जयपुर. कोरोना वायरस पूरी दुनिया पर कहर बरपा रही है. कोरोना ने विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे हजारों विद्यार्थियों के कैंपस प्लेसमेंट को रोक दिया है. कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लगाया गया लॉकडाउन ऐसे हजारों विद्यार्थियों को झटका देने को तैयार है जो आईआईटी सहित कई कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे हैं.
प्रदेश के हजारों विद्यार्थी आईआईटी सहित कई कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हैं. इनके बी.टेक, एम.टेक, मैनेजमेंट और रेगुलर नियमित डिग्री कोर्स का अंतिम वर्ष है. कुछ तो कैंपस प्लेसमेंट में चयनित हो चुके हैं, जबकि कुछ को जॉब का इंतजार है. कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लगाया गया लॉकडाउन ऐसे विद्यार्थियों को झटका देने को तैयार है.
दिसम्बर से अप्रैल, ये वो महीने हैं जब पूरे देश के कॉलेज और यूनिवर्सिटी में छात्रों को जॉब देने के लिए खुद कई कंपनी उन तक पहुंचती है. आईआईएम हो या एनआईटी या फिर प्रबंधन और तकनीकी संस्थान, यहां पढ़ने वाले लाखों छात्रों को अपने कोर्स के आखिरी साल में इन पलों का इंतजार रहता है. देश-विदेश की प्रतिष्ठित ऑटोमोबाइल, रिटेल, सर्विस सेक्टर, प्रोडक्शन, सिविल और कंस्ट्रक्शन, मेडिकल एंज हेल्थ, बैंकिंग एंड इंश्योरेंस सेक्टर से जुड़ी कंपनियां कैंपस प्लेसमेंट में विद्यार्थियों का चयन करती हैं.
लॉकडाउन के कारण कंपनियों के कामकाज प्रभावित
बता दें कि इनमें बी.टेक, एम.टेक, मैनेजमेंट और रेगुलर डिग्री कोर्स के अंतिम वर्ष की परीक्षा में उत्तीर्ण होने के साथ ही ये छात्र कंपनियों में पदभार संभालते हैं. चयनित विद्यार्थियों के पैकेज लाखों-करोड़ों में होते हैं. लेकिन लॉकडाउन के कारण देश-विदेश की कंपनियों में कामकाज प्रभावित है. ऐसे में पैकेज और नए रोजगार सृजन पर व्यापक असर पड़ता दिख रहा है.
राजस्थान के आईआईटी और मैनेजमेंट कॉलेज की अगर बात की जाए तो यहां कैंपस प्लेसमेंट पूरी तरह स्थगित कर दिए गए हैं. जिन छात्रों का चयन हो भी चुका है, उनकी ज्वॉइनिंग फिलहाल टल गई है. वहीं एक ओर इसका बड़ा कारण छात्रों की परीक्षाएं और परिणाम नहीं आना भी है.
करीब 200 छात्रों का होता है सलेक्शन
जयपुर के एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सीके शाह का कहना है, कि हर साल स्टूडेंट प्लेसमेंट के लिए कई गतिविधियां की जाती है और इसमें स्टूडेंट का भी रूझान रहता है. उन्होंने बताया कि करीब 40 से 50 कंपनियां कैंपस विजिट करती हैं और करीब 200 छात्रों का सलेक्शन होता है. शाह ने बताया कि इस साल भी 40 कंपनी आ चुकी है.
कोरोना के कारण लगा है ब्रेक
प्रोफेसर शाह का कहना है कि जो छात्र पिछले साल पासआउट हुए थे, उनका प्लेसमेंट जनवरी में हो जाता है. लेकिन कोरोना इंपेक्ट की वजह से इस पर ब्रेक लगा है. उन्होंने बताया कि अभी भी कंपनियां टच में है और मेल के जरिए अपॉइन्टमेंट लेने की कोशिश कर रही है. उनका कहना है कि अभी लॉकडाउन चल रहा है, ऐसे में उन्हें अपॉइन्टमेंट नहीं दिया जा रहा है. जैसे ही लॉकडाउन खुल जाएगा, यहां प्लेसमेंट के लिए कंपनियों को आमंत्रित किया जाएगा.
छात्र नहीं हो मायूस
वहीं, एक अन्य प्राइवेट यूनिवर्सिटी के प्रो. निर्मल पवार ने बताया, कि पिछले साल कैंपस प्लेसमेंट जॉब फेयर का आयोजन किया गया था. मुख्य रूप से ट्यूरिज्म, हेल्थ केयर, फैशन और एग्रीकल्चर से जुड़ी कंपनियां पहुंची, जिन्होंने हजारों छात्रों को रोजगार उपलब्ध कराया. उन्होंने बताया कि फिलहाल कोरोना के वजह से प्लेसमेंट नहीं हो रहे हैं, लेकिन छात्रों को मायूस होने की जरूरत नहीं है.
आने वाले समय में जॉब की नहीं होगी कमी
पवार का कहना है कि आने वाले समय में भी जॉब की कमी नहीं होगी. उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी की वजह से 3 नए सेक्टर विकसित हुए हैं. एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी, ई जॉब और हॉस्पिटैलिटी जैसे सेक्टर में जॉब के अवसर बढ़ने वाले हैं. कॉलेज के स्तर पर भी इस तरह की कंपनियों को आमंत्रित कर छात्रों के लिए रोजगार के द्वार खोले जाएंगे.
बहरहाल, अंतिम सेमेस्टर में पढ़ रहे विद्यार्थियों की अभी मुख्य परीक्षा नहीं हुई है. ऐसे में परीक्षा परिणाम आने के बाद ही कंपनियां फैसला करेंगी. लेकिन इन सबसे पहले छात्रों को अब लॉकडाउन खुलने और परीक्षाओं का इंतजार करना होगा. तब उनकी जिंदगी की गाड़ी भविष्य की पटरी पर दौड़ सकेंगी.