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ट्रांसपोर्ट पर कोरोना की मार, 120 करोड़ से 35 करोड़ रुपए पर आया रोजाना व्यवसाय

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Published : May 11, 2021, 6:28 PM IST

प्रदेश में बढ़ रहे कोविड-19 के संक्रमण के चलते प्रदेश का ट्रांसपोर्ट व्यवसाय चरमरा गया है. लॉकडाउन से पहले तक रोजाना 120 करोड़ तक का व्यवसाय हो रहा था, जो अब 30 से 35 करोड़ रुपए के पास ही रह गया है.

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120 करोड़ से 30 से 35 करोड़ रुपए पर आया रोजाना व्यवसाय

जयपुर. प्रदेश में कोविड-19 का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या में रोजाना बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. कोरोना अपने पिछले कई रिकार्ड को भी तोड़ रहा है. बता दें कि कोरोना का सबसे बड़ा असर ट्रांसपोर्टेशन पर देखने को मिला है. लगातार ट्रांसपोर्टर की हालत खराब हो रही है और ट्रांसपोर्टर सरकार से राहत देने की मांग कर रहे हैं. वहीं पेट्रोल और डीजल के दाम से भी ट्रांसपोर्टर को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

120 करोड़ से 30 से 35 करोड़ रुपए पर आया रोजाना व्यवसाय

इस समय पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सरकार ने बंद कर दिया है. वहीं अभी गुड्स ट्रांसपोर्ट को सरकार ने अनुमति दे रखी है, लेकिन ट्रांसपोर्ट व्यवसाय करना ट्रांसपोर्टर कि लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है. बता दें कि लगातार ट्रांसपोर्टर सरकार से राहत की मांग कर रहे हैं. जयपुर ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर एसोसिएशन के महासचिव विष्णु अवतार खंडेलवाल का कहना है कि, कोरोना का सबसे बड़ा असर ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट पर देखने को मिला है. ट्रांसपोर्टर की हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है और लगातार ट्रांसपोर्ट राहत पैकेज को लेकर सरकार से मांग की जा रही है.

यह भी पढ़ें- CM गहलोत ने मरीज को भर्ती और रेफर करने के लिए निशुल्क एंबुलेंस सुविधा के दिए निर्देश

विष्णु अवतार खंडेलवाल का कहना है कि लॉकडाउन से पहले राजधानी जयपुर सहित देश भर के अंतर्गत रोजाना 120 करोड़ का व्यापार ट्रांसपोर्ट का होता था, लेकिन सरकार के द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के बाद से ट्रांसपोर्ट व्यवसाव में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. विष्णु अवतार खंडेलवाल ने बताया कि अब प्रदेश में ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय लॉकडाउन के बाद से 30 से 35 करोड़ रुपए का लगभग ही रह गया है. विष्णु अवतार खंडेलवाल ने बताया कि इसमें केवल गुड ट्रांसपोर्ट का ही बस ट्रांसपोर्ट हो रहा है, जिसमें जरूरत की सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जा रहा है. हालांकि ट्रांसपोर्टर को उम्मीद है कि जल्द से जल्द कोरोना का संक्रमण खत्म होगा और एक बार फिर ट्रांसफर व्यवसाय दोबारा से पटरी पर लौटेगा.

जयपुर. प्रदेश में कोविड-19 का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या में रोजाना बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. कोरोना अपने पिछले कई रिकार्ड को भी तोड़ रहा है. बता दें कि कोरोना का सबसे बड़ा असर ट्रांसपोर्टेशन पर देखने को मिला है. लगातार ट्रांसपोर्टर की हालत खराब हो रही है और ट्रांसपोर्टर सरकार से राहत देने की मांग कर रहे हैं. वहीं पेट्रोल और डीजल के दाम से भी ट्रांसपोर्टर को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

120 करोड़ से 30 से 35 करोड़ रुपए पर आया रोजाना व्यवसाय

इस समय पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सरकार ने बंद कर दिया है. वहीं अभी गुड्स ट्रांसपोर्ट को सरकार ने अनुमति दे रखी है, लेकिन ट्रांसपोर्ट व्यवसाय करना ट्रांसपोर्टर कि लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है. बता दें कि लगातार ट्रांसपोर्टर सरकार से राहत की मांग कर रहे हैं. जयपुर ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर एसोसिएशन के महासचिव विष्णु अवतार खंडेलवाल का कहना है कि, कोरोना का सबसे बड़ा असर ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट पर देखने को मिला है. ट्रांसपोर्टर की हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है और लगातार ट्रांसपोर्ट राहत पैकेज को लेकर सरकार से मांग की जा रही है.

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विष्णु अवतार खंडेलवाल का कहना है कि लॉकडाउन से पहले राजधानी जयपुर सहित देश भर के अंतर्गत रोजाना 120 करोड़ का व्यापार ट्रांसपोर्ट का होता था, लेकिन सरकार के द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के बाद से ट्रांसपोर्ट व्यवसाव में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. विष्णु अवतार खंडेलवाल ने बताया कि अब प्रदेश में ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय लॉकडाउन के बाद से 30 से 35 करोड़ रुपए का लगभग ही रह गया है. विष्णु अवतार खंडेलवाल ने बताया कि इसमें केवल गुड ट्रांसपोर्ट का ही बस ट्रांसपोर्ट हो रहा है, जिसमें जरूरत की सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जा रहा है. हालांकि ट्रांसपोर्टर को उम्मीद है कि जल्द से जल्द कोरोना का संक्रमण खत्म होगा और एक बार फिर ट्रांसफर व्यवसाय दोबारा से पटरी पर लौटेगा.

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