवा दी है. इन दोनों देशों को देखकर अन्य यूरोपीय देशों ने भी अपने नागरिकों को पूरी जानकारी के बाद ही भारत जाने या ना जाने का फैसला करने को कहा है. एतियात के तौर पर आरटीडीसी ने भी होटल्स और रेस्टोरेंट में सावधानी बरतने के निर्देश जारी किए हैं.
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मार्च में कोरोना के भय से प्रदेश की टूरिज्म इंडस्ट्री धड़ाम से नीचे गिरी है. ट्रैवल ट्रेड ने जो सीजन को भुनाने के सपने देखे थे वो सब धराशाही हो गए है. यही नहीं बुकिंग कैंसिल होने से ट्रैवल ट्रेड को करोड़ों के नुकसान का अंदेशा है. ट्रैवल ट्रेड से जुड़े तमाम अन्य बिजनेस जिनमें होटल, ट्रांसपोर्ट, इवेंट मैनजमेंट, पैलेस ऑन व्हील्स, कैटरिंग, गाइड और हाथी घोड़ों के इवेंट कराने वाले व्यवसायी भी सदमे में है. इतना तय है कि जिस तेजी से बुकिंग रद्द हो रही है उससे फेस्टिवल सीजन में राजस्थान पर्यटन को मोटा नुकसान होने का अंदेशा है, जिसे उबरने में लंबा वक्त लग सकता है.