जयपुर. प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में बंगला और चैंबर खाली कराने का मामला इन दिनों सुर्खियों में है. एक ओर वर्तमान मुख्य सचिव बने राजीव स्वरूप और पूर्व मुख्य सचिव के बंगला खाली करने को लेकर चर्चा खत्म ही नहीं हो रही थी कि सचिवालय के गलियारों में दो शीर्ष IAS में चैंबर को लेकर विवाद हो गया. नौबत तो यहां तक आ गई कि मामले को सुलझाने के लिए दोनों IAS को मुख्य सचिव के समक्ष हाजिर होना पड़ा लेकिन समस्या अभी भी जस की तस है.
बंगले खाली करने को लेकर पहले ही वर्तमान मुख्य सचिव राजीव स्वरूप और पूर्व मुख्य सचिव रहे निहाल चंद गोयल चर्चाओं में हैं. राजीव स्वरूप मुख्य सचिव बनने के बाद नए बंगले में जरूर शिफ्ट हो गए लेकिन पुराना बंगला भी खाली नहीं कर रहे हैं. इसी तरह से पूर्व मुख्य सचिव निहाल चंद गोयल दो साल पहले रिटायर्ड हो गए थे. वे वर्तमान में रियल एस्टेट विनियमन और विकास अधिनियम (रेरा) के चेयरमैन हैं. उनकी बंगला आंवटन की अर्जी रद हो गई लेकिन उन्होंने बंगाल अभी भी खाली नहीं किया. ऐसा नहीं है कि बंगले को लेकर सचिवालय में चैंबर हो लेकर ब्यूरोक्रेट्स का मोह कम नहीं है. मोह भी इतना कि इसको लेकर अपने ही साथी IAS से तनातनी बन गई है.
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मामला इतना गरमा गया है कि कि दोनों IAS अफसरों को मुख्य सचिव के समक्ष तलब होना पड़ा. देखने में यह बात भले ही छोटी लग रही है लेकिन इससे दोनों के बीच घमासान मचा हुआ है.
वहीं, ACS ग्रामीण एवं पंचायती राज रोहित कुमार सिंह और गृह विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेट्री अभय कुमार चैंबर्स को लेकर आमने-सामने हैं. यह मामला मुख्य सचिव राजीव स्वरूप तक जा पहुंचा है. मुख्य सचिव की दखल के बाद भी फिलहाल एसीएस रोहित कुमार सिंह ने चैम्बर नंबर 3204 खाली नहीं करने पर अड़े हैं.
शीर्ष ब्यूरोक्रेट्स में इसलिए बनी टकराव की स्थिति
दरअसल, गहलोत सरकार ने 18 अगस्त को ACS रोहित कुमार सिंह का तबादला ACS ग्रामीण एवं पंचायतीराज के पद पर कर दिया था. ASC ग्रामीण एवं पंचायती राज का चैंबर एसएसओ बिल्डिंग में है. वरिष्ठ IAS अभय कुमार को प्रमुख शासन सचिव गृह की जिम्मेदारी सौंपने के बाद से ही चैंबर को लेकर दोनों आईएएस अफसरों में टकराव शुरू हो गया. अभय कुमार को सचिवालय की मेन बिल्डिंग में कमरा नंबर 5022 मिला हुआ है.
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यह चेंबर्स अपेक्षाकृत छोटा है. अभय कुमार ने रोहित कुमार सिंह के चैंबर खाली करने का इंतजार किया लेकिन चैंबर खाली नहीं करने पर अभय कुमार ने मुख्य सचिव राजीव स्वरूप को पत्र लिख दिया. मुख्य सचिव ने कार्मिक विभाग की सेक्रेटरी रोली सिंह और रोहित कुमार सिंह के साथ अलग-अलग मीटिंग कर मामले को सुलझाने के निर्देश दिए हैं.
आवास को लेकर भी हो चुका है टकराव
ब्यूरोक्रेट्स में चैंबर्स को लेकर नहीं बल्कि आवास को लेकर भी कई बार टकराव की स्थिति बनी है. राजीव स्वरूप के मुख्य सचिव बनते ही उनके गांधीनगर स्थित आवास को पीडब्ल्यूडी विभाग की ACS वीनू गुप्ता को आवंटित कर दिया गया था. इस पर मुख्य सचिव सामान्य प्रसाशन विभाग के अधिकारियों से नाराज हो गए थे. अधिकारियों ने आनन-फानन में वीनू गुप्ता को आवंटित किया आवास रद्द कर दिया.
पूर्व मुख्य सचिव डीबी गुप्ता की पत्नी वरिष्ठ आईएएस वीनू गुप्ता अपने पति डीबी गुप्ता को मिले आवास में ही रहती थी लेकिन डीबी गुप्ता को हटाने के बाद वीनू गुप्ता ने नए आवास के लिए आवेदन किया था. डीबी गुप्ता के आवास खाली करने के बाद गांधीनगर स्थित प्रथम श्रेणी का 27 नंबर का वही आवास अब उनकी पत्नी वीनू गुप्ता को मिल चुका है. इस लिहाज से अब पूर्व मुख्य सचिव डीबी गुप्ता अपनी पत्नी वीनू गुप्ता के आवास पर रह रहे हैं.