जयपुर. किसान आंदोलन के समर्थन में उतर चुकी प्रदेश कांग्रेस की ओर से 3 जनवरी को धरना दिया जाएगा. वहीं, 5 जनवरी से कांग्रेस कार्यकर्ता, मंत्री, विधायक और जनप्रतिनिधि गांव-गांव जाकर किसान बचाओ-देश बचाओ अभियान चलाएंगे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया है. शाम को शुरू हुई ये बैठक कई घंटे तक चली. वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करके केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा है.
पढ़ें: HC का बड़ा फैसला : दूसरे राज्यों की महिलाओं को शादी के बाद नहीं मिलेगा नौकरी में आरक्षण का लाभ
मिली जानकारी के मुताबिक मंत्रिपरिषद की बैठक में ये तय हुआ कि 5 जनवरी से मंत्री, विधायक, जनप्रतिनिधि एवं कांग्रेस कार्यकर्ता सप्ताहभर तक गांव-गांव जाकर 'किसान बचाओ-देश बचाओ' अभियान चलाएंगे. ये अभियान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के समर्थन में चलाया जाएगा. साथ ही कांग्रेस की ओर से 3 जनवरी को इसलिए भी धरना दिया जाएगा. धरने के दौरान कृषि कानूनों के मद्देनजर लाए गए 3 संशोधन विधेयकों और 5 एकड़ तक की जमीन वाले किसानों की जमीन को कुर्की से बचाने वाले विधेयक को आगे नहीं भेज जाने पर भी विरोध जताया जाएगा.
पढ़ें: राजस्थान में 770 नए कोरोना पॉजिटिव मामले, 6 की मौत... संक्रमितों का कुल आंकड़ा पहुंचा 3,07,554
मंत्रिपरिषद की बैठक में कोविड, किसानों के बिजली के मुद्दे, बजट की तैयारियों, 3 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव, आगे की योजना और कार्यक्रमों पर भी चर्चा हुई. साथ ही सभी मंत्रियों से अपने-अपने विभागों में 2 साल का रिव्यू करने के लिए कहा गया. वहीं, ये तय करने के लिए भी कहा गया कि कांग्रेस को घोषणा-पत्र के कौन-कौन से कार्यक्रम नए साल में करने हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर फिर निशाना साधा
सोशल मीडिया के जरिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर फिर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि साल 2020 समाप्त होने को है और हम नए वर्ष में प्रवेश करने जा रहे हैं. लेकिन, सरकार हठधर्मिता पर अड़ी हुई है. किसान वार्ता को लेकर मोदी सरकार का रुख नर्म नहीं हुआ है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है. पूरा देश केंद्र सरकार और किसानों के बीच आज की वार्ता को लेकर सकारात्मक परिणाम का इंतजार कर रहा था, जिससे किसान अपने घरों को लौट सकें और अपने परिजनों के साथ नव वर्ष की खुशियां मना सकें. लेकिन, दुर्भाग्य से सरकार का रुख नर्म नहीं हुआ और नतीजा 4 जनवरी को एक और वार्ता के रूप में सामने आया. ये दुःख की बात है कि आंदोलन कर रहे हमारे किसान भाई-बहन नववर्ष का स्वागत कड़कड़ाती ठंड में, खुले में, सड़कों पर अपने घरों से दूर करेंगे. एक संवेदनशील और जवाबदेह सरकार ये कभी नहीं होने देती.
बता दें कि किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार के रवैए को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले भी कई बार तीखा हमला बोलते रहे हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले भी कहा था कि हजारों की संख्या में किसान नेशनल हाईवे पर बैठे हुए हैं. उनके साथ छोटे बच्चे महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल हैं. लेकिन, केंद्र की मोदी सरकार किसानों की मांगों पर किसी प्रकार का कोई सकारात्मक रुख नहीं अपना रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि इस कड़ाके की ठंड में जिस तरीके से इतनी बड़ी तादात में किसान सड़कों पर उतरे हुए हैं. उसके बाद केंद्र की सरकार को किसानों की भावनाओं को समझते हुए उनकी मांग को मानना चाहिए और सकारात्मक पहल करते हुए आगे आना चाहिए. मुख्यमंत्री ने इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस आंदोलन में सीधा दखल देने की भी मांग की थी.