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कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय और कृषि निर्यात को मिलेगा बढ़ावा, सहकारिता विभाग ने जारी की योजना - राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड

जयपुर में कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय और कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए श्रृंखलाबद्ध इकाइयां स्थापित होंगी. जिसके लिए अपेक्स बैंक और केंद्रीय सहकारी बैंको से वित्त पोषण की योजना लागू की गई है. इसके अन्तर्गत इकाई स्थापित करने वाले किसानों और उद्यमियों को 500 करोड़ रुपये के ऋण उपलब्ध कराए जाएंगे.

जयपुर की खबर,Agribusiness
नई इकाई खोलने के लिए सहकारिता विभाग ने जारी की योजना
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Published : Jan 31, 2020, 11:43 PM IST

जयपुर. प्रदेश में कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय और कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए श्रृंखलाबद्ध इकाइयां ( प्रसंस्करण, वेयरहाउस कोल्ड स्टोरेज आदि) स्थापित की जाएंगी. इनकी स्थापना के लिए अपेक्स बैंक और केंद्रीय सहकारी बैंको से वित्त पोषण की योजना लागू की गई है. इकाई स्थापित करने वाले किसानों और उद्यमियों को 500 करोड़ रुपये के ऋण उपलब्ध कराए जाएंगे. सहकारिता विभाग की ओर से इस संबंध में योजना जारी की गई है.

योजना के अनुसार राज्य में स्थापित होने वाले नए और वर्तमान में स्थापित कृषि प्रसंस्करण और कृषि व्यवसाय उद्यम जो आधुनिकीरण, विस्तार या विविधीकरण को अपना रहे हैं, उनका वित्त पोषण सहकारी बैंकों की ओर से किया जाएगा. रजिस्ट्रार नीरज के पवन ने बताया कि सहकारी बैंकों की ओर से इकाइयों की स्थापना के लिए 75 फीसदी तक ऋण दिया जाएगा. इसकी ब्याज दर 10% होगी. राज्य सरकार की ओर से इस ब्याज दर में किसान और किसान समूह की ओर से स्थापित होने वाली इकाइयों पर 5 साल के लिए 6% ब्याज अनुदान जो अधिकतम एक करोड़ रुपये होगा, जबकि अन्य उद्यमियों को 5 साल के लिए 5% ब्याज अनुदान अधिकतम 50 लाख रुपये होगा.

नई इकाई खोलने के लिए सहकारिता विभाग ने जारी की योजना

किसान और किसान समूह की ओर से स्थापित होने वाली इकाई की लागत में होने वाले व्यय पर अनुदान के रूप में पूंजीगत लागत का 50% या एक करोड़ रुपये और अन्य उद्यमियों के लिए पूंजीगत लागत का 25% या अधिकतम 50 लाख रुपये का अनुदान भी दिया जाएगा. इकाई स्थापित करने वाले उद्यमियों को राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड स्तर पर स्थापित की जाने वाली एकल खिड़की के माध्यम से वित्त पोषण के लिए अपेक्स बैंक भेजा जाएगा.

पढ़ें- पुलिस निरीक्षक से उप पुलिस अधीक्षक हुए अधिकारियों को मिली नियुक्ति, PHQ से आदेश जारी

पवन ने बताया कि योजना के तहत बैंक ऋण पर आदिवासी क्षेत्रों, पिछड़े जिलों में स्थित इकाईयों, अनुसूचित जाति और जनजाति, महिला और 35 साल से कम आयु के दावे को भी 1% ब्याज अनुदान दिया जाएगा. सरकार के इस निर्णय से कृषि उद्योगों का विकास होगा. वहीं, किसानों को आपूर्ति और मूल्य संवर्धन श्रृंखला का भी विकास होगा. इससे कृषि निर्यातकों को बढ़ावा और बिचौलियों से किसानों को मुक्ति मिलेगी.

साथ ही उन्होंने बताया कि किसान और किसान संगठनों की ओर से इकाईया स्थापित होने पर ऋण और पूंजीगत लागत के रूप में 2 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि राज्य की विशेष फसलों जैसे जीरा, धनिया, मेथी, सौंफ, अजवाइन, ग्वार, ईसबगोल, दलहन, तिलहन, मेहंदी, ताजा सब्जियां, किन्नूर, अनार आदि के मूल्य संवर्धन और निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा. उत्पादों की पहुंच राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगी.

जयपुर. प्रदेश में कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय और कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए श्रृंखलाबद्ध इकाइयां ( प्रसंस्करण, वेयरहाउस कोल्ड स्टोरेज आदि) स्थापित की जाएंगी. इनकी स्थापना के लिए अपेक्स बैंक और केंद्रीय सहकारी बैंको से वित्त पोषण की योजना लागू की गई है. इकाई स्थापित करने वाले किसानों और उद्यमियों को 500 करोड़ रुपये के ऋण उपलब्ध कराए जाएंगे. सहकारिता विभाग की ओर से इस संबंध में योजना जारी की गई है.

योजना के अनुसार राज्य में स्थापित होने वाले नए और वर्तमान में स्थापित कृषि प्रसंस्करण और कृषि व्यवसाय उद्यम जो आधुनिकीरण, विस्तार या विविधीकरण को अपना रहे हैं, उनका वित्त पोषण सहकारी बैंकों की ओर से किया जाएगा. रजिस्ट्रार नीरज के पवन ने बताया कि सहकारी बैंकों की ओर से इकाइयों की स्थापना के लिए 75 फीसदी तक ऋण दिया जाएगा. इसकी ब्याज दर 10% होगी. राज्य सरकार की ओर से इस ब्याज दर में किसान और किसान समूह की ओर से स्थापित होने वाली इकाइयों पर 5 साल के लिए 6% ब्याज अनुदान जो अधिकतम एक करोड़ रुपये होगा, जबकि अन्य उद्यमियों को 5 साल के लिए 5% ब्याज अनुदान अधिकतम 50 लाख रुपये होगा.

नई इकाई खोलने के लिए सहकारिता विभाग ने जारी की योजना

किसान और किसान समूह की ओर से स्थापित होने वाली इकाई की लागत में होने वाले व्यय पर अनुदान के रूप में पूंजीगत लागत का 50% या एक करोड़ रुपये और अन्य उद्यमियों के लिए पूंजीगत लागत का 25% या अधिकतम 50 लाख रुपये का अनुदान भी दिया जाएगा. इकाई स्थापित करने वाले उद्यमियों को राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड स्तर पर स्थापित की जाने वाली एकल खिड़की के माध्यम से वित्त पोषण के लिए अपेक्स बैंक भेजा जाएगा.

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पवन ने बताया कि योजना के तहत बैंक ऋण पर आदिवासी क्षेत्रों, पिछड़े जिलों में स्थित इकाईयों, अनुसूचित जाति और जनजाति, महिला और 35 साल से कम आयु के दावे को भी 1% ब्याज अनुदान दिया जाएगा. सरकार के इस निर्णय से कृषि उद्योगों का विकास होगा. वहीं, किसानों को आपूर्ति और मूल्य संवर्धन श्रृंखला का भी विकास होगा. इससे कृषि निर्यातकों को बढ़ावा और बिचौलियों से किसानों को मुक्ति मिलेगी.

साथ ही उन्होंने बताया कि किसान और किसान संगठनों की ओर से इकाईया स्थापित होने पर ऋण और पूंजीगत लागत के रूप में 2 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि राज्य की विशेष फसलों जैसे जीरा, धनिया, मेथी, सौंफ, अजवाइन, ग्वार, ईसबगोल, दलहन, तिलहन, मेहंदी, ताजा सब्जियां, किन्नूर, अनार आदि के मूल्य संवर्धन और निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा. उत्पादों की पहुंच राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगी.

Intro:जयपुर। प्रदेश में कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए श्रृंखलाबद्ध इकाइयां ( प्रसंस्करण, वेयरहाउस कोल्ड स्टोरेज आदि) स्थापित किए जाएंगे। इन की स्थापना के लिए अपेक्स बैंक और केंद्रीय सहकारी बैंको से वित्त पोषण की योजना लागू की गई है। इकाई स्थापित करने वाले किसानों एवं उद्यमियों को 500 करोड़ रुपये के ऋण उपलब्ध कराए जाएंगे। सहकारिता विभाग द्वारा इस संबंध में योजना जारी की गई है


Body:योजना के अनुसार राज्य में स्थापित होने वाले नए एवं वर्तमान में स्थापित कृषि प्रसंस्करण व कृषि व्यवसाय उद्यम जो आधुनिकीरण, विस्तार या विविधीकरण को अपना रहे हैं, को वित्त पोषण सहकारी बैंकों द्वारा किया जाएगा।
रजिस्ट्रार नीरज के पवन ने बताया कि सहकारी बैंकों द्वारा इकाइयों की स्थापना के लिए 75 फीसदी तक ऋण दिया जाएगा। इसकी ब्याज दर 10% होगी। राज्य सरकार की ओर से इस ब्याज दर में किसान और किसान समूह द्वारा स्थापित होने वाली इकाइयों पर 5 वर्ष के लिए 6% ब्याज अनुदान जो अधिकतम एक करोड़ रुपये होगा, जबकि अन्य उद्यमियों को 5 वर्ष के लिए 5% ब्याज अनुदान अधिकतम 50 लाख रुपये होगा।

किसान और किसान समूह द्वारा स्थापित होने वाली इकाई की लागत में होने वाले व्यय पर अनुदान के रूप में पूंजीगत लागत का 50% या एक करोड़ रुपये तथा अन्य उद्यमियों के लिए पूंजीगत लागत का 25% या अधिकतम 50 लाख रुपये का अनुदान भी दिया जाएगा। इकाई स्थापित करने वाले उद्यमियों को राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड स्तर पर स्थापित की जाने वाली एकल खिड़की के माध्यम से वित्त पोषण के लिए अपेक्स बैंक भेजे जाएंगे।
रजिस्ट्रार नीरज के पवन देश के पवन ने बताया कि योजना के तहत बैंक ऋण पर आदिवासी क्षेत्रों, पिछले जिलों में स्थित इकाईयों, अनुसूचित जाति व जनजाति, महिला एवं 35 वर्ष से कम आयु के दावे को भी 1% ब्याज अनुदान दिया जाएगा। सरकार के इस निर्णय से कृषि उद्योगों का विकास होगा वही किसानों को आपूर्ति व मूल्य संवर्धन श्रृंखला का भी विकास होगा। इससे कृषि निर्यातकों को बढ़ावा और बिचौलियों से किसानों को मुक्ति मिलेगी।
नीरज के पवन ने बताया किसान और किसान संगठनों की ओर से इकाईया स्थापित होने पर ऋण एवं पूंजीगत लागत के रूप में 2 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य की विशेष फसलों जैसे जीरा, धनिया, मेथी, सौंफ, अजवाइन, ग्वार, ईसबगोल, दलहन, तिलहन, मेहंदी, ताजा सब्जियां किन्नूर, अनार आदि के मूल्य संवर्धन तथा निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा। उत्पादों की पहुंच राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगी।


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