जयपुर. एक ओर राजस्थान में सियासी संकट चल रहा है और कांग्रेस पार्टी के तमाम विधायक जैसलमेर जिले में बाड़ेबंदी में हैं. वहीं दूसरी ओर राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय के बाहर सोमवार को करीब 100 की तादाद में आयुष चिकित्सा कर्मी पहुंच गए. उसके बाद NHM में संविदाकर्मी के तौर पर कार्यरत आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सकों ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया.
प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान नारे भले ही 'अशोक गहलोत जिंदाबाद' के लगाए, लेकिन वे लोग इस दौरान अशोक गहलोत को अपने वादे भी याद दिलाते नजर आए. आयुष चिकित्साकर्मियों की संघर्ष समिति की ओर से प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन के बाद प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय का मेन गेट पुलिसकर्मियों ने बंद कर दिया. पीसीसी के बाहर बैरिकेड लगाकर प्रदर्शनकारियों को बाहर ही रोक दिया.
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करीब आधे घंटे तक नारेबाजी करने के बाद चिकित्साकर्मियों ने प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों को ज्ञापन दिया. इन संविदारत चिकित्साकर्मियों का कहना है कि एनएचएम के तहत प्रदेश में दो हजार चिकित्सा कर्मी संविदा पर काम कर रहे हैं, जिन्हें महज 21 हजार मेहनताना मिलता है. जबकि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान आयुष संविदा कर्मियों को नियमित करने का वादा किया था. लेकिन अभी वह वादा पूरा नहीं हुआ है.
आयुष चिकित्साकर्मियों का कहना है कि लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के दौरान उन्होंने पांच महीने तक बिना किसी अवकाश के कोरोना वॉरियर्स के तौर पर काम किया है. ऐसे में अब सरकार को चाहिए कि वह उनकी मांगों पर ध्यान दे.