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पूनिया, राज्यवर्धन और दिलावर के बाद अब राठौड़ ने साधा गहलोत सरकार पर निशाना...जानें पूरा मामला

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Published : Jan 20, 2021, 10:04 PM IST

प्रदेश में सरपंचों की वित्तीय अधिकार में कटौती के मामले में सियासत लगातार गर्माती जा रही है. अब तक इस मामले में भाजपा के तमाम प्रमुख नेता गहलोत सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर चुके हैं, लेकिन पूर्व पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री राजेंद्र राठौड़ इस मामले में अब मुखर हुए हैं. राठौड़ ने आज बुधवार को ट्विटर के जरिए जुबानी हमला बोला.

rajasthan government
राठौड़ का गहलोत सरकार पर जुबानी हमला

जयपुर. राजस्थान में सरपंचों की वित्तीय अधिकार में कटौती के मामले में भाजपा नेता लगातार प्रदेश सरकार पर निशाना साध रहे हैं. अब राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट कर हमला बोला है. विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ (Deputy Leader Rajendra Rathore) ने कहा कि जनघोषणा पत्र में 73वें संविधान संशोधन के अनुसार पंचायतों को सशक्त करने का दावा करने वाली कांग्रेस सरकार पंचायती राज संस्थाओं को समाप्त करने पर तुली है. राठौड़ के अनुसार राज्य सरकार केंद्रीय और राज्य वित्त आयोग के पैसों को पीडी खातों (Personal Deposit Account) में डालकर ग्राम पंचायतों के वैधानिक अधिकार को कुचलने का प्रयास कर रही है.

  • प्रदेश सरकार एवं वित्त विभाग की ओर से ग्राम पंचायतों के खाते में जमा होने वाली राशि को पीडी खाते में जमा किए जाने पर कई विसंगतियां पैदा हो जाएगी और सरपंच ग्रामीण विकास कार्यों हेतु पैसे-पैसे के लिए मोहताज हो जाएंगे।

    — Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) January 20, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

राठौड़ ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजस्थान के इतिहास में पहली बार जब राज्य सरकार के इस रवैया के कारण पंचायती राज संस्थानों के निर्वाचित जनप्रतिनिधि 21 जनवरी को प्रदेश की 11 हजार 300 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में तालाबंदी करने को विवश हैं. साथ ही राज्य सरकार ग्राम पंचायतों के पैसे को पीडी खातों में भेजने के लिए केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का हवाला दे रही है. जबकि हकीकत यह है कि केंद्र सरकार ने ऐसा कोई दिशा-निर्देश जारी किया ही नहीं.

  • कांग्रेस सरकार के 2 साल के कार्यकाल में कुछ प्रशासनिक अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा पंचायती राज संस्थाओं के प्रशासनिक एवं वित्तीय हितों पर लगातार कुठाराघात किया जा रहा है जिसका ही परिणाम है कि आज पंचायती राज विभाग की वित्तीय हालत भी अत्यन्त खराब है।

    — Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) January 20, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार अपनी गलत नीतियों का दोषारोपण केंद्र सरकार पर करे यह दुर्भाग्यपूर्ण और सरासर सत्य से परे है. राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश कांग्रेस सरकार के 2 साल के कार्यकाल पर भी सवाल उठाए और यह भी कहा कि प्रदेश सरकार का इस फरमान से सरपंच ग्रामीण विकास कार्यों के लिए पैसे-पैसे को मोहताज हो जाएंगे.

  • राज्य सरकार ग्राम पंचायतों का पैसा पीडी खातों में भेजने के लिए केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का हवाला दे रही है जबकि हकीकत है कि केंद्र सरकार ने ऐसे कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किए है। राज्य सरकार अपनी गलत नीतियों का दोषारोपण केंद्र सरकार पर करे, यह सरासर गलत और सत्य से परे है।

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विभाग के पूर्व मंत्री होने के बावजूद इस मामले को उठाने में लेट हो गए राठौड़...

पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में राजेंद्र राठौड़ पंचायत राज और ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री रह चुके हैं. ऐसे में जब उन्हीं के विभाग से जुड़ा यह मसला मीडिया में सुर्खियों में बना और सरपंच संघ लगातार इसको लेकर आंदोलन कर रहा है, बावजूद इसके इस मामले को विपक्ष के नाते उठाने में राजेंद्र राठौड़ पार्टी के अन्य नेताओं की तुलना में काफी लेट हो गए. क्योंकि इससे पहले भाजपा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और भाजपा विधायक और प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर सहित कई नेता इस मामले को उठाते हुए प्रदेश सरकार पर हमला बोल चुके हैं.

  • बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजस्थान के इतिहास में पहली बार है जब राज्य सरकार के हठधर्मी रवैये के कारण पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधि कल 21 जनवरी को प्रदेश की 11 हजार 300 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में तालाबंदी करने को विवश है।

    — Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) January 20, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं, दिलावर ने तो इस मामले में मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा था, लेकिन राठौड़ ने बुधवार को चूरू में प्रेस वार्ता करने के बावजूद इस मामले में कोई बयान तक नहीं दिया. हालांकि, देर शाम ट्वीट के जरिए इस मामले को उठाकर सरकार पर जुबानी हमला जरूर बोला.

  • जन घोषणा पत्र में 73वें संविधान संशोधन के अनुसार पंचायतों को सशक्त करने का दावा करने वाली कांग्रेस सरकार पंचायती राज संस्थाओं को समाप्त करने में तुली हुई है। राज्य सरकार केन्द्रीय व राज्य वित्त आयोग के पैसों को पीडी खातों में डालकर ग्राम पंचायतों के वैधानिक अधिकार को कुचल रही है।

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जयपुर. राजस्थान में सरपंचों की वित्तीय अधिकार में कटौती के मामले में भाजपा नेता लगातार प्रदेश सरकार पर निशाना साध रहे हैं. अब राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट कर हमला बोला है. विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ (Deputy Leader Rajendra Rathore) ने कहा कि जनघोषणा पत्र में 73वें संविधान संशोधन के अनुसार पंचायतों को सशक्त करने का दावा करने वाली कांग्रेस सरकार पंचायती राज संस्थाओं को समाप्त करने पर तुली है. राठौड़ के अनुसार राज्य सरकार केंद्रीय और राज्य वित्त आयोग के पैसों को पीडी खातों (Personal Deposit Account) में डालकर ग्राम पंचायतों के वैधानिक अधिकार को कुचलने का प्रयास कर रही है.

  • प्रदेश सरकार एवं वित्त विभाग की ओर से ग्राम पंचायतों के खाते में जमा होने वाली राशि को पीडी खाते में जमा किए जाने पर कई विसंगतियां पैदा हो जाएगी और सरपंच ग्रामीण विकास कार्यों हेतु पैसे-पैसे के लिए मोहताज हो जाएंगे।

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राठौड़ ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजस्थान के इतिहास में पहली बार जब राज्य सरकार के इस रवैया के कारण पंचायती राज संस्थानों के निर्वाचित जनप्रतिनिधि 21 जनवरी को प्रदेश की 11 हजार 300 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में तालाबंदी करने को विवश हैं. साथ ही राज्य सरकार ग्राम पंचायतों के पैसे को पीडी खातों में भेजने के लिए केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का हवाला दे रही है. जबकि हकीकत यह है कि केंद्र सरकार ने ऐसा कोई दिशा-निर्देश जारी किया ही नहीं.

  • कांग्रेस सरकार के 2 साल के कार्यकाल में कुछ प्रशासनिक अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा पंचायती राज संस्थाओं के प्रशासनिक एवं वित्तीय हितों पर लगातार कुठाराघात किया जा रहा है जिसका ही परिणाम है कि आज पंचायती राज विभाग की वित्तीय हालत भी अत्यन्त खराब है।

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राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार अपनी गलत नीतियों का दोषारोपण केंद्र सरकार पर करे यह दुर्भाग्यपूर्ण और सरासर सत्य से परे है. राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश कांग्रेस सरकार के 2 साल के कार्यकाल पर भी सवाल उठाए और यह भी कहा कि प्रदेश सरकार का इस फरमान से सरपंच ग्रामीण विकास कार्यों के लिए पैसे-पैसे को मोहताज हो जाएंगे.

  • राज्य सरकार ग्राम पंचायतों का पैसा पीडी खातों में भेजने के लिए केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का हवाला दे रही है जबकि हकीकत है कि केंद्र सरकार ने ऐसे कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किए है। राज्य सरकार अपनी गलत नीतियों का दोषारोपण केंद्र सरकार पर करे, यह सरासर गलत और सत्य से परे है।

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विभाग के पूर्व मंत्री होने के बावजूद इस मामले को उठाने में लेट हो गए राठौड़...

पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में राजेंद्र राठौड़ पंचायत राज और ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री रह चुके हैं. ऐसे में जब उन्हीं के विभाग से जुड़ा यह मसला मीडिया में सुर्खियों में बना और सरपंच संघ लगातार इसको लेकर आंदोलन कर रहा है, बावजूद इसके इस मामले को विपक्ष के नाते उठाने में राजेंद्र राठौड़ पार्टी के अन्य नेताओं की तुलना में काफी लेट हो गए. क्योंकि इससे पहले भाजपा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और भाजपा विधायक और प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर सहित कई नेता इस मामले को उठाते हुए प्रदेश सरकार पर हमला बोल चुके हैं.

  • बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजस्थान के इतिहास में पहली बार है जब राज्य सरकार के हठधर्मी रवैये के कारण पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधि कल 21 जनवरी को प्रदेश की 11 हजार 300 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में तालाबंदी करने को विवश है।

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वहीं, दिलावर ने तो इस मामले में मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा था, लेकिन राठौड़ ने बुधवार को चूरू में प्रेस वार्ता करने के बावजूद इस मामले में कोई बयान तक नहीं दिया. हालांकि, देर शाम ट्वीट के जरिए इस मामले को उठाकर सरकार पर जुबानी हमला जरूर बोला.

  • जन घोषणा पत्र में 73वें संविधान संशोधन के अनुसार पंचायतों को सशक्त करने का दावा करने वाली कांग्रेस सरकार पंचायती राज संस्थाओं को समाप्त करने में तुली हुई है। राज्य सरकार केन्द्रीय व राज्य वित्त आयोग के पैसों को पीडी खातों में डालकर ग्राम पंचायतों के वैधानिक अधिकार को कुचल रही है।

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