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COVID death compensation : कोविड-19 से मृत व्यक्तियों के परिजनों को अनुग्रह राशि दिलाने के लिए जिला स्तर पर बनाएं रणनीति- CS - Compensation amount due to death by Covid 19

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने मंगलवार को अवैध खनन, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और रेडक्रॉस सोसायटी से जुड़े विभिन्न मुद्दों वर्चुअल बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिन लोगों की कोविड-19 से मृत्यु हुई है, उनके परिजनों को राज्य सरकार की ओर दी जाने वाली अनुग्रह राशि (Compensation amount due to death by Covid 19) पहुंचाने के लिए जिला स्तर पर रणनीति बनाएं.

Chief secretary Niranjan Arya
मुख्यसचिव निरंजन आर्य
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Published : Jan 11, 2022, 6:56 PM IST

जयपुर. कोविड-19 से मृत व्यक्तियों के परिजनों को आर्थिक सहायता (Covid death compensation) नहीं मिलने के मामले को लेकर मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने नाराजगी जताई है. आर्य ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से सहायता राशि के रुप में दिए जाने वाले 50 हजार रुपए हर उस व्यक्ति तक पहुंचे जो उसका हकदार है.

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने मंगलवार को अवैध खनन, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और रेडक्रॉस सोसायटी से जुड़े विभिन्न मुद्दों वर्चुअल बैठक की. इस दौरान सीएस ने कहा कि जिन लोगों की कोविड-19 से मृत्यु हो गई है, उनके परिजनों को राज्य सरकार की ओर दी जाने वाली अनुग्रह राशि पहुंचाने के लिए जिला स्तर पर रणनीति बनाएं.

पढ़ें: Special: कोरोना से मौत पर 50 लाख की सहायता के दावे खोखले, बिजली कंपनी में 80 से अधिक मौतें लेकिन नहीं मिला मुआवजा

इसके साथ ही सीएस ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हाथ से मैला ढोने वाले जिन लोगों की सीवर चैंबर में उतरने के कारण मृत्यु हो गई है, उनके परिजनों को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार दी जाने वाली सहायता राशि का भुगतान तुरंत किया जाए.

बकाया मामलों का शीघ्र निस्तारण के निर्देश

सीएस ने जिला कलक्टरों को निर्देश दिए कि वन अधिकार अधिनियम के तहत दिए जा रहे वनाधिकार पत्र से जुड़े बकाया मामलों का शीघ्र निस्तारण किया जाए. साथ ही, इन मामलों को एमआईएस पोर्टल पर इंद्राज कराना सुनिश्चित करें. जिनको यह पत्र जारी हो गए हैं, उनका राजस्व अभिलेख में अंकन भी किया जाए.

पढ़ें: बड़ी लापरवाही: अनुग्रह राशि जरूरतमंदों तक पहुंचने के बजाय अपात्र लोगों तक पहुंची, अब दर-दर भटक रहे गरीब

जनजातीय विकास के लिए विशेष केंद्रीय सहायता के लिए चयनित चार जिलों के 860 गांवों के विकास के लिए विशेष रणनीति बनाएं. इसके साथ अवैध खनन की रोकथाम से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करते हुए आर्य ने कहा कि राज्य सरकार के संसाधनों में वृद्धि के लिए अवैध खनन को रोकना आवश्यक है. खान विभाग की ओर से इसके लिए उठाए जा रहे कदमों से अवैध खनन के मामलों में कमी भी आ रही है. साथ ही, राजस्व भी बढ़ रहा है.

पढ़ें: चिकित्सा मंत्री का दावा, राजस्थान में कोविड-19 से मृत्यु दर सबसे कम और रिकवरी रेट सबसे ज्यादा

4234 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व वसूली

बैठक में अवैध खनन रोकने के लिए की जा रही सख्ती से मामलों में कमी आ रही है और जिला प्रशासन के साथ मिलकर कार्रवाई की जा रही है. विभाग और किए जा रहे नवाचारों के कारण राजस्व में भी बढ़ोतरी हो रही है. खान विभाग की ओर से 6 जनवरी तक 4234 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व वसूल किया गया है. यह पूर्व के दो सालों की इसी अवधि की तुलना में एक हजार करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व है.

जयपुर. कोविड-19 से मृत व्यक्तियों के परिजनों को आर्थिक सहायता (Covid death compensation) नहीं मिलने के मामले को लेकर मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने नाराजगी जताई है. आर्य ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से सहायता राशि के रुप में दिए जाने वाले 50 हजार रुपए हर उस व्यक्ति तक पहुंचे जो उसका हकदार है.

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने मंगलवार को अवैध खनन, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और रेडक्रॉस सोसायटी से जुड़े विभिन्न मुद्दों वर्चुअल बैठक की. इस दौरान सीएस ने कहा कि जिन लोगों की कोविड-19 से मृत्यु हो गई है, उनके परिजनों को राज्य सरकार की ओर दी जाने वाली अनुग्रह राशि पहुंचाने के लिए जिला स्तर पर रणनीति बनाएं.

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इसके साथ ही सीएस ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हाथ से मैला ढोने वाले जिन लोगों की सीवर चैंबर में उतरने के कारण मृत्यु हो गई है, उनके परिजनों को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार दी जाने वाली सहायता राशि का भुगतान तुरंत किया जाए.

बकाया मामलों का शीघ्र निस्तारण के निर्देश

सीएस ने जिला कलक्टरों को निर्देश दिए कि वन अधिकार अधिनियम के तहत दिए जा रहे वनाधिकार पत्र से जुड़े बकाया मामलों का शीघ्र निस्तारण किया जाए. साथ ही, इन मामलों को एमआईएस पोर्टल पर इंद्राज कराना सुनिश्चित करें. जिनको यह पत्र जारी हो गए हैं, उनका राजस्व अभिलेख में अंकन भी किया जाए.

पढ़ें: बड़ी लापरवाही: अनुग्रह राशि जरूरतमंदों तक पहुंचने के बजाय अपात्र लोगों तक पहुंची, अब दर-दर भटक रहे गरीब

जनजातीय विकास के लिए विशेष केंद्रीय सहायता के लिए चयनित चार जिलों के 860 गांवों के विकास के लिए विशेष रणनीति बनाएं. इसके साथ अवैध खनन की रोकथाम से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करते हुए आर्य ने कहा कि राज्य सरकार के संसाधनों में वृद्धि के लिए अवैध खनन को रोकना आवश्यक है. खान विभाग की ओर से इसके लिए उठाए जा रहे कदमों से अवैध खनन के मामलों में कमी भी आ रही है. साथ ही, राजस्व भी बढ़ रहा है.

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4234 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व वसूली

बैठक में अवैध खनन रोकने के लिए की जा रही सख्ती से मामलों में कमी आ रही है और जिला प्रशासन के साथ मिलकर कार्रवाई की जा रही है. विभाग और किए जा रहे नवाचारों के कारण राजस्व में भी बढ़ोतरी हो रही है. खान विभाग की ओर से 6 जनवरी तक 4234 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व वसूल किया गया है. यह पूर्व के दो सालों की इसी अवधि की तुलना में एक हजार करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व है.

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