जयपुर: राज्य निर्वाचन आयोग (Rajya Nirvachan Aayog) के सूत्रों की माने तो 5 ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन को लेकर चल रहे विवाद का 28 अक्टूबर को राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) में पटाक्षेप हो गया. पंचायत राज विभाग ने विवादित पांच ग्राम पंचायतों को इस पुनर्गठन से अलग करते हुए कार्यकाल पूरा नहीं होने तक चुनाव (Panchayat Chunav 2021) नही कराने का हलफनामा पेश किया तो हाईकोर्ट ने 4 जिलों की पंचायत समिति के चुनाव पर लगी रोक हटा दी. हाईकोर्ट से चुनाव बहाली के आदेश के साथ आयोग, चुनाव की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने में लग गया है.
आयोग आज एक दिवसीय करौली पर आज
राज्य निर्वाचन आयोग के चुनाव आयुक्त पीएस मेहरा और उप सचिव अशोक जैन आज करौली का दौरा करेंगे. इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि चुनाव दिसंबर में सम्पन्न होंगे. जैन आज जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. जिसमें आगामी जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्य के लिए होने वाले चुनाव पर चर्चा होगी.
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इन जिलों में होगा चुनाव
पुनर्गठन को लेकर हुए विवाद के बाद (Ganganagar) , करौली (Karauli) ,बारां (Baran)और कोटा (Kota) जिला के ग्राम पंचायत और जिला परिषद के चुनाव पर राजस्थान हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी. अब हाईकोर्ट ने चुनाव पर लगी रोक हटा दी है. कोर्ट से बहाली के आदेश के साथ ही निर्वाचन आयोग ने इन चारों जिलों में जिला परिषद पंचायत समिति चुनाव कराने की तैयारियों को अंतिम रूप देना प्रारंभ कर दिया है.
30 पंचायतों में 106 जिला परिषद सदस्य और 568 पंचायत समिति सदस्य
4 जिलों की 30 पंचायत समितियों में 106 जिला परिषद सदस्य और 568 पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव होने हैं. इसमें 5 ग्राम पंचायतों को छोड़ दें तो बाकी सभी पंचायत समितियों में मतदाता सूचियां तैयार कर ली गई हैं. अब आयोग जल्द ही मतदाता सूचियों (Voter List) का प्रकाशन करेगा.
ग्राम पंचायतों को पंचायत समिति में शामिल करने को लेकर हुआ था विवाद
दरअसल 4 जिलों की 5 ग्राम पंचायत ऐसी थी इनको पंचायत समिति (Panchayat Samiti) में शामिल कर लिया गया था , जिनके चुनाव वर्ष 2019 में हुए थे. इन्हीं ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों ने हाईकोर्ट में इस बात को लेकर चुनौती दी थी. जिसमें कार्यकाल को लेकर सवाल उठाए गए थे. याचिकाकर्ताओं का कहना था कि कानून में प्रदत्त शक्तियों के अनुसार ग्राम पंचायत सदस्य चुने जाने पर उनके लिए 5 साल का कार्यकाल अनिवार्य होगा. जबकि पंचायती राज की ओर से जारी पंचायत समिति पुनर्गठन सूची में इन ग्राम पंचायतों को पंचायत समिति में शामिल कर लिया गया था. इससे इनके 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं हो रहा था. हाइकोर्ट में मामला जाने के बाद पंचायती राज विभाग ने इस बात का हलफनामा दिया कि इन 5 ग्राम पंचायतों का जब तक कार्यकाल पूरा नहीं होगा, तब तक नई पंचायत समितियों में शामिल नहीं किया जाएगा.