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सांभर झील में अब तक करीब 20 हजार पक्षियों की मौत

जयपुर जिले के सांभर झील में बेजुबान पक्षियों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है. झील में मृत पक्षियों का आंकड़ा 20 हजार के करीब पहुंच गया है. इसके बावजूद भी अभी तक पक्षियों को बचाने के लिए कोई ठोस कार्य योजना नहीं बन पाई है.

जयपुर, death of birds in sambhar lake
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Published : Nov 19, 2019, 12:57 PM IST

जयपुर. बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत चिंता का विषय है. इसे देखते हुए वन विभाग और पशुपालन विभाग की ओर से पक्षियों को बचाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसके लिए सांभर के आसपास अस्थाई रेस्क्यू सेंटर बनाकर घायल पक्षियों का इलाज भी किया जा रहा है. इसके अलावा कई एनजीओ भी पक्षियों को बचाने में लगे हुए हैं.

सांभर झील में बेजुबान पक्षियों की मौत का सिलसिला लगातार जारी

मृत पक्षियों के सैंपल भोपाल और आईवीआरआई बरेली भेजे गए हैं. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल पाएगा. बता दें कि सांभर झील में कई प्रजातियों के पक्षी आते हैं, जो की लगातार इस मौत के समंदर में समा रहे हैं. वन विभाग की ओर से पक्षियों का इलाज किया जा रहा है. लेकिन, अभी तक इस महामारी को रोकने के लिए कोई ठोस कार्य योजना नहीं बन पाई है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिरकार बेजुबान पक्षियों की मौत का सिलसिला आखिर कब थमेगा.

अगर कोई ठोस कार्ययोजना नहीं बनाई गई तो मृत पक्षियों का आंकड़ा ऐसे ही बढ़ता रहेगा और झील में आने वाले पक्षियों की मौत होती रहेगी. बता दें कि भोपाल और बरेली से विशेषज्ञों की टीम बुलाई गई है, जो की पक्षियों के रक्त के नमूने एकत्रित कर मौत के कारणों का पता लगाने का प्रयास कर रही है. वहीं वन विभाग और पशुपालन विभाग सहित जिला प्रशासन के अधिकारी लगातार क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं.

पढ़ें: जयपुर में चिकित्सा विभाग की बड़ी कार्रवाई, 550 किलो मिलावटी पनीर पकड़ा

पक्षियों को बचाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए जा रहे हैं. लेकिन. इसी कड़ी में मंगलवार को वन और पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी सांभर झील का दौरा करेंगे. सरकार के नुमाइंदे सांभर झील का दौरा तो कर रहे हैं. लेकिन अभी तक स्थाई समाधान नहीं निकाल पाए. अब देखना ये होगा कि इस समस्या का समाधान कब हो पाता है.

जयपुर. बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत चिंता का विषय है. इसे देखते हुए वन विभाग और पशुपालन विभाग की ओर से पक्षियों को बचाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसके लिए सांभर के आसपास अस्थाई रेस्क्यू सेंटर बनाकर घायल पक्षियों का इलाज भी किया जा रहा है. इसके अलावा कई एनजीओ भी पक्षियों को बचाने में लगे हुए हैं.

सांभर झील में बेजुबान पक्षियों की मौत का सिलसिला लगातार जारी

मृत पक्षियों के सैंपल भोपाल और आईवीआरआई बरेली भेजे गए हैं. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल पाएगा. बता दें कि सांभर झील में कई प्रजातियों के पक्षी आते हैं, जो की लगातार इस मौत के समंदर में समा रहे हैं. वन विभाग की ओर से पक्षियों का इलाज किया जा रहा है. लेकिन, अभी तक इस महामारी को रोकने के लिए कोई ठोस कार्य योजना नहीं बन पाई है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिरकार बेजुबान पक्षियों की मौत का सिलसिला आखिर कब थमेगा.

अगर कोई ठोस कार्ययोजना नहीं बनाई गई तो मृत पक्षियों का आंकड़ा ऐसे ही बढ़ता रहेगा और झील में आने वाले पक्षियों की मौत होती रहेगी. बता दें कि भोपाल और बरेली से विशेषज्ञों की टीम बुलाई गई है, जो की पक्षियों के रक्त के नमूने एकत्रित कर मौत के कारणों का पता लगाने का प्रयास कर रही है. वहीं वन विभाग और पशुपालन विभाग सहित जिला प्रशासन के अधिकारी लगातार क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं.

पढ़ें: जयपुर में चिकित्सा विभाग की बड़ी कार्रवाई, 550 किलो मिलावटी पनीर पकड़ा

पक्षियों को बचाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए जा रहे हैं. लेकिन. इसी कड़ी में मंगलवार को वन और पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी सांभर झील का दौरा करेंगे. सरकार के नुमाइंदे सांभर झील का दौरा तो कर रहे हैं. लेकिन अभी तक स्थाई समाधान नहीं निकाल पाए. अब देखना ये होगा कि इस समस्या का समाधान कब हो पाता है.

Intro:जयपुर
एंकर- जयपुर जिले के सांभर झील में बेजुबान पक्षियों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है। सांभर झील में मृत पक्षियों का आंकड़ा 20 हजार के करीब हो गया है। लेकिन अभी तक पक्षियों को बचाने के लिए कोई ठोस कार्ययोजना नहीं बन पाई है।Body:वन विभाग और पशुपालन विभाग की ओर से पक्षियों को बचाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सांभर के आसपास अस्थाई रेस्क्यू सेंटर बनाकर घायल पक्षियों का इलाज भी किया जा रहा है वही कई एनजीओ भी पक्षियों को बचाने में लगे हुए हैं। मृत पक्षियों के सैंपल भोपाल और आईवीआरआई बरेली भेजें जा रहे हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल पाएगा। सांभर झील में कई प्रजातियों के पक्षी आते हैं। जो कि लगातार इस मौत के समंदर में समा रहे हैं। वन विभाग की ओर से पक्षियों का इलाज तो किया जा रहा है लेकिन अभी तक इस महामारी को रोकने के लिए कोई ठोस कार्य योजना नहीं बनाई गई। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिरकार बेजुबान पक्षियों की मौत का यह सिलसिला कब थमेगा। अगर कोई ठोस कार्ययोजना नहीं बनाई गई तो मृत पक्षियों का आंकड़ा ऐसे ही बढ़ता रहेगा और झील में आने वाले पक्षियों की मौत होती रहेगी अभी भी पक्षी दूर दूर से आ रहे हैं।
भोपाल और बरेली से विशेषज्ञों की टीम बुलाई गई है जो कि पक्षियों के रक्त के नमूने एकत्रित कर रही है और मौत के कारणों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं वन विभाग और पशुपालन विभाग सहित जिला प्रशासन के अधिकारी लगातार क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं और पक्षियों को बचाने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए जा रहे हैं लेकिन अभी भी यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।
आज मंगलवार को वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी सांभर झील का दौरा करेंगे। लगातार सरकार के नुमाइंदे सांभर झील का दौरा तो कर रहे हैं लेकिन अभी तक स्थाई समाधान नहीं निकाल पाए।
मृत पक्षियों को दफनाया जा रहा है तो घायलों का इलाज किया जा रहा है एनजीओ के प्रतिनिधि इस कार्य में लगे हुए हैं वहीं कई घायल पक्षियों की हालत में अब सुधार भी देखने को मिल रहा है घायल परिंदे अब उड़ान भरने का प्रयास करने लगे हैं।

पीटीसी- उमेश सैनी


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