जयपुर. मास्टर विकास योजना 2025 में प्रस्तावित उत्तरी रिंग रोड के एलाइनमेंट के निर्धारण के लिए गठित कमेटी की बुधवार को बैठक हुई. जिसमें आगरा रोड से दिल्ली रोड और दिल्ली रोड से अजमेर रोड तक बनने वाले रिंग रोड की चौड़ाई और कॉरिडोर डेवलपमेंट को लेकर रूपरेखा तैयार की गई. हालांकि इसका अंतिम फैसला यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में उच्च अधिकार प्राप्त समिति ही लेगी.
जयपुर के दक्षिणी रिंग रोड की तर्ज पर उत्तरी रिंग रोड का भी निर्माण किया जाएगा. मास्टर विकास योजना 2025 में जयपुर शहर के लिए रिंग रोड प्रस्तावित की गई है. जिसका दक्षिणी भाग अजमेर रोड से आगरा रोड वाया टोंक रोड विकसित किया जा रहा है. जबकि रिंग रोड का उत्तरी भाग आगरा रोड से अजमेर रोड वाया दिल्ली रोड विकसित किया जाएगा. इस संबंध में एनएचएआई की तरफ से भौतिक स्थिति को देखते हुए उत्तरी रिंग रोड के एलाइनमेंट का परिवर्तन कर, नया एलाइनमेंट प्रस्तावित किया है.
![north ring road in jaipur, Jaipur Development Authority](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8570341_aaa.jpg)
पढ़ें:गहलोत सरकार ने राजस्थान में प्लास्टिक से बने राष्ट्रीय ध्वज बनाने पर लगाई रोक
इस विसंगति को दूर करने के लिए गठित समिति ने निर्णय लिया है कि नए एलाइनमेंट के अनुसार उत्तरी रिंग रोड को आगरा रोड से दिल्ली रोड तक विकसित किया जाए. इस पर 360 मीटर के डेवलपमेंट कॉरिडोर को विकसित किए जाने का प्रावधान है. इसमें 90 मीटर में सड़क विकसित की जाएगी और शेष भूमि पर डेवलपमेंट कॉरिडोर विकसित किया जाएगा. इस संबंध में जेडीसी ने बताया कि डेवलपमेंट कॉरिडोर अनुमोदित किए जाने से पहले जयपुर विकास प्राधिकरण अधिनियम 1982 की धारा 25(3) के अंतर्गत जनसाधारण से आपत्ति और सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे. इसके बाद यूडीएच मंत्री की अध्यक्षता में उच्च अधिकार प्राप्त समिति द्वारा मास्टर प्लान में नवीन एलाइनमेंट के समावेश का अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
प्रस्तावित डेवलपमेंट कॉरिडोर का पीटी सर्वे करवाया जाएगा और इसके बाद की कार्रवाई शुरू की जाएगी. साथ ही ये भी निर्णय लिया गया कि 360 मीटर डेवलपमेंट कॉरिडोर की प्लानिंग अनुमोदित होने पर उक्त कॉरिडोर में नवीन स्वीकृति प्रदान नहीं की जाएगी. इसके अलावा जेडीए की तरफ से बीएसयूपी योजना के अंतर्गत जयसिंहपुराबास (अजमेर रोड), जयसिंहपुरा खोर (दिल्ली रोड), और आनंदलोक स्वप्नलोक (सीकर रोड) पर कच्ची बस्ती वासियों के लिए जिन 5814 आवासों का निर्माण करवाया गया, उनमें शेष रहे 2930 आवासों में कच्ची बस्ती वासियों का पुनर्वास किया जाएगा. संबंधित उपायुक्तों को समझाइश कर पुनर्वास और आवंटन की कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए गए हैं.