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जेके लोन अस्पताल में नवजात की मौत पर सियासत गरमाई, उप नेता प्रतिपक्ष ने मांगा चिकित्सा मंत्री से इस्तीफा

राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कोटा के जेके लोन अस्पताल में हुई नवजातों की मौत के मामले में चिकित्सा मंत्री से तत्काल इस्तीफा देने की मांग की है. राठौड़ ने 9 नवजातों की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए इसे चिकित्सा विभाग की घोर लापरवाही बताया है.

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उप नेता प्रतिपक्ष ने मांगी चिकित्सा मंत्री की इस्तीफा
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Published : Dec 11, 2020, 10:29 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कोटा के जेके लोन अस्पताल में हुई नवजातों की मौत के मामले में चिकित्सा मंत्री से तत्काल इस्तीफा देने की मांग की है. राठौड़ ने 9 नवजातों की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए इसे चिकित्सा विभाग की घोर लापरवाही बताया और राज्य सरकार से नवजात शिशुओं की असमय मृत्यु होने के मामले की उच्चस्तरीय जांच करने, लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों और स्टाफ के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की भी मांग की है.

उप नेता प्रतिपक्ष ने मांगी चिकित्सा मंत्री की इस्तीफा

कोटा के जेके लोन अस्पताल में बीते वर्ष 35 दिनों में 110 नवजात शिशु अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से काल के ग्रास बन गए थे. इससे कई माताओं की कोख उजड़ गई थी. इसी वर्ष 2020 में अब तक 917 बच्चे इस अस्पताल में दम तोड़ चुके हैं. ऐसे में पूर्व चिकित्सा मंत्री और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने आरोप लगाया है कि चिकित्सा विभाग का नियंत्रण अकर्मण्य लोगों के हाथों में है, जिन्हें गरीब परिवार के बच्चों की असमय मौत से कोई लेना देना नहीं है. राठौड़ ने कहा कि 8 घंटे में 9 नवजात शिशुओं की मौत होना चिकित्सा विभाग की बड़ी लापरवाही और कुप्रबंधन का ही नतीजा है.

राठौड़ ने कहा कि बावजूद इसके विभागीय मंत्री रघु शर्मा और अस्पताल प्रशासन अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए, डॉक्टरों और स्टाफ को क्लीन चिट देने में लगे हुए हैं, जबकि जेके लोन अस्पताल में चिकित्सकों और स्टाफ की कमी है. शिशु रोग विभाग में करीब 100 उपकरण खराब पड़े हैं. इनमें कई नेबुलाइजर, इन्फ्यूजन पंप, वार्मर, एक्स रे मशीन और वेंटिलेटर शामिल हैं. इन कमियों के साथ जेके लोन अस्पताल शिशुओं को जीवनदान देने की जगह उनकी जिंदगी छिनने का काम करते हुए 'मौत वाला अस्पताल' के रूप में तब्दील हो गया है.

यह भी पढ़ें- कोटा में नवजातों की मौत पर सरकार पर हमलावर हुआ विपक्ष, कहा- जागो सरकार! जागो, नहीं तो भागो

राठौड़ ने पिछले साल नवजात बच्चों की मौत पर सीएम अशोक गहलोत के बयान को भी असंवेदनशील बताया. साथ ही कहा की चिकित्सा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम नहीं होने की वजह से आज एक बार फिर सरकार की व्यवस्थाओं का शिकार मासूम बच्चों को होना पड़ा है. राठौड़ ने कहा कि पिछली दफा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने भी जेके लोन अस्पताल का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया था और कई खामियां बताई थी. बावजूद इसके प्रदेश का चिकित्सा विभाग सचेत नहीं रहा और अस्पताल की दशा सुधारने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाए गए हैं.

नवजात की मौत को लेकर भाजपा ने बनाई जांच कमेटी

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कोटा के जेके लोन अस्पताल में नवजात बच्चों की मौत के बाद जांच की बात कही है और भाजपा ने अपने स्तर पर 4 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी में उप नेता राजेंद्र राठौड़ प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर सांसद जसकौर मीणा और कोटा क्षेत्र से विधायक संदीप शर्मा को कमेटी में शामिल किया गया है. यह कमेटी कोटा के जेके लोन अस्पताल का दौरा करेगी और अस्पताल प्रशासन से बातचीत करके नवजात अस्पताल में हुई नवजात बच्चों की मौत को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी और तैयार की गई इस रिपोर्ट को प्रदेश नेतृत्व को सौंपी जाएगी.

दरअसल कोटा के जेके लोन अस्पताल में एक बार फिर से नवजात बच्चों की मौत से जुड़ा मामला सामने आया है और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने आरोप लगाया है कि मौजूदा सरकार जिम्मेदारी से भागने का काम कर रही है और मौजूदा सरकार की लापरवाही के चलते ही इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कोटा के जेके लोन अस्पताल में हुई नवजातों की मौत के मामले में चिकित्सा मंत्री से तत्काल इस्तीफा देने की मांग की है. राठौड़ ने 9 नवजातों की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए इसे चिकित्सा विभाग की घोर लापरवाही बताया और राज्य सरकार से नवजात शिशुओं की असमय मृत्यु होने के मामले की उच्चस्तरीय जांच करने, लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों और स्टाफ के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की भी मांग की है.

उप नेता प्रतिपक्ष ने मांगी चिकित्सा मंत्री की इस्तीफा

कोटा के जेके लोन अस्पताल में बीते वर्ष 35 दिनों में 110 नवजात शिशु अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से काल के ग्रास बन गए थे. इससे कई माताओं की कोख उजड़ गई थी. इसी वर्ष 2020 में अब तक 917 बच्चे इस अस्पताल में दम तोड़ चुके हैं. ऐसे में पूर्व चिकित्सा मंत्री और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने आरोप लगाया है कि चिकित्सा विभाग का नियंत्रण अकर्मण्य लोगों के हाथों में है, जिन्हें गरीब परिवार के बच्चों की असमय मौत से कोई लेना देना नहीं है. राठौड़ ने कहा कि 8 घंटे में 9 नवजात शिशुओं की मौत होना चिकित्सा विभाग की बड़ी लापरवाही और कुप्रबंधन का ही नतीजा है.

राठौड़ ने कहा कि बावजूद इसके विभागीय मंत्री रघु शर्मा और अस्पताल प्रशासन अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए, डॉक्टरों और स्टाफ को क्लीन चिट देने में लगे हुए हैं, जबकि जेके लोन अस्पताल में चिकित्सकों और स्टाफ की कमी है. शिशु रोग विभाग में करीब 100 उपकरण खराब पड़े हैं. इनमें कई नेबुलाइजर, इन्फ्यूजन पंप, वार्मर, एक्स रे मशीन और वेंटिलेटर शामिल हैं. इन कमियों के साथ जेके लोन अस्पताल शिशुओं को जीवनदान देने की जगह उनकी जिंदगी छिनने का काम करते हुए 'मौत वाला अस्पताल' के रूप में तब्दील हो गया है.

यह भी पढ़ें- कोटा में नवजातों की मौत पर सरकार पर हमलावर हुआ विपक्ष, कहा- जागो सरकार! जागो, नहीं तो भागो

राठौड़ ने पिछले साल नवजात बच्चों की मौत पर सीएम अशोक गहलोत के बयान को भी असंवेदनशील बताया. साथ ही कहा की चिकित्सा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम नहीं होने की वजह से आज एक बार फिर सरकार की व्यवस्थाओं का शिकार मासूम बच्चों को होना पड़ा है. राठौड़ ने कहा कि पिछली दफा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने भी जेके लोन अस्पताल का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया था और कई खामियां बताई थी. बावजूद इसके प्रदेश का चिकित्सा विभाग सचेत नहीं रहा और अस्पताल की दशा सुधारने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाए गए हैं.

नवजात की मौत को लेकर भाजपा ने बनाई जांच कमेटी

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कोटा के जेके लोन अस्पताल में नवजात बच्चों की मौत के बाद जांच की बात कही है और भाजपा ने अपने स्तर पर 4 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी में उप नेता राजेंद्र राठौड़ प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर सांसद जसकौर मीणा और कोटा क्षेत्र से विधायक संदीप शर्मा को कमेटी में शामिल किया गया है. यह कमेटी कोटा के जेके लोन अस्पताल का दौरा करेगी और अस्पताल प्रशासन से बातचीत करके नवजात अस्पताल में हुई नवजात बच्चों की मौत को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी और तैयार की गई इस रिपोर्ट को प्रदेश नेतृत्व को सौंपी जाएगी.

दरअसल कोटा के जेके लोन अस्पताल में एक बार फिर से नवजात बच्चों की मौत से जुड़ा मामला सामने आया है और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने आरोप लगाया है कि मौजूदा सरकार जिम्मेदारी से भागने का काम कर रही है और मौजूदा सरकार की लापरवाही के चलते ही इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं.

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