जयपुर. प्रदेश में 31 दिसंबर तक पटाखा व्यवसाय पर रोक लगाई गई थी, लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी अब तक नए आदेशों के इंतजार में पटाखा व्यवसाय बंद पड़ा है. आलम ये है कि प्रदेश में तकरीबन 500 करोड़ के व्यवसाय पर असर पड़ा है. यही वजह है कि अब व्यापारियों ने मुख्य सचिव निरंजन आर्य का दरवाजा खटखटाते हुए ज्ञापन सौंपा है.
कोरोना संक्रमण के कारण वित्तीय वर्ष 2020-21 पटाखा व्यवसायियों के लिए घाटे का सौदा साबित हुआ है. दीपावली से ठीक पहले करोड़ों का माल खरीद कर स्टॉक करने वाले व्यापारियों को पहले सरकारी आदेश और अब सरकार की अनदेखी का शिकार होना पड़ रहा है. राज्य सरकार ने राजधानी जयपुर सहित प्रदेश में पटाखों की बिक्री पर दीपावली के दौरान रोक लगाई थी. जिसे बाद में आगे बढ़ा कर 31 दिसंबर तक कर दिया गया था.
यह भी पढ़ेंः सावरकर कतई वीर नहीं थे और महाराणा प्रताप धर्म के लिए नहीं स्वाभिमान के लिए लड़े थे युद्धः डोटासरा
हालांकि, 31 दिसंबर के बाद भी अब तक ये रोक जारी है और पटाखे व्यवसायियों को अपनी दुकान खोलने की अनुमति तक नहीं है. ऐसे में शनिवार को जयपुर व्यापार महासंघ और राजस्थान पटाखा मैन्युफैक्चरर्स एंड डीलर एसोसिएशन ने मुख्य सचिव निरंजन आर्य को पटाखों की दुकानें खोलने की अनुमति देने के लिए ज्ञापन सौंपा.
व्यापारियों ने बताया कि कोरोना का असर कम होने के बाद सभी व्यापार पटरी पर लौटने लगे हैं और सभी तरह की पाबंदियों को भी हटा दिया गया है, लेकिन अभी तक पटाखों की दुकानें खोलने की अनुमति नहीं दी गई. जिसके कारण पटाखा व्यवसाय से जुड़े व्यापारी, कर्मचारी और मजदूर भटक रहे हैं. व्यापारियों ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में सरकार को तकरीबन 60 करोड़ रुपए का जीएसटी का भुगतान पटाखा व्यापारियों की ओर स किया गया है. गोदाम बीते 3 महीने से सील पड़े हैं. ऐसे में माल खराब होने का पूरा अंदेशा है. अब तक तकरीबन 500 करोड़ के व्यापार का राजस्थान को नुकसान हुआ है.