जयपुर. दुष्कर्म के प्रकरण (Rohit Joshi Rape Case) में फंसे राजस्थान सरकार के जलदाय मंत्री महेश जोशी के बेटे रोहित जोशी आखिरकार दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट के निर्देश पर शुक्रवार को अपने वकील के साथ दिल्ली के सदर बाजार थाने पहुंचे. जहां पर रोहित जोशी से सदर बाजार थाने में अनुसंधान अधिकारी ने करीब 6.30 घंटे तक लंबी पूछताछ की. पूछताछ के दौरान रोहित जोशी उनके खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराने वाली युवती पर बार-बार हनी ट्रैप का आरोप लगाते रहे. वहीं इस पूरे प्रकरण की जांच कर रहे अनुसंधान अधिकारी ने रोहित को उसका मोबाइल फोन पुलिस को जब्त करवाने के लिए कहा है. साथ ही आज फिर से रोहित को पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया है.
मोबाइल की फॉरेंसिक जांच में खुलेंगे कई राज- अनुसंधान अधिकारी की ओर से प्रकरण की जांच के लिए रोहित को सीआरपीसी की धारा 91 के तहत नोटिस देकर उसका मोबाइल फोन पुलिस को जब्त कराने के लिए कहा गया है. नोटिस पर रोहित ने शुक्रवार को पुलिस को लिखित जवाब देते हुए मोबाइल फोन रविवार को पुलिस को सौंपने की बात लिखी है. अग्रिम जमानत पर सुनवाई के दौरान भी अनुसंधान अधिकारी ने तीस हजारी कोर्ट में रोहित का मोबाइल फोन जब्त करने की मांग की थी. दिल्ली पुलिस रोहित के मोबाइल से चैट आदि साक्ष्य बरामद करेगी और उसके मोबाइल की फॉरेंसिक जांच करवाई जाएगी. फॉरेंसिक जांच के दौरान मोबाइल में छुपे हुए कई राज सामने आएंगे जिसके आधार पर अनुसंधान को आगे बढ़ाया जाएगा.
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रोहित से कई तथ्यों को लेकर की गई पूछताछ- गौरतलब है कि तीस हजारी कोर्ट ने रोहित को इस शर्त पर अग्रिम जमानत दी है कि वह दिल्ली छोड़कर नहीं जा सकता. कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत के बाद ही अब तक प्रकरण में भागता व छुपता फिर रहा रोहित शुक्रवार सुबह अपने वकील दीपक चौहान के साथ दिल्ली के सदर थाने पहुंचा. जहां पर रोहित ने 5 लाख रुपए के मुचलके सहित जमानत संबंधित दस्तावेज पुलिस के समक्ष पेश किए. इसके बाद अनुसंधान अधिकारी ने रोहित से दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली युवती से हुई पहली मुलाकात, बातचीत और घूमने के बारे में पूछताछ की. इसके साथ युवती से उसकी मुलाकात कब और कैसे हुई इसके बारे में भी पूछताछ की गई.