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गोबर से बनी चूड़ियां लांच, जल्द बिक्री के लिए होंगी उपलब्ध

राज्य के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने शनिवार को गोबर से बनी चूड़ियां लांच की. इनमें 40 फीसदी गोबर का इस्तेमाल किया गया है. कटारिया ने बताया कि ये चूड़ियां जल्द ही बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध होंगी. पथमेड़ा गौशाला में हुए राष्ट्रीय किसान सम्मेलन में उन्होंने कहा कि जैविक कृषि उत्पादन के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है.

Cow dung bangles launched in Jaipur, to be available in market soon
गोबर से बनी चूड़ियां लॉन्च, जल्द बिक्री के लिए होंगी उपलब्ध
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Published : Aug 20, 2022, 8:14 PM IST

जयपुर. आपने कांच और लाख की चूड़ियां जरूर देखी होंगी, लेकिन राजस्थान में अब गोबर से बनी चूड़ियां भी जल्द ही बाजार में दिखाई देंगी. भारतीय जैविक किसान उत्पादक संघ से जुड़े किसान यह चूड़ियां बना रहे हैं, जिन्हें शनिवार को कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने पथमेड़ा गौशाला में हुए राष्ट्रीय किसान सम्मेलन में लांच (Cow dung bangles launched in Jaipur) किया. ओएफपीएआई की ओर से देश में पहली बार गाय के गोबर से बनाई गई इन चूड़ियों में लाख के साथ 40 फीसदी गाय का गोबर इस्तेमाल किया गया है. इसे शीघ्र ही बिक्री के लिए बाजार में उतारा जाएगा.

किसानों की आय बढ़ाने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत: कार्यक्रम में कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि जैविक कृषि उत्पादन के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है. जैविक खेती करने वाले किसानों को उनकी फसल का 20 प्रतिशत एमएसपी अधिक दिलाने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजा (Kataria on MSP) जाएगा. इसके अलावा प्रदेश को पूर्ण जैविक राज्य बनाने तथा गोपालन को बढ़ावा देने के लिए पशुपालकों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा.

पढ़ें: चंबा की स्वर्णा का हुनर, घोड़े के बालों से बना रहीं चूड़ियां और अंगूठियां

उन्होंने कहा कि हमें जैविक खेती को एक अभियान के रूप में लेना होगा. राजस्थान में पानी की कमी है, लेकिन सरकार ने डिग्गी एवं फार्म पौंड बनाने के लिए किसानों को अनुदान देकर प्रोत्साहित किया है. यही कारण है कि अधिकतर खेतों में डिग्गी और फार्म पौंड बने हुए हैं. किसान अतिरिक्त पानी उनमें इकट्ठा कर जरूरत होने पर सिंचाई कर रहा है. सरकार किसान को उसकी लागत का पैसा देने के लिए पूरा प्रयास कर रही है. इसके अलावा हर किसान को राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी होनी चाहिए ताकि उसे समय पर सहायता मिल सके. जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार पूरा सहयोग करेगी.

पढ़ें: हुनर हाट में सजी राजस्थान की मशहूर लाख की चूड़ियां, बनवाकर खरीद रहीं महिलाएं

कार्यक्रम के दौरान कटारिया एवं अन्य अतिथियों ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 68 जनों को सम्मानित किया. इसमें 9 लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, 13 नवाचारी किसानों को जैविक किसान अवॉर्ड तथा कृषि पत्रकारों को सनराइज जर्नलिज्म अवॉर्ड से नवाजा गया. इसके अलावा विभिन्न लोगों को इंटरप्रिन्योर अवार्ड, रिसर्च सांइटिस्ट अवॉर्ड, वुमन सोशल एक्टिविस्ट अवॉर्ड, एग्रो डिजायनर अवॉर्ड देकर सम्मानित किया गया. इसके अलावा प्रदेश की पांच गोशालाओं को गोशाला गौरव पुरस्कार-2022 से सम्मानित किया गया.

जयपुर. आपने कांच और लाख की चूड़ियां जरूर देखी होंगी, लेकिन राजस्थान में अब गोबर से बनी चूड़ियां भी जल्द ही बाजार में दिखाई देंगी. भारतीय जैविक किसान उत्पादक संघ से जुड़े किसान यह चूड़ियां बना रहे हैं, जिन्हें शनिवार को कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने पथमेड़ा गौशाला में हुए राष्ट्रीय किसान सम्मेलन में लांच (Cow dung bangles launched in Jaipur) किया. ओएफपीएआई की ओर से देश में पहली बार गाय के गोबर से बनाई गई इन चूड़ियों में लाख के साथ 40 फीसदी गाय का गोबर इस्तेमाल किया गया है. इसे शीघ्र ही बिक्री के लिए बाजार में उतारा जाएगा.

किसानों की आय बढ़ाने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत: कार्यक्रम में कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि जैविक कृषि उत्पादन के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है. जैविक खेती करने वाले किसानों को उनकी फसल का 20 प्रतिशत एमएसपी अधिक दिलाने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजा (Kataria on MSP) जाएगा. इसके अलावा प्रदेश को पूर्ण जैविक राज्य बनाने तथा गोपालन को बढ़ावा देने के लिए पशुपालकों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा.

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उन्होंने कहा कि हमें जैविक खेती को एक अभियान के रूप में लेना होगा. राजस्थान में पानी की कमी है, लेकिन सरकार ने डिग्गी एवं फार्म पौंड बनाने के लिए किसानों को अनुदान देकर प्रोत्साहित किया है. यही कारण है कि अधिकतर खेतों में डिग्गी और फार्म पौंड बने हुए हैं. किसान अतिरिक्त पानी उनमें इकट्ठा कर जरूरत होने पर सिंचाई कर रहा है. सरकार किसान को उसकी लागत का पैसा देने के लिए पूरा प्रयास कर रही है. इसके अलावा हर किसान को राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी होनी चाहिए ताकि उसे समय पर सहायता मिल सके. जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार पूरा सहयोग करेगी.

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कार्यक्रम के दौरान कटारिया एवं अन्य अतिथियों ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 68 जनों को सम्मानित किया. इसमें 9 लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, 13 नवाचारी किसानों को जैविक किसान अवॉर्ड तथा कृषि पत्रकारों को सनराइज जर्नलिज्म अवॉर्ड से नवाजा गया. इसके अलावा विभिन्न लोगों को इंटरप्रिन्योर अवार्ड, रिसर्च सांइटिस्ट अवॉर्ड, वुमन सोशल एक्टिविस्ट अवॉर्ड, एग्रो डिजायनर अवॉर्ड देकर सम्मानित किया गया. इसके अलावा प्रदेश की पांच गोशालाओं को गोशाला गौरव पुरस्कार-2022 से सम्मानित किया गया.

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