जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने हैडमास्टर भर्ती-2018 में EWS को दस फीसदी आरक्षण नहीं देने पर आरपीएससी सचिव और प्रमुख शिक्षा सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
न्यायाधीश अशोक कुमार गौड़ की एकलपीठ ने यह आदेश महेन्द्र शर्मा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि गत फरवरी माह में राज्य सरकार ने एमबीसी वर्ग को पांच फीसदी और इडब्ल्यूएस वर्ग को दस फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया.
हैडमास्टर भर्ती में एमबीसी वर्ग को तय आरक्षण दिया जा रहा है, लेकिन इडब्ल्यूएस को दस फीसदी आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा रहा है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट नियम, 2018 में किया जाएगा संशोधन...
जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में शुक्रवार को सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट नियम, 2018 में संशोधन किया जाएगा. इसके लिए एक हजार 937 आपत्तियां भी आ चुकी है. जिस पर विचार किया जा रहा है. इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई छह सप्ताह के लिए टाल दी है.
मुख्य न्यायाधीश एस रविन्द्र भट्ट और न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए. सुनवाई के दौरान न्यायमित्र की ओर से अदालत को बताया गया कि राज्य सरकार प्रयोगशालाओं के संचालन के लिए अस्थाई रूप से पंजीकरण कर रही है.
गौरतलब है कि प्रदेश में चल रही मेडिकल लैब्स में अनियमितताओं और बढ़ती कीमतों को लेकर हाईकोर्ट ने कुछ सालों पहले स्व प्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर इसकी सुनवाई जनहित याचिका के तौर पर शुरू की थी.