जयपुर. कोरोना संकटकाल में वॉरियर्स की भूमिका में नजर आने वाली जयपुर पुलिस लॉकडाउन में एक खास मिशन पर भी पर लगी हुई थी. उसी मिशन का नतीजा है कि पुलिस ने 3 साल में गायब हुए करोड़ों की कीमत के स्मार्टफोन बरामद किए हैं. पुलिस ने अलग-अलग कार्रवाई कर 1431 मोबाइल बरामद किए हैं.
जयपुर शहर के विभिन्न थानों में आमजन के मोबाइल गुमशुदगी के प्रकरणों में 'अपना मोबाईल अपने हाथ, जयपुर कमिश्नरेट के साथ' अभियान की कार्ययोजना बनाकर उनकी ट्रेसिंग कर मोबाइल धारकों को सुपुर्द करने के लिए अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर अशोक कुमार गुप्ता और पुलिस उपायुक्त अपराध योगेश यादव के सुपरविजन में CST टीम को विशेष टास्क दिया गया.
सीएसटी टीम ने पिछले 3 माह में विभिन्न थानों में परिवादियों के मोबाईल गुमशुदगी के गत तीन साल की अवधि के मिसिंग मोबाइल का डाटा एकत्रित कर कार्रवाई को अंजाम दिया. वहीं, जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव और एडिशनल पुलिस कमिश्नर अशोक गुप्ता ने 'अपना मोबाइल अपने हाथ, जयपुर कमिश्नरेट के साथ' अभियान के तहत बरामद किए गए मोबाइल को संबंधित मालिक तक पहुंचाने की शुरुआत की और बरामद 1432 मोबाइलों को कमिश्नरेट परिसर में मोबाइल धारकों को बुलाकर उनके गुमशुदा मोबाइल सुपुर्द किए गए.
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साथ ही शेष बरामद मोबाइलों को संबंधित डीसीपी कार्यालय के माध्यम से बीट कांस्टेबलों की ओर से मोबाइल धारकों को सुपुर्द किए जाने की योजना तैयार की गई है. बरामद मोबाइलो में ज्यादातर महंगे स्मार्टफोन हैं, जिनकी कीमत 10 हजार रुपये से शुरू होकर अधिकतम 80,000 रुपये तक है.
बरामद मोबाइलो की कीमत करीब 2 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है. बरामद फोन में कई कंपनियों के काफी महंगे स्मार्टफोन हैं. गुमशुदा मोबाइलों को वापस पाकर लोगों में काफी खुशी भी देखी गई. बता दें कि मिसिंग मोबाइल की रिकवरी और फील्ड इनपुट के आधार पर यह सामने आया है कि जयपुर शहर में कुछ ऐसे लोग सक्रिय हैं जो ऐसे मोबाइलों को खरीदकर नए बिल से बेचते हैं. जिनके संबंध में सूचना एकत्रित कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.