जयपुर. त्योहारी सीजन में साइबर ठगों के एक्टिव होने को देखते हुए जयपुर पुलिस आमजन को जागरूक कर रही है. साथ ही ठगों के इन पैंतरों में न फंसने और कमाई न गंवाने को लेकर सावचेत कर रही है. त्योहारी सीजन में यूथ ऑनलाइन शॉपिंग करना पसंद करता है, साइबर ठग यूथ को अपना टारगेट बना रहे हैं.
गिफ्ट कार्ड भेजने का झांसा देकर ठगी
साइबर ठग दिवाली के त्योहार पर यूथ को विभिन्न ऑनलाइन शॉपिंग एप के गिफ्ट कार्ड जीतने का झांसा देकर अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं. सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर एक्टिव रहने वाले यूजर को साइबर ठग गिफ्ट कार्ड भेज रहे हैं. उस गिफ्ट कार्ड को स्क्रैच कर अपना उपहार प्राप्त करने के लिए कंटिन्यू के बटन पर क्लिक करने के लिए कह रहे हैं.
इसके साथ ही यूजर को उस गिफ्ट कार्ड में नीचे कुछ समय भी दिया जा रहा है और उस समय के खत्म होने से पहले ही कंटिन्यू बटन पर क्लिक करने के लिए कहा जा रहा है. गिफ्ट के लालच में आकर जैसे ही यूजर कंटिन्यू बटन पर क्लिक करता है, उसके बाद एक नया पेज खुलता है जिस पर जीती गई गिफ्ट कार्ड की राशि प्राप्त करने के लिए उसे अपने बैंक खाते या यूपीआई की डिटेल एंटर करने के लिए कहा जाता है. लालच में आकर जैसे ही यूजर अपने बैंक खाते या यूपीआई की जानकारी उस फॉर्म पर अपडेट करता है, वैसे की ठग उसके खाते से राशि का ट्रांजैक्शन कर लेते हैं.
ये तरीका अपनाकर करें बचाव
सोशल नेटवर्किंग साइट पर किसी भी तरह के प्रलोभन में आने से बचें. कोई भी व्यक्ति आपको गिफ्ट कार्ड या कोई राशि जीतने की बात कह कर आपसे आपके बैंक खाते या यूपीआई की डिटेल मांग रहा है तो भूल कर भी अपनी डिटेल उसके साथ शेयर न करें. इसके साथ ही किसी भी थर्ड पार्टी एप्लीकेशन को इंस्टॉल करने से बचें और किसी भी अनऑथराइज्ड पेज पर क्लिक करने और अपनी निजी जानकारी अपडेट करने से बचें.
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50 प्रतिशत से अधिक डिस्काउंट का लालच देकर ठगी
यह भी देखा गया है कि त्योहारी सीजन में साइबर ठग विभिन्न कंपनी के महंगे स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स पर 50% से अधिक का डिस्काउंट देने का लालच देकर यूथ को अपना शिकार बना रहे हैं. इसके लिए बकायदा विभिन्न कंपनियों के नाम से मिलते जुलते फर्जी पेज सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर ठगों ने बना रखे हैं. उसी के जरिए लोगों को झांसे में लेकर शिकार बनाया जा रहा है.
इसमें ठग किसी भी आइटम को 50% से अधिक डिस्काउंट पर बेचने का झांसा देकर उसे खरीदने के लिए एक लिंक पर क्लिक करने के लिए कहते हैं. जैसे ही यूजर उस लिंक पर क्लिक करता है तो उसे पेमेंट करने के लिए उसके क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड की डिटेल पेज पर एंटर करने के लिए कहा जाता है. जैसे कि यूजर अपने कार्ड की तमाम डिटेल उस पेज पर एंटर करने के बाद अपलोड करता है वैसे ही उसके खाते से अलग-अलग टुकड़ों में एक बड़ी राशि का ट्रांजैक्शन कर लिया जाता है.
ये तरीका अपनाकर करें बचाव
यूजर को यदि कोई भी ब्रांडेड कंपनी के महंगे स्मार्टफोन या अन्य इलेक्ट्रॉनिक आइटम 50% से अधिक डिस्काउंट पर मिलने का कोई विज्ञापन दिखाई दे रहा है तो यह मानकर चलें कि 90% से अधिक इस तरह के विज्ञापन फेक होते हैं, जो लोगों को शिकार बनाने के लिए भेजे जाते हैं. इसके साथ ही इस तरह के किसी भी विज्ञापन पर क्लिक करने से पहले यूजर इस बात को सुनिश्चित करें कि वह विज्ञापन संबंधित कंपनी के ऑफिशियल वेब पेज या सोशल मीडिया पेज के जरिए प्रदर्शित किया गया है या नहीं. इसके साथ ही अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड की निजी जानकारी किसी के भी साथ साझा करने से बचें.
मैसेज/ईमेल के जरिए लिंक भेज कर ठगी
इन दिनों साइबर ठग फेस्टिवल ऑफर के नाम पर लोगों को टेक्स्ट मैसेज और ईमेल के जरिए एक लिंक भेज कर इनाम जीतने और अपने इनाम को प्राप्त करने के लिए लिंक पर क्लिक कर एक एप्लीकेशन मोबाइल में डाउनलोड करने के लिए कह रहे हैं. इनाम के लालच में आकर जैसे ही यूजर ठग की ओर से भेजे गए लिंक पर क्लिक कर एप्लीकेशन को मोबाइल में डाउनलोड करता है, वैसे ही यूजर का मोबाइल ठग रिमोट मोड पर ले लेते हैं. फिर यूजर के मोबाइल में मौजूद ऑनलाइन पेमेंट एप या बैंक एप्लीकेशन के माध्यम से ठग, यूजर के खाते से लाखों रुपए का ट्रांजैक्शन कर लेते हैं. इसके बारे में जब तक पीड़ित को पता चलता है तब तक उसके खाते से एक बड़ी राशि ठगी जा चुकी होती है.
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ये तरीका अपनाकर करें बचाव
यूजर को मैसेज या ईमेल के जरिए प्राप्त होने वाले किसी भी लिंक पर क्लिक करने से बचना चाहिए. इसके साथ ही यदि वह लिंक पर क्लिक भी करता है तो किसी भी थर्ड पार्टी एप्लीकेशन को अपने मोबाइल या लैपटॉप में इंस्टॉल करने की परमिशन नहीं देनी चाहिए. वहीं इस तरह की ठगी से बचने के लिए यूजर को अपने मोबाइल और लैपटॉप में सिक्योरिटी सिस्टम को लगातार अपडेट व स्ट्रांग रखना चाहिए. यूजर को टू स्टेप वेरीफिकेशन और साइबर सिक्योरिटी एप्लीकेशन को इंस्टॉल रखना चाहिए.
ठगी होने पर 155260 पर संपर्क करें
एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अजय पाल लांबा ने आमजन से अपील की है कि त्योहार के सीजन में ठगों की ओर से दिए जाने वाले विभिन्न तरह के प्रलोभन के झांसे में न आएं. उनका कहना है कि ठगों की ओर से दिए जाने वाले उपहार, कैश रिवॉर्ड व अन्य किसी भी तरह के प्रलोभन में आकर अपनी बैंक संबंधित निजी जानकारी ठगों के साथ साझा न करें.
इसके साथ ही यदि ठगों के झांसे में आकर ठगी का शिकार हो भी गए हैं तो बिना वक्त गवाए तुरंत इसकी जानकारी साइबर फाइनेंसियल फ्रॉड प्रीवेंशन यूनिट हेल्पलाइन 155260 पर करें. ठगी का शिकार होने के बाद जितना जल्द हेल्पलाइन पर शिकायत की जाती है उतना ही जल्द पुलिस एक्शन लेते हुए ठगों की ओर से ठगी गई राशि को संबंधित बैंक व अन्य एजेंसी के साथ कोऑर्डिनेट कर फ्रीज करवाने व ठगों के खाते में जाने से रुकवाया जाता है. इसके साथ ही ठगी गई राशि को वापस एक प्रोसेस के तहत यूजर के बैंक खाते में जमा करवाया जाता है.