जयपुर. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के गांव में बढ़ते प्रभाव को लेकर प्रदेश की गहलोत सरकार पूरी तरीके से अलर्ट मोड़ पर है. मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य सचिव लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा व्यवस्था को लेकर लगातार आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं.
इसी कड़ी में बुधवार को मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने सचिवलाय में गांवों के मास्टर प्लान को लेकर पंचायती राज विभाग की बैठक ली. बैठक में मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि पंचायती राज विभाग राजस्व विभाग के साथ जमीन संबधी मामले और नगर नियोजन विभाग से साथ नियोजन संबंधी तकनीकी मामलों में समन्वय कर प्रथम चरण में 10 हजार से अधिक आबादी वाले 120 गांवों के लिए शीघ्र मास्टर प्लान तैयार करे.
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बैठक में पंचायती राज विभाग की शासन सचिव मंजू राजपाल ने बताया कि उक्त गांवों में आगामी 30 वर्ष की आवश्यकता के आधार पर कल्याणकारी योजनाओं को पूरा करने के लिए सुनियोजित विकास के लिए स्थान व भूमि चिह्वित की जाएगी. प्रदेश में करीब 45 हजार राजस्व गांव हैं. मास्टर प्लान में हर गांव में मौजूद नदी, नाले, पहाड़, तालाब और आबादी क्षेत्र को चिह्वित कर गांव का नक्शा तैयार किया जाएगा. इस नक्शे में गांव में मौजूद सुविधाओं जैसे अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, सामुदायिक केंद्र, पशु कल्याण केंद्र, कब्रिस्तान, श्मशान, बस अड्डा, बाजार तथा मंडी आदि को भी चिह्वित किया जाएगा.
बता दें कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अब गांवों में भी तेजी से फैल रही है. जिसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी लगातार अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं. सोमवार को भी मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद किया था और कोरोना प्रबंधन को लेकर सुझाव मांगे थे. इस दौरान पंच, सरपंच, जिला परिषद सदस्य, प्रधान, जिला प्रमुख, विधायक सहित सभी जनप्रतिनिधियों ने अपनी बात कही थी.