जयपुर. देश के प्रदेशों में इंटर्न डॉक्टर्स को राजस्थान से ज्यादा राशि मिल रही है. ऐसे में राजस्थान के मेडिकल कॉलेज के इंटर्न डॉक्टर्स भी सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से भत्ता बढ़ाने की मांग कर रहे है. इसको लेकर बाकायदा एसएमएस मेडिकल कॉलेज की स्टूडेंट्स यूनियन ने एक मुहिम चलाई है. जिसमें इंटर्न डॉक्टर्स का मानदेय बढाने की मांग की है.
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दरअसल दिल्ली, पंजाब, बिहार, पश्चिम बंगाल सहित अन्य प्रदेशों में इंटर्न डॉक्टर्स को राजस्थान से ज्यादा राशि मिल रही है. लेकिन राजस्थान की कोई सुध नहीं ले रहा है. प्रदेश में इंटर्न डॉक्टर जो कि हॉस्पिटल में कम से कम 10 से 12 घण्टे ड्यूटी करते है, उन्हें सिर्फ 233 रुपए प्रतिदिन भत्ता दिया जा रहा है. हर माह 7000 रुपये मिलते है. वहीं इसके मुकाबले बिहार में ये भत्ता 15,000 महीना, पश्चिम बंगाल में 20,000 और दिल्ली में 22,500 रुपए मिलता है.
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वहीं पंजाब में भी इंटर्न डॉक्टर्स का भत्ता बढ़ाकर महीने में 15,000 कर दिया गया है. लेकिन राजस्थान में इंटर्न डॉक्टर्स का कोई धणी धोरी नहीं है. जबकि इनके बजाए मजदूरी करने वाले दिहाड़ी मजदूर को भी ज्यादा राशि मिलती है. कोरोना जैसी महामारी में इंटर्न डॉक्टर्स OPD, OT और ICU सहित अन्य जगहों पर कोरोना वॉरियर्स के रूप में तैनात है. लेकिन फिर भी उनके रोजाना सिर्फ 233 रुपए ही मिल रहे है. ऐसे में राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीना ने भी ट्वीट कर इंटर्न डॉक्टर्स का मानदेय बढाने की मांग की है.