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सावन के दूसरे सोमवार पर श्रद्धालुओं ने की भगवान भोले की पूजा

जयपुर में सावन के दूसरे सोमवार को मंदिरों में श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की पूजा की. श्रद्धालुओं ने पूजा के दौरान कोरोना से बचाव के नियमों की भी पूरी पालना की.

राजस्थान न्यूज  Devotees worshiped Lord Shiv in Jaipur
भगवान भोले की श्रद्धा के साथ हुई पूजा
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Published : Jul 13, 2020, 4:26 PM IST

जयपुर. भगवान भोलेनाथ की आराधना का पवित्र महीना सावन मास का आज दूसरा सोमवार है. सावन में आने वाले सभी सोमवार भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष माने जाते हैं. सोमवार को छोटी काशी जयपुर में भक्त घर पर या मंदिरों में जाकर भगवान शिव की पूजा की.

भगवान भोले की श्रद्धा के साथ हुई पूजा

सावन के दूसरे सोमवार में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए मंदिरों में सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए भगवान शिव का दर्शन और पूजन किया गया. कॉलोनियों में बने छोटे मंदिरों में श्रद्धालुओं ने कोरोना से बचाव के सारे नियमों के साथ भोलेनाथ के दर्शन किए. लोगों ने दर्शन करने के साथ-साथ कोरोना जैसे महामारी के खात्मे की भोलेनाथ से प्रार्थना भी की.

यह भी पढ़ें. नागौर: सावन के दूसरे सोमवार पर श्रद्धालुओं ने किया महादेव का अभिषेक

इस बार सावन में कावड़ यात्रा प्रतिबंधित होने के बाद लोग शिव मंदिरों में दर्शन करने पहुंच रहे हैं. जहां पूरे नियम कायदों के साथ लोगों ने भगवान के दर्शन किए. वहीं कोरोना संक्रमण को देखते हुए शिवालयों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है.

हर मंदिर के गेट पर सैनिटाइजर और थर्मल स्क्रीनिंग का प्रबंध किया गया है. साथ ही मास्क लगाए श्रद्धालुओं को ही मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है. श्रद्धालुओं का कहना है कि अगर आप भगवान को पूरी श्रद्धा से याद करें तो भगवान मनोकामना जरूर पूरी करते हैं.

ऐसे करें व्रत

पंचाग के अनुसार 13 जुलाई को सावन मास की अष्टमी है. सावन के दूसरे सोमवार को व्रत और भगवान भोले की पूजा फलदायी मानी जाती है. सोमवार का व्रत सूर्योदय होते ही किया जा सकता है. सोमवार की सुबह स्नान कर पूजा प्रारंभ करनी चाहिए. भगवान शिव का जलाभिषेक करने से विशेष फल मिलता है. पूजन सामग्री में जल, दूध, दही, चीनी, घी, शहद, फल और पुष्प का प्रयोग करना चाहिए.

जयपुर. भगवान भोलेनाथ की आराधना का पवित्र महीना सावन मास का आज दूसरा सोमवार है. सावन में आने वाले सभी सोमवार भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष माने जाते हैं. सोमवार को छोटी काशी जयपुर में भक्त घर पर या मंदिरों में जाकर भगवान शिव की पूजा की.

भगवान भोले की श्रद्धा के साथ हुई पूजा

सावन के दूसरे सोमवार में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए मंदिरों में सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए भगवान शिव का दर्शन और पूजन किया गया. कॉलोनियों में बने छोटे मंदिरों में श्रद्धालुओं ने कोरोना से बचाव के सारे नियमों के साथ भोलेनाथ के दर्शन किए. लोगों ने दर्शन करने के साथ-साथ कोरोना जैसे महामारी के खात्मे की भोलेनाथ से प्रार्थना भी की.

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इस बार सावन में कावड़ यात्रा प्रतिबंधित होने के बाद लोग शिव मंदिरों में दर्शन करने पहुंच रहे हैं. जहां पूरे नियम कायदों के साथ लोगों ने भगवान के दर्शन किए. वहीं कोरोना संक्रमण को देखते हुए शिवालयों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है.

हर मंदिर के गेट पर सैनिटाइजर और थर्मल स्क्रीनिंग का प्रबंध किया गया है. साथ ही मास्क लगाए श्रद्धालुओं को ही मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है. श्रद्धालुओं का कहना है कि अगर आप भगवान को पूरी श्रद्धा से याद करें तो भगवान मनोकामना जरूर पूरी करते हैं.

ऐसे करें व्रत

पंचाग के अनुसार 13 जुलाई को सावन मास की अष्टमी है. सावन के दूसरे सोमवार को व्रत और भगवान भोले की पूजा फलदायी मानी जाती है. सोमवार का व्रत सूर्योदय होते ही किया जा सकता है. सोमवार की सुबह स्नान कर पूजा प्रारंभ करनी चाहिए. भगवान शिव का जलाभिषेक करने से विशेष फल मिलता है. पूजन सामग्री में जल, दूध, दही, चीनी, घी, शहद, फल और पुष्प का प्रयोग करना चाहिए.

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