जयपुर. सीएस निरंजन आर्य ने बुधवार को फिर सर्कुलर जारी करवाकर ब्यूरोक्रेसी को कड़ा संदेश दिया है. उन्होंने कलेक्टर्स और संभागीय आयुक्तों को बिना उनकी पूर्व मंजूरी के मुख्यालय नहीं छोड़ने या अवकाश पर नहीं जाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही एसीएस/प्रमुख सचिवों/सचिवों को निर्देश दिया कि मीटिंग व अन्य काम के लिए कलेक्टर्स व संभागीय आयुक्तों को बुलाने से पहले यह सुनिश्चित किया जाए कि उन्होंने सीएस से इसकी अनुमति ले ली है या नहीं.
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अधिकारियों को तय समय में जनता के कार्य करने और आदेश जारी करते समय हस्ताक्षर के साथ दिनांक, नाम और अन्य विवरण अनिवार्यतः लिखने के निर्देशों के बाद सीएस निरंजन आर्य ने फिर नए निर्देश जारी किए हैं. डीओपी सचिव हेमंत गेरा की ओर से जारी निर्देशों में कहा कि सभी संबंधित अधिकारी इन निर्देशों का ईमानदारी से पालन करना सुनिश्चित करें. इसकी अवहेलना करने पर गंभीरता से लेते हुए जरूरी कार्रवाई की जाएगी. डीओपी सचिव हेमंत गेरा की ओर से जारी सर्कुलर के अनुसार ये निर्देश दिए हैं...
- सीएस निरंजन आर्य ने उनकी अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ने और अवकाश नहीं लेने के निर्देश दिए हैं.
- निर्देशों में कहा कि कलेक्टर्स, संभागीय आयुक्त मीटिंग/सेमिनार्स के लिए बिना सीएस की पूर्व अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ें.
- संभागीय आयुक्त कलेक्टर को 3 दिन की छुट्टी दे सकता है, लेकिन सीएस कार्यालय में इसकी सूचना देनी होगी.
- सभी एसीएस, प्रमुख सचिवों और सचिवों को वे यदि अपने न्यायाधिकार क्षेत्र से बाहर कलेक्टर्स, संभागीय आयुक्तों को किसी सेमीनार या मीटिंग में शामिल होने के लिए कहें तो उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि सीएस से इसकी पूर्व अनुमति ली गई है या नहीं. साथ ही संपर्क पता भी बताना होगा.
- अवकाश या मुख्यालय छोड़ने की अनुमति से पूर्व अधिकारी/कर्मी को संपर्क पता देना होगा. साथ ही टेलीफोन नंबर देना होगा, जिससे इमरजेंसी में उससे संपर्क किया जा सके.
- सभी एसीएस/प्रमुख सचिवों/सचिवों को वीसी के जरिए बैठकें लेने को प्रोत्साहन देने को कहा है ताकि इससे मुद्दों या बिंदुओं पर बेकार की देरी भी रुक सके.
- कलेक्टर्स और संभागीय आयुक्तों को बिल्कुल जरूरी हालात में ही मीटिंग के लिए बुलाया जाए.
- मीटिंग/सेमीनार/वर्कशॉप के लिए बहुत जरूरी होने पर ही जयपुर या उनके जिले या संभाग के बाहर बुलाया जाए.