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जयपुर वज्रपात हादसा : जख्मी होने के बावजूद बचाई कई जिंदगियां, फिल्म से सीखा CPR देना - वॉच टावर आमेर

आमेर क्षेत्र के वॉच टावर पर आकाशीय बिजली गिरने के बाद 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 10 घायल मरीजों का इलाज सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में चल रहा है. इस हादसे में घायल हुए कुछ लोगों ने बताया कि वह मंजर काफी डरा देने वाला था. बिजली गिरने के बाद काफी लोग बेहोश हो गए थे और कुछ लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया.

jaipur lightning incident
जख्मी होने के बावजूद बचाई कई जिंदगियां
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Published : Jul 12, 2021, 1:09 PM IST

जयपुर. हादसे को लेकर 20 वर्षीय घायल साहिल ने बताया कि जब उनपर बिजली गिरी तो कुछ समय के लिए कुछ भी पता नहीं चला और वह खुद भी बेहोश हो गया. जब होश आया तो आसपास काफी लोग घायल अवस्था में पड़े हुए थे, जबकि कुछ लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया.

साहिल ने बताया कि होश में आने के बाद उसने करीब 4 घायल मरीजों को सीपीआर (Cardiopulmonary Resuscitation) दी, जिसके बाद उनकी जान बच पाई. साहिल का कहना है कि फिल्मों में उन्होंने सीपीआर देने की तकनीक देखी थी.

घायल होने के बावजूद बचाई कई जिंदगियां...

वहीं, साहिल ने कहा कि उसका दोस्त काफी देर से होश में नहीं आ रहा था. ऐसे में मुंह के जरिए उसे सांस देकर उसकी जिंदगी बचाई. इस दौरान उसके दोस्त की बॉडी भी नीली पड़ चुकी थी, लेकिन आग जलाकर उसकी बॉडी को गर्म किया गया और उसकी जान बच पाई.

पढ़ें : जयपुर में आकाशीय बिजली गिरने से 12 की मौत, मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये देने के निर्देश दिए

इस हादसे में घायल इजहार ने बताया कि जब पहली बार वॉच टावर पर बिजली गिरी तब वे किसी सुरक्षित स्थान पर थे. बिजली गिरने के बाद लोगों की चीख-पुकार की आवाज सुनाई दी तो भाग कर बाहर आए. इस दौरान उन पर भी बिजली गिर गई. इजहार ने बताया कि बिजली गिरने के बाद उसका भाई खाई में लटक गया. इसके बाद इजहार और उसके दोस्तों ने घायलों की मदद की.

पढ़ें : जयपुर वज्रपात हादसा : SDRF की टीमें चला रही सर्च ऑपरेशन, ईटीवी भारत पर जवानों ने बताई खौफनाक मंजर की कहानी

सतीश पूनिया पहुंचे ट्रॉमा सेंटर- इस आकाशीय बिजली हादसे के बाद घायलों से मिलने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी ट्रॉमा सेंटर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने घायलों और उनके परिजनों से पूरी स्थिति की जानकारी ली. इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह एक प्राकृतिक आपदा है. इस दौरान देखने को मिला कि लोगों ने घायलों की मदद की और उन्हें अस्पताल पहुंचाया. उन्होंने सवाई मानसिंह अस्पताल के चिकित्सकों का धन्यवाद दिया.

जयपुर. हादसे को लेकर 20 वर्षीय घायल साहिल ने बताया कि जब उनपर बिजली गिरी तो कुछ समय के लिए कुछ भी पता नहीं चला और वह खुद भी बेहोश हो गया. जब होश आया तो आसपास काफी लोग घायल अवस्था में पड़े हुए थे, जबकि कुछ लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया.

साहिल ने बताया कि होश में आने के बाद उसने करीब 4 घायल मरीजों को सीपीआर (Cardiopulmonary Resuscitation) दी, जिसके बाद उनकी जान बच पाई. साहिल का कहना है कि फिल्मों में उन्होंने सीपीआर देने की तकनीक देखी थी.

घायल होने के बावजूद बचाई कई जिंदगियां...

वहीं, साहिल ने कहा कि उसका दोस्त काफी देर से होश में नहीं आ रहा था. ऐसे में मुंह के जरिए उसे सांस देकर उसकी जिंदगी बचाई. इस दौरान उसके दोस्त की बॉडी भी नीली पड़ चुकी थी, लेकिन आग जलाकर उसकी बॉडी को गर्म किया गया और उसकी जान बच पाई.

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इस हादसे में घायल इजहार ने बताया कि जब पहली बार वॉच टावर पर बिजली गिरी तब वे किसी सुरक्षित स्थान पर थे. बिजली गिरने के बाद लोगों की चीख-पुकार की आवाज सुनाई दी तो भाग कर बाहर आए. इस दौरान उन पर भी बिजली गिर गई. इजहार ने बताया कि बिजली गिरने के बाद उसका भाई खाई में लटक गया. इसके बाद इजहार और उसके दोस्तों ने घायलों की मदद की.

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सतीश पूनिया पहुंचे ट्रॉमा सेंटर- इस आकाशीय बिजली हादसे के बाद घायलों से मिलने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी ट्रॉमा सेंटर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने घायलों और उनके परिजनों से पूरी स्थिति की जानकारी ली. इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह एक प्राकृतिक आपदा है. इस दौरान देखने को मिला कि लोगों ने घायलों की मदद की और उन्हें अस्पताल पहुंचाया. उन्होंने सवाई मानसिंह अस्पताल के चिकित्सकों का धन्यवाद दिया.

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