ETV Bharat / city

Cyber Crime : 'शिकारी' खुद हुआ शिकार, सीएसटी के ASI से 90 हजार रुपये की ठगी - राजस्थान क्राइम की खबर

राजधानी में साइबर ठगी (Cyber Fraud) का एक अनोखा मामला सामने आया है. जहां साइबर ठगों ने जयपुर की कमिश्नरेट स्पेशल टीम के एक एएसआई (ASI) से लग्जरी कार लकी ड्रा में निकलने का झांसा देकर 90 हजार रुपये की ठगी कर ली.

Cyber Crime
सीएसटी के ASI से 90 हजार रुपये की ठगी
author img

By

Published : Jul 18, 2021, 10:55 AM IST

जयपुर. पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद राजस्थान में साइबर ठगी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक ऐसा ही मामला राजधानी से सामने आया है, जहां साइबर ठगों ने एएसआई को ही अपना शिकार बना लिया. ताज्जुब की बात तो यह है कि कमिश्नरेट स्पेशल टीम खुद साइबर ठगों को दबोचती है, लेकिन इस बार साइबर ठग ने ही कमिश्नरेट स्पेशल टीम के सदस्य को ठग लिया.

ठगी के संबंध में एएसआई सुनील कुमार नागरवाल ने विधायकपुरी थाने में शिकायत दर्ज करवाई है. शिकायत में इस बात का जिक्र किया है कि फोन पर हर्बल आयुर्वेद की तरफ से निकाले गए लकी ड्रॉ में प्रथम पुरस्कार लग्जरी कार जीतने का एक मैसेज फोन पर प्राप्त हुआ. पुरस्कार प्राप्त करने के लिए मैसेज में एक मोबाइल नंबर दिया गया था और उस मोबाइल नंबर पर जब सुनील कुमार ने फोन किया तो फोन रिसीव करने वाले व्यक्ति ने खुद को हर्बल आयुर्वेद कंपनी का प्रतिनिधि पंकज सिंह भदोरिया बताया. साथ ही लकी ड्रॉ में लग्जरी कार निकलने की पुष्टि करते हुए अपना आई कार्ड और जॉब कार्ड व्हाट्सएप पर सुनील कुमार को भेजा.

पढ़ें : जालोर डिस्कॉम की बड़ी लापरवाही आई सामने, पति-पत्नी की करंट लगने से मौत

इसके बाद पंकज ने सुनील को यह बताया कि जो लग्जरी कार इनाम में निकली है, उसकी कीमत 14 लाख 85 हजार रुपये है. सुनील चाहे तो वह कार ना लेकर यह रकम अपने बैंक खाते में प्राप्त कर सकता है. जिस पर सुनील ने उक्त रकम उसके खाते में ट्रांसफर करने के लिए कहा. इसके बाद पंकज ने उक्त रकम प्राप्त करने के लिए सुनील को रजिस्ट्रेशन चार्ज, जीएसटी और सिक्योरिटी आदि के नाम पर अलग-अलग बारी में कुल 90 हजार रुपये अपने खाते में जमा करवा लिए.

उसके बाद पंकज ने और रकम जमा कराने के लिए कहा तो सुनील ने खाते में और पैसे नहीं होने की बात कही. जिस पर पंकज ने फोन काट दिया. इसके बाद जब सुनील ने वापस उस नंबर पर संपर्क करने का प्रयास किया तो वह स्विच ऑफ आया. इस प्रकार से ठगी का शिकार होने के बाद सुनील ने विधायकपुरी थाने में शिकायत दर्ज करवाई. फिलहाल, पुलिस फोन नंबर और ट्रांजैक्शन डिटेल के आधार पर जांच में जुट गई है.

जयपुर. पुलिस की लाख कोशिशों के बावजूद राजस्थान में साइबर ठगी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक ऐसा ही मामला राजधानी से सामने आया है, जहां साइबर ठगों ने एएसआई को ही अपना शिकार बना लिया. ताज्जुब की बात तो यह है कि कमिश्नरेट स्पेशल टीम खुद साइबर ठगों को दबोचती है, लेकिन इस बार साइबर ठग ने ही कमिश्नरेट स्पेशल टीम के सदस्य को ठग लिया.

ठगी के संबंध में एएसआई सुनील कुमार नागरवाल ने विधायकपुरी थाने में शिकायत दर्ज करवाई है. शिकायत में इस बात का जिक्र किया है कि फोन पर हर्बल आयुर्वेद की तरफ से निकाले गए लकी ड्रॉ में प्रथम पुरस्कार लग्जरी कार जीतने का एक मैसेज फोन पर प्राप्त हुआ. पुरस्कार प्राप्त करने के लिए मैसेज में एक मोबाइल नंबर दिया गया था और उस मोबाइल नंबर पर जब सुनील कुमार ने फोन किया तो फोन रिसीव करने वाले व्यक्ति ने खुद को हर्बल आयुर्वेद कंपनी का प्रतिनिधि पंकज सिंह भदोरिया बताया. साथ ही लकी ड्रॉ में लग्जरी कार निकलने की पुष्टि करते हुए अपना आई कार्ड और जॉब कार्ड व्हाट्सएप पर सुनील कुमार को भेजा.

पढ़ें : जालोर डिस्कॉम की बड़ी लापरवाही आई सामने, पति-पत्नी की करंट लगने से मौत

इसके बाद पंकज ने सुनील को यह बताया कि जो लग्जरी कार इनाम में निकली है, उसकी कीमत 14 लाख 85 हजार रुपये है. सुनील चाहे तो वह कार ना लेकर यह रकम अपने बैंक खाते में प्राप्त कर सकता है. जिस पर सुनील ने उक्त रकम उसके खाते में ट्रांसफर करने के लिए कहा. इसके बाद पंकज ने उक्त रकम प्राप्त करने के लिए सुनील को रजिस्ट्रेशन चार्ज, जीएसटी और सिक्योरिटी आदि के नाम पर अलग-अलग बारी में कुल 90 हजार रुपये अपने खाते में जमा करवा लिए.

उसके बाद पंकज ने और रकम जमा कराने के लिए कहा तो सुनील ने खाते में और पैसे नहीं होने की बात कही. जिस पर पंकज ने फोन काट दिया. इसके बाद जब सुनील ने वापस उस नंबर पर संपर्क करने का प्रयास किया तो वह स्विच ऑफ आया. इस प्रकार से ठगी का शिकार होने के बाद सुनील ने विधायकपुरी थाने में शिकायत दर्ज करवाई. फिलहाल, पुलिस फोन नंबर और ट्रांजैक्शन डिटेल के आधार पर जांच में जुट गई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.