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सदन में उठा 45 वर्षों से बंद देवनारायण मंदिर का मसला, दिलावर ने कहा- यह सरकार हिन्दू विरोधी...

भीलवाड़ा के मांडल में 45 वर्षों से बंद पड़े भगवान देवनारायण मंदिर का मामला (Devnarayan Temple Issue Raised in Rajasthan Vidhan Sabha) मंगलवार को राजस्थान विधानसभा में गूंजा. भाजपा विधायक मदन दिलावर और गोपीचंद मीणा ने शून्यकाल में मामला उठाते हुए सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित किया. साथ ही प्रदेश सरकार को हिंदू विरोधी बताते हुए मंदिर खोलने का प्रयास करने वाले गोपाल गुर्जर को रिहा करने की मांग की.

Madan Dilawar
भाजपा विधायक मदन दिलावर
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Published : Mar 22, 2022, 4:34 PM IST

जयपुर. सदन में स्थगन प्रस्ताव के जरिए यह मामला उठाते हुए मदन दिलावर ने कहा कि यह मंदिर केवल इसलिए बंद किया गया है कि इस मंदिर के पास एक वर्ग विशेष का धार्मिक स्थल है.आपत्ति के बाद प्रशासन ने इस मंदिर में ताले लगा दिए. इसके चलते 45 वर्षों से (Devnarayan Temple is Closed for 45 Years) भगवान की पूजा-अर्चना नहीं हुई, उन्हें भोग नहीं लगाया गया.

दिलावर ने कहा कि इससे प्रदेश में हिंदुओं की भावनाएं आहत हैं और वे आक्रोशित हैं. दिलावर ने कहा कि हाल ही में बस्सी के गोपाल गुर्जर ने सरकार से मंदिर खोलने की प्रार्थना की और जब सरकार ने प्रार्थना नहीं सुनी तो उन्होंने खुद वहां जाकर (Demand to reopen Lord Devnarayan temple in Bhilwara) ताला खोलकर साफ-सफाई की और भगवान की पूजा की. लेकिन अब उन्हें भी पुलिस ने पकड़ लिया है.

सदन में किसने क्या कहा, सुनिए...

इसके बाद दिलावर और भी कुछ बोलने लगे तो स्पीकर सीपी जोशी ने उन्हें ये कहते हुए चुप करा दिया कि आपकी बात आपने रख दी है, जो शासन तक पहुंच गई है. हालांकि, जब दिलावर नहीं माने तो और यह तक कह दिया कि अंकित नहीं होगा, तब दिलावर शांत हुए. वहीं, सदन में जहाजपुर से विधायक गोपीचंद मीणा ने ने भी यही मामला उठाते हुए स्पीकर से कहा कि आप खुद हमारे क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं. लेकिन आज देवनारायण मंदिर के बंद होने के चलते पूरे मेवाड़ में गुर्जर ही नहीं, बल्कि अन्य हिंदू समाज और संगठनों में भी आक्रोश व्याप्त है.

पढ़ें : Devnarayan temple in Bhilwara: 45 वर्षों से बंद देवनारायण मंदिर को खुलवाने की मांग तेज, CM से मिलेंगे गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति पदाधिकारी...

पढ़ें : Madan Dilawar targets congress: प्रदेश गुंडे, बदमाशों, दुष्कर्मियों और हमलावरों के पास गिरवी, कानून व्यवस्था चौपटः मदन दिलावर

ऐसे में सरकार और प्रशासन इस मंदिर के ताले खुलवाए और गिरफ्तार किए गए (Latest News on Devnarayan Temple) गोपाल गुर्जर को रिहा करे. इस बीच भाजपा के अन्य विधायकों ने भी इस मामले में बोलने की कोशिश की, लेकिन स्पीकर सीपी जोशी ने यह कहकर शांत करवा दिया कि इस प्लेटफार्म का इस्तेमाल सांप्रदायिकता के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

सदन में भदेल ने सीएम जनआवास और देवनानी ने विज्ञान पार्क में देरी का उठाया मामला : शून्यकाल में अजमेर से आने वाली बीजेपी विधायक अनिता भदेल ने अजमेर जिले में साल 2015 में शुरू हुए मुख्यमंत्री जन आवास योजना के धीमी गति से चल रहे काम की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया. भदेल ने कहा कि योजना 2015 में शुरू होकर 2020 में पूरी होनी थी, लेकिन अब तक यह काम नहीं हो पाया और इस योजना में आवेदन करने वालों को फ्लैट भी नहीं मिला.

अनिता भदेल ने कहा कि अजमेर विकास प्राधिकरण ने धीमी गति से काम कर रहे डेवलपर्स को नोटिस तक नहीं दिया और ना ही कोई जुर्माना लगाया. जवाब में मंत्री शांति धारीवाल ने इस बात को स्वीकार किया कि अजमेर विकास प्राधिकरण ने किसी भी डेवलपर्स पर जुर्माना नहीं लगाया, लेकिन यह भी कहा कि 2 साल कोरोना कालखंड का रहा इसलिए हमने अपना अनुबंध भी आगे बढ़ाया और कोई जुर्माना भी नहीं लगाया. मंत्री ने कहा कि अजमेर में योजना के तहत 19 कार्य होने थे, जिनमें से केवल दो ही शुरू नहीं हुए बल्कि 17 कार्य चल रहे हैं.

भदेल ने कहा कि कोरोना कालखंड तो 2 वर्षों का था, लेकिन डेवलपर्स ने इस योजना में काम ही साल 2019 के बाद शुरू किया. ऐसे में योजना की जो लागत बढ़ेगी उसके बाद अब आवेदकों से क्या अधिक राशि वसूल की जाएगी. इसका जवाब मंत्री को देना चाहिए. इस पर मंत्री ने फ्लेट की कीमत बढ़ाए जाने की बात से इनकार किया.

विज्ञान पार्क की धीमी रफ्तार पर बरसे देवनानी, लेकिन जवाब में घिरी पिछली बीजेपी सरकार : सदन में विधायक वासुदेव देवनानी ने अजमेर में विज्ञान पार्क के निर्माण में हो रही लेटलतीफी का मामला उठाया. देवनानी ने अपने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए कहा कि यहां विज्ञान पर केंद्र और राज्य सरकार का संयुक्त उपक्रम था और उसकी स्वीकृति साल 2015 में मिली, लेकिन आज 7 साल गुजरने के बाद भी विज्ञान पार्क के नाम पर अजमेर में एक ईंट तक नहीं लग पाई.

देवनानी ने कहा कि इसका नुकसान हमारे यहां के बच्चों को हो रहा है, क्योंकि राज्य सरकार की अनदेखी के चलते ही ऐसा हुआ है. क्योंकि राज्य सरकार ने इस प्रोजेक्ट में राशि उपलब्ध कराने में 4 वर्ष का समय लगा दिया. जवाब में मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि साल 2015 में अजमेर विकास प्राधिकरण ने इस विज्ञान पार्क के लिए जमीन दे दी. वहीं, इस स्मार्ट सिटी कंपनी को राज्य सरकार ने 8 करोड़ 64 लाख रुपए की राशि भी साल 2019 में दे दी. अब इस विज्ञान पार्क के निर्माण का कार्य स्मार्ट सिटी और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किया जाना है.

धारीवाल ने यह भी कहा कि अभी राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद ने इस पर सैद्धांतिक मंजूरी दी है, लेकिन एमओयू अब भी होना बाकी है. धारीवाल ने वासुदेव देवनानी के उस आरोप को भी सिरे से नकार दिया, जिसमें राज्य सरकार द्वारा इस प्रोजेक्ट के लिए अपने हिस्से की राशि देने में 4 साल का समय लगाने की बात कही थी. धारीवाल ने कहा कि साल 2015 से लेकर 18 तक राजस्थान में भाजपा की सरकार थी, लेकिन तब भाजपा सरकार ने प्रदेश के हिस्से की राशि इस प्रोजेक्ट के लिए क्यों नहीं दी. हमारी सरकार आई उसके 1 साल के भीतर ही हमने यह राशि दे दी. देवनानी ने कहा कि विज्ञान पार्क के निर्माण कार्य जल्दी हो हम भी चाहते हैं, इसलिए भर्ती से जुड़ी प्रक्रिया भी हम शुरू करेंगे.

जयपुर. सदन में स्थगन प्रस्ताव के जरिए यह मामला उठाते हुए मदन दिलावर ने कहा कि यह मंदिर केवल इसलिए बंद किया गया है कि इस मंदिर के पास एक वर्ग विशेष का धार्मिक स्थल है.आपत्ति के बाद प्रशासन ने इस मंदिर में ताले लगा दिए. इसके चलते 45 वर्षों से (Devnarayan Temple is Closed for 45 Years) भगवान की पूजा-अर्चना नहीं हुई, उन्हें भोग नहीं लगाया गया.

दिलावर ने कहा कि इससे प्रदेश में हिंदुओं की भावनाएं आहत हैं और वे आक्रोशित हैं. दिलावर ने कहा कि हाल ही में बस्सी के गोपाल गुर्जर ने सरकार से मंदिर खोलने की प्रार्थना की और जब सरकार ने प्रार्थना नहीं सुनी तो उन्होंने खुद वहां जाकर (Demand to reopen Lord Devnarayan temple in Bhilwara) ताला खोलकर साफ-सफाई की और भगवान की पूजा की. लेकिन अब उन्हें भी पुलिस ने पकड़ लिया है.

सदन में किसने क्या कहा, सुनिए...

इसके बाद दिलावर और भी कुछ बोलने लगे तो स्पीकर सीपी जोशी ने उन्हें ये कहते हुए चुप करा दिया कि आपकी बात आपने रख दी है, जो शासन तक पहुंच गई है. हालांकि, जब दिलावर नहीं माने तो और यह तक कह दिया कि अंकित नहीं होगा, तब दिलावर शांत हुए. वहीं, सदन में जहाजपुर से विधायक गोपीचंद मीणा ने ने भी यही मामला उठाते हुए स्पीकर से कहा कि आप खुद हमारे क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं. लेकिन आज देवनारायण मंदिर के बंद होने के चलते पूरे मेवाड़ में गुर्जर ही नहीं, बल्कि अन्य हिंदू समाज और संगठनों में भी आक्रोश व्याप्त है.

पढ़ें : Devnarayan temple in Bhilwara: 45 वर्षों से बंद देवनारायण मंदिर को खुलवाने की मांग तेज, CM से मिलेंगे गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति पदाधिकारी...

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ऐसे में सरकार और प्रशासन इस मंदिर के ताले खुलवाए और गिरफ्तार किए गए (Latest News on Devnarayan Temple) गोपाल गुर्जर को रिहा करे. इस बीच भाजपा के अन्य विधायकों ने भी इस मामले में बोलने की कोशिश की, लेकिन स्पीकर सीपी जोशी ने यह कहकर शांत करवा दिया कि इस प्लेटफार्म का इस्तेमाल सांप्रदायिकता के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

सदन में भदेल ने सीएम जनआवास और देवनानी ने विज्ञान पार्क में देरी का उठाया मामला : शून्यकाल में अजमेर से आने वाली बीजेपी विधायक अनिता भदेल ने अजमेर जिले में साल 2015 में शुरू हुए मुख्यमंत्री जन आवास योजना के धीमी गति से चल रहे काम की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया. भदेल ने कहा कि योजना 2015 में शुरू होकर 2020 में पूरी होनी थी, लेकिन अब तक यह काम नहीं हो पाया और इस योजना में आवेदन करने वालों को फ्लैट भी नहीं मिला.

अनिता भदेल ने कहा कि अजमेर विकास प्राधिकरण ने धीमी गति से काम कर रहे डेवलपर्स को नोटिस तक नहीं दिया और ना ही कोई जुर्माना लगाया. जवाब में मंत्री शांति धारीवाल ने इस बात को स्वीकार किया कि अजमेर विकास प्राधिकरण ने किसी भी डेवलपर्स पर जुर्माना नहीं लगाया, लेकिन यह भी कहा कि 2 साल कोरोना कालखंड का रहा इसलिए हमने अपना अनुबंध भी आगे बढ़ाया और कोई जुर्माना भी नहीं लगाया. मंत्री ने कहा कि अजमेर में योजना के तहत 19 कार्य होने थे, जिनमें से केवल दो ही शुरू नहीं हुए बल्कि 17 कार्य चल रहे हैं.

भदेल ने कहा कि कोरोना कालखंड तो 2 वर्षों का था, लेकिन डेवलपर्स ने इस योजना में काम ही साल 2019 के बाद शुरू किया. ऐसे में योजना की जो लागत बढ़ेगी उसके बाद अब आवेदकों से क्या अधिक राशि वसूल की जाएगी. इसका जवाब मंत्री को देना चाहिए. इस पर मंत्री ने फ्लेट की कीमत बढ़ाए जाने की बात से इनकार किया.

विज्ञान पार्क की धीमी रफ्तार पर बरसे देवनानी, लेकिन जवाब में घिरी पिछली बीजेपी सरकार : सदन में विधायक वासुदेव देवनानी ने अजमेर में विज्ञान पार्क के निर्माण में हो रही लेटलतीफी का मामला उठाया. देवनानी ने अपने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए कहा कि यहां विज्ञान पर केंद्र और राज्य सरकार का संयुक्त उपक्रम था और उसकी स्वीकृति साल 2015 में मिली, लेकिन आज 7 साल गुजरने के बाद भी विज्ञान पार्क के नाम पर अजमेर में एक ईंट तक नहीं लग पाई.

देवनानी ने कहा कि इसका नुकसान हमारे यहां के बच्चों को हो रहा है, क्योंकि राज्य सरकार की अनदेखी के चलते ही ऐसा हुआ है. क्योंकि राज्य सरकार ने इस प्रोजेक्ट में राशि उपलब्ध कराने में 4 वर्ष का समय लगा दिया. जवाब में मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि साल 2015 में अजमेर विकास प्राधिकरण ने इस विज्ञान पार्क के लिए जमीन दे दी. वहीं, इस स्मार्ट सिटी कंपनी को राज्य सरकार ने 8 करोड़ 64 लाख रुपए की राशि भी साल 2019 में दे दी. अब इस विज्ञान पार्क के निर्माण का कार्य स्मार्ट सिटी और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा किया जाना है.

धारीवाल ने यह भी कहा कि अभी राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद ने इस पर सैद्धांतिक मंजूरी दी है, लेकिन एमओयू अब भी होना बाकी है. धारीवाल ने वासुदेव देवनानी के उस आरोप को भी सिरे से नकार दिया, जिसमें राज्य सरकार द्वारा इस प्रोजेक्ट के लिए अपने हिस्से की राशि देने में 4 साल का समय लगाने की बात कही थी. धारीवाल ने कहा कि साल 2015 से लेकर 18 तक राजस्थान में भाजपा की सरकार थी, लेकिन तब भाजपा सरकार ने प्रदेश के हिस्से की राशि इस प्रोजेक्ट के लिए क्यों नहीं दी. हमारी सरकार आई उसके 1 साल के भीतर ही हमने यह राशि दे दी. देवनानी ने कहा कि विज्ञान पार्क के निर्माण कार्य जल्दी हो हम भी चाहते हैं, इसलिए भर्ती से जुड़ी प्रक्रिया भी हम शुरू करेंगे.

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