जयपुर. डेयरी संचालक रोज कमा कर खाने वाला वर्ग है. ऐसे में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के निर्देश पर डेयरी बूथ संचालकों को 2018-19, 2019-20 और 2020-21 की बकाया राशि 31 मार्च 2021 तक जमा कराने पर ब्याज में छूट दी जाएगी. कोविड-19 पीरियड को ध्यान में रखते इस जरूरतमंद तबके के लिए ये फैसला लिया गया है, लेकिन राजधानी के 3000 डेयरी बूथ संचालक अभी भी इसका लाभ नहीं उठा रहे.
नगर निगम ने डेयरी बूथ संचालकों का किराया 1000 रुपये प्रति माह निर्धारित किया हुआ है, लेकिन 2018 से अब तक हजारों बूथ संचालकों का किराया बकाया है और इस साल कोविड-19 की वजह से निगम ने अब तक सख्ती भी नहीं दिखाई. यहीं नहीं इन डेयरी बूथ संचालकों को बीते 3 साल का किराया एकमुश्त जमा कराने पर किसी तरह का ब्याज भी नहीं देना होगा. ये छूट 31 मार्च 2021 तक जारी रहेगी.
बावजूद इस छूट के डेयरी बूथ संचालक किराया राशि जमा नहीं करा रहे हैं. ऐसे में अब निगम के अधिकारियों ने डेयरी बूथ संचालकों के खिलाफ सख्ती करने की तैयारी कर ली है. दरअसल, किराया जमा नहीं कराने वाले डेयरी बूथ संचालकों को कई दफा नोटिस जारी किए जा चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी इनके द्वारा किराया जमा नहीं कराया जा रहा. शहर में संचालित 5000 डेयरी बूथ संचालकों में से तकरीबन 3000 बूथ संचालकों का किराया अभी भी पेंडिंग चल रहा है. इनमें से 1500 के करीब डेयरी बूथ संचालकों का तो 3 साल से किराया बाकी है.
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बता दें कि डेयरी बूथ संचालकों को हर महीने 1000 रुपये किराया देना होता है. निगम ये किराया त्रैमासिक वसूल करता है और किराया नहीं चुकाने पर 18 फीसदी ब्याज वसूला जाता है. ऐसे में जिन बूथ संचालकों ने अब तक किराया जमा नहीं कराया है, यदि वो एक मुश्त बकाया जमा कराते हैं, तो उन्हें तकरीबन 6000 रुपये का फायदा भी होगा.