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सीपीए की कार्यशाला में सीपीए सचिव संयम लोढ़ा ने चुनाव आयुक्त के सामने रखी दो डिमांड

राजस्थान विधानसभा में आयोजित सीपीए के एक दिवसीय सेमिनार में सीपीए के सचिव संयम लोढ़ा ने अपनी बात चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा के सामने रखी. उन्होंने दो डिमांड उनके सामने रखी.

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Published : Aug 2, 2019, 4:27 AM IST

सीपीए के सचिव संयम लोढ़ा ने सेमिनार में चुनाव आयुक्त के सामने रखी दो डिमांड

जयपुर. विधानसभा में गुरुवार को सीपीए का एक दिवसीय सेमिनार हुआ. सीपीए के सचिव संयम लोढ़ा ने सेमिनार के अंत में धन्यवाद भाषण देते हुए चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा के सामने दो डिमांड रखी. इनमें से एक आदर्श आचार संहिता के नाम पर सरकारों के संवैधानिक अधिकारों का हनन तो दूसरी पूरे देश के मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से जोड़ने की रही.

सीपीए के सचिव संयम लोढ़ा ने सेमिनार में चुनाव आयुक्त के सामने रखी दो डिमांड

संयम लोढ़ा ने कहा कि हम इलेक्टेड गवर्नमेंट हैं. हमारी पंचायत हो या पंचायत समिति या नगर निगम या नगर निकाय अपना एक्शन प्लान फिक्स करती है. स्टेट गवर्नमेंट अपना हर मत का पैसा देकर बजट पारित करती है. ऐसे में आदर्श आचार संहिता क्या होती है पूरे दो-तीन महीने तक जब तक आचार संहिता रहती है पूरे प्रशासन को लकवा मार जाता है.

उन्होंने कहा कि आचार संहिता के नाम पर चुनी हुई सरकार को कैसे सुप्रसिद्ध किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट में लोकसभा चुनाव से पहले करीब 8 काम ऐसे थे जिन पर आचार संहिता के चलते रोक लगी लेकिन हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसलों को स्थाई कर दिया.

यह भी पढ़ें : सीएम की डिनर पॉलिटिक्स...कांग्रेस विधायकों के साथ पहुंचे बीजेपी के ये बड़े नेता

ऐसे में उन्होंने चुनाव आयुक्त से अपील करते हुए कहा कि आपको इस पर गौर करना चाहिए. साथ ही चुनी हुई संस्थाओं के संवैधानिक अधिकारों पर अतिक्रमण नहीं होना चाहिए. वहीं उन्होंने दूसरी डिमांड के तौर पर कहा कि पूरे देश की मतदाता सूचियों को आधार कार्ड से जोड़ा जाना चाहिए ताकि एक वोटर देश में एक ही जगह वोट दे सके.

जयपुर. विधानसभा में गुरुवार को सीपीए का एक दिवसीय सेमिनार हुआ. सीपीए के सचिव संयम लोढ़ा ने सेमिनार के अंत में धन्यवाद भाषण देते हुए चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा के सामने दो डिमांड रखी. इनमें से एक आदर्श आचार संहिता के नाम पर सरकारों के संवैधानिक अधिकारों का हनन तो दूसरी पूरे देश के मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से जोड़ने की रही.

सीपीए के सचिव संयम लोढ़ा ने सेमिनार में चुनाव आयुक्त के सामने रखी दो डिमांड

संयम लोढ़ा ने कहा कि हम इलेक्टेड गवर्नमेंट हैं. हमारी पंचायत हो या पंचायत समिति या नगर निगम या नगर निकाय अपना एक्शन प्लान फिक्स करती है. स्टेट गवर्नमेंट अपना हर मत का पैसा देकर बजट पारित करती है. ऐसे में आदर्श आचार संहिता क्या होती है पूरे दो-तीन महीने तक जब तक आचार संहिता रहती है पूरे प्रशासन को लकवा मार जाता है.

उन्होंने कहा कि आचार संहिता के नाम पर चुनी हुई सरकार को कैसे सुप्रसिद्ध किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट में लोकसभा चुनाव से पहले करीब 8 काम ऐसे थे जिन पर आचार संहिता के चलते रोक लगी लेकिन हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसलों को स्थाई कर दिया.

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ऐसे में उन्होंने चुनाव आयुक्त से अपील करते हुए कहा कि आपको इस पर गौर करना चाहिए. साथ ही चुनी हुई संस्थाओं के संवैधानिक अधिकारों पर अतिक्रमण नहीं होना चाहिए. वहीं उन्होंने दूसरी डिमांड के तौर पर कहा कि पूरे देश की मतदाता सूचियों को आधार कार्ड से जोड़ा जाना चाहिए ताकि एक वोटर देश में एक ही जगह वोट दे सके.

Intro:चुनाव आयोग से सीपीए के सचिव संयम लोढ़ा ने रखी दो डिमांड पूरे देश के मतदाता पहचान पत्र को जोड़ा जाए आधार कार्ड से तो वही चुनी हुई सरकारों के संवैधानिक अधिकारों का हनन आचार संहिता से नहीं किया जाएBody:राजस्थान विधानसभा में आज स्पीक का एक दिवसीय सेमिनार हुआ सीपीए के सचिव संयम लोढ़ा ने आज के सेमिनार के अंत में धन्यवाद भाषण देखते हुए चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा के सामने दो डिमांड भी रख दी इनमें से एक थी आदर्श आचार संहिता के नाम पर सरकारों के संवैधानिक अधिकारों का हनन तो दूसरा था पूरे देश के मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से जोड़ना संयम लोढ़ा ने कहा कि हम इलेक्टेड गवर्नमेंट है हमारी पंचायत हो या पंचायत समिति या नगर निगम या नगर निकाय अपना एक्शन प्लान फिक्स करती है स्टेट गवर्नमेंट अपना हर मत का पैसा देकर बजट पारित करती है ऐसे में आदर्श आचार संहिता क्या होती है पूरे दो-तीन महीने तक जब तक आचार संहिता रहती है पूरे प्रशासन को लकवा मार जाता है उन्होंने कहा कि आचार संहिता के नाम पर चुनी हुई सरकार को कैसे सुप्रसिद्ध किया जा सकता है उन्होंने कहा कि राजस्थान हाई कोर्ट में लोकसभा चुनाव से पहले करीब 8 काम ऐसे थे जिन पर आचार संहिता के चलते रोक लगी लेकिन हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसलों को स्थाई कर दिया ऐसे में उन्होंने चुनाव आयुक्त से अपील करते हुए कहा कि आपको इस पर गौर करना चाहिए चुनी हुई संस्थाओं के संवैधानिक अधिकारों पर अतिक्रमण नहीं होना चाहिए वहीं उन्होंने दूसरी डिमांड के तौर पर कहा कि पूरे देश की मतदाता सूचियों को आधार कार्ड से जोड़ा जाना चाहिए ताकि एक वोटर देश में एक ही जगह वोट दे सके
बाइट संयम लोढ़ा सीपीए सचिवConclusion:
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