जयपुर. महुआ पुजारी शंभू दयाल की मौत के मामले में सिविल लाइंस फाटक पर चल रहे अनिश्चितकालीन धरने के दौरान शुक्रवार देर रात पुजारी के पार्थिव देह को डीप फ्रिज में शिफ्ट किया गया. इससे पहले 2 दिन तक यह शव लकड़ी के बॉक्स में बर्फ ही रखा रहा.
शुक्रवार सुबह शव को डीप फ्रिज में रखने के लिए अमरापुरा धाम से प्रदर्शनकारियों ने डीप फ्रीज मंगाया, लेकिन धरना स्थल पर तैनात पुलिसकर्मियों ने डीप फ्रिज को बिजली के कनेक्शन स्थानीय खंभे से नहीं लेने दिया. इस मामले में प्रदर्शनकारी भाजपा नेता और पुलिस अधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई थी. फिर शुक्रवार देर शाम जनरेटर मंगाया गया और प्रदर्शनकारियों ने उस के माध्यम से डीप फ्रीज को जोड़ा, लेकिन तब पता चला कि यह डीप फ्रीज ही खराब है.
देर शाम प्रदर्शनकारी शव को सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र ले जाने की मांग करते हुए शव के पास आ गए और पुलिस से उनकी नोकझोंक भी हुई. जिससे यहां रखा डीप फ्रीज टूट गया. ऐसे में शव दिन भर लकड़ी के बॉक्स में बर्फ में ही रहा, लेकिन शुक्रवार देर रात नया डीप फ्रीज प्रदर्शनकारी भाजपा नेताओं ने मंगाया और उसे जनरेटर से जोड़कर शव को उस में रखवाया.
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36 घण्टे के लंबे इंतजार के बाद लकड़ी के बक्से से शव को सांसद किरोड़ी लाल मीणा और पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी की मौजूदगी में शव को डीप फ्रीज में शिफ्ट किया गया. शव को डीप फ्रीज में शिफ्ट करने के दौरान पुलिस भी सतर्क रही.
बता दें कि आज सिविल लाइंस फाटक पर पुजारी की मौत के मामले में अनिश्चितकालीन धरने का तीसरा दिन है. भाजपा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के नेतृत्व में चल रहे धरने में भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं के साथ ही ब्राह्मण समाज के कई कार्यकर्ता व लोग शामिल हैं. वहीं आज से सर्व समाज के कई लोगों ने भी इस धरने को समर्थन देकर जुड़ने की बात कही है.
शव को लेकर था भ्रम
लकड़ी के बॉक्स में पुजारी के शव होने को लेकर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. जब शव को डीप फ्रीज में शिफ्ट किया गया तो वहां मौजूद लोगों को शो के कुछ अंग भी दिखे. ऐसे में यह भ्रम दूर हो गया कि बॉक्स में शव था या नहीं. संभवतः पुजारी की मौत के बाद से ही शव को पूरी तरह पैक करके धरना स्थल पर रखा गया था.