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धर्मस्थल खोलने को लेकर देवस्थान विभाग कर रहा मंथन, 2 दिन बाद हो सकता है निर्णय

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Published : May 28, 2020, 4:30 PM IST

राजस्थान में लॉकडाउन 4.0 के बाद 1 जून से मंदिर खोलने की अनुमति दी जाए या नहीं, इसको लेकर देवस्थान विभाग मंथन कर रहा है. कहा जा रहा है कि इसको लेकर 2 दिन बाद निर्णय हो जाएगा. वहीं, धर्मावलंबियों का कहना है अगर सरकार 1 जून से अनुमति देती है तो गाइडलाइन की पूरी तरह से पालना की जाएगी.

Jaipur News, Rajasthan News, देवस्थान विभाग का निर्णय
देवस्थान विभाग धर्मस्थल खोलने को लेकर जल्द लेगा निर्णय

जयपुर. प्रदेश में सभी धर्मस्थल लॉकडाउन के चलते करीब 2 महीने से बंद है. इससे धार्मिक आयोजन नहीं हो पा रहे हैं. सिर्फ मंदिर में एक पुजारी ही पूजा करते नजर आते हैं और श्रद्धालु ऑनलाइन ही भगवान के दर्शन करते दिखते हैं. लेकिन, अब राजस्थान में श्रद्धालुओं के मंदिर खोले जाने को लेकर देवस्थान विभाग के अधिकारी विचार-विमर्श कर रहे हैं.

पढ़ें: कोरोना काल में प्रॉपर्टी बाजार में भी 'लॉकडाउन', अप्रैल माह की रजिस्ट्री में 98 फीसदी गिरावट

दरअसल, बताया जा रहा है कि कर्नाटक में नियमों के साथ सशर्त 1 जून से मंदिर दर्शन और पूजा-पाठ के लिए खोले जाएंगे. हालांकि उन मंदिरों में किसी भी तरह का कोई धार्मिक आयोजन नहीं होगा. ऐसे में राजस्थान में भी लॉकडाउन 4.0 के बाद 1 जून से मंदिर खोलने की अनुमति दी जाए या नहीं, इसको लेकर देवस्थान विभाग मंथन कर रहा है. कहा जा रहा है कि लॉकडाउन 4.0 के बाद कोरोना संक्रमण के मद्देनजर किन शर्तो के साथ अनुमति दी जाए या ना दी जाए, इसको लेकर 2 दिन बाद निर्णय हो जाएगा.

पढ़ें: स्पेशलः बीड़ी उद्योग की टूटी कमर, राजस्थान में 90 हजार लोगों पर रोजी रोटी का संकट

वहीं, इसको लेकर धर्मावलंबियों का कहना है अगर सरकार 1 जून से अनुमति देती है तो गाइडलाइन की पूरी तरह से पालना की जाएगी. महंत कैलाश शर्मा ने कहा कि अगर 1 जून से भक्तों के लिए मंदिर खोलने की सरकार ने अनुमति दी तो हम सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए भक्तों से माला और प्रसाद ग्रहण नहीं करेंगे. दुकानदारों को भी माला नहीं भेजने का आग्रह करेंगे.

साथ ही जामा मस्जिद के सदर अध्यक्ष नईमुद्दीन कुरैशी ने कहा कि प्रदेश के हालातों को देखते हुए पहले सभी जगह लॉकडाउन खुले, फिर धीरे-धीरे थोड़ी-थोड़ी संख्या में धर्मस्थल खोलने चाहिए. इसको लेकर सरकार की एडवाइजरी को अपनाएंगे.

जयपुर. प्रदेश में सभी धर्मस्थल लॉकडाउन के चलते करीब 2 महीने से बंद है. इससे धार्मिक आयोजन नहीं हो पा रहे हैं. सिर्फ मंदिर में एक पुजारी ही पूजा करते नजर आते हैं और श्रद्धालु ऑनलाइन ही भगवान के दर्शन करते दिखते हैं. लेकिन, अब राजस्थान में श्रद्धालुओं के मंदिर खोले जाने को लेकर देवस्थान विभाग के अधिकारी विचार-विमर्श कर रहे हैं.

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दरअसल, बताया जा रहा है कि कर्नाटक में नियमों के साथ सशर्त 1 जून से मंदिर दर्शन और पूजा-पाठ के लिए खोले जाएंगे. हालांकि उन मंदिरों में किसी भी तरह का कोई धार्मिक आयोजन नहीं होगा. ऐसे में राजस्थान में भी लॉकडाउन 4.0 के बाद 1 जून से मंदिर खोलने की अनुमति दी जाए या नहीं, इसको लेकर देवस्थान विभाग मंथन कर रहा है. कहा जा रहा है कि लॉकडाउन 4.0 के बाद कोरोना संक्रमण के मद्देनजर किन शर्तो के साथ अनुमति दी जाए या ना दी जाए, इसको लेकर 2 दिन बाद निर्णय हो जाएगा.

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वहीं, इसको लेकर धर्मावलंबियों का कहना है अगर सरकार 1 जून से अनुमति देती है तो गाइडलाइन की पूरी तरह से पालना की जाएगी. महंत कैलाश शर्मा ने कहा कि अगर 1 जून से भक्तों के लिए मंदिर खोलने की सरकार ने अनुमति दी तो हम सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए भक्तों से माला और प्रसाद ग्रहण नहीं करेंगे. दुकानदारों को भी माला नहीं भेजने का आग्रह करेंगे.

साथ ही जामा मस्जिद के सदर अध्यक्ष नईमुद्दीन कुरैशी ने कहा कि प्रदेश के हालातों को देखते हुए पहले सभी जगह लॉकडाउन खुले, फिर धीरे-धीरे थोड़ी-थोड़ी संख्या में धर्मस्थल खोलने चाहिए. इसको लेकर सरकार की एडवाइजरी को अपनाएंगे.

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