जयपुर. महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-17 ने दारा सिंह एनकाउंटर प्रकरण में दारासिंह की विधवा पर दवाब डालकर उसके अदालत में बयान बदलवाने का आरोप लगाते हुए दायर परिवाद पर सुनवाई करते हुए पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठौड़, राजाराम मील सहित कुल 23 लोगों के खिलाफ बनीपार्क थाना पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
अदालत ने यह आदेश दारासिंह के पुत्र अमित बेनीवाल के परिवाद पर दिए. परिवाद में कहा गया कि उसकी मां सुशीला देवी के याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने एनकाउंटर की जांच सीबीआई को सौंपी थी. वहीं समाज के लोगों और रिश्तेदारों की मदद से ही उसकी मां मुकदमा लड़ रही थी. मामले में षडयंत्र के तहत आरोपियों को बरी कराया गया. वहीं आरोपियों ने मिलीभगत कर उसकी मां को डरा धमका कर अदालत में गलत बयान दिलाए.
पढे़ंः सरकार पहले जवाबदेही तय कर लेती तो आज नहीं बनते यह हालात: राजेंद्र राठौड़
इस दौरान दो आरोपी शीशराम और सुमेर सिंह परिवादी के घर आए और उनके अधूरे मकान का निर्माण करवाकर कुछ रुपए अपने पास रख लिए. इस रुपए को लेकर दोनों आरोपियों में विवाद भी हुआ. परिवाद में कहा गया कि आरोपियों ने परिवादी की मां की कहीं भी सुनवाई नहीं होने का हवाला देते हुए पूर्व में दिए बयानों से मुकराया और आरोपियों को बरी कराया.
इन्हें बनाया आरोपी
परिवाद में एनकाउंटर केस में पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठौड़ सहित बरी होने वाले सभी पुलिसकर्मियों के साथ ही शेरसिंह पूनिया, राजाराम मील, वकील अजय कुमार जैन, राजेन्द्र राठौड़ के पुत्र प्राक्रम सिंह, सुमेरसिंह, अधिवक्ता रोशनसिंह और मृतक शीशराम को आरोपी बनाया गया है.
क्या है मामला
23 अक्टूबर 2006 की सुबह छह बजे अजमेर रोड पर एसओजी ने दारासिंह का एनकाउंटर किया था. वहीं दारा की विधवा सुशीला देवी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2010 में मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी.
सीबीआई ने राजेन्द्र राठौड़ सहित 17 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था. वहीं 31 मई 2012 को डीजे कोर्ट ने राजेन्द्र राठौड़ को डिस्चार्ज कर दिया था. इसके अलावा हाईकोर्ट ने पूर्व एडीजी एके जैन को 13 फरवरी 2015 को डिस्चार्ज किया था. इसके अलावा ट्रायल कोर्ट ने 13 मार्च 2018 को अन्य सभी आरोपियों को बरी कर दिया था.