जयपुर. राजस्थान में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर सरकार को बेरोजगारों के विरोध का सामना करना पड़ा. व्यावसायिक शिक्षा से जुड़े संविदा कर्मियों ने स्कूलों में नियुक्ति, 18 महीने का वेतन और नियुक्ति बहाल करने की मांग को लेकर शिक्षा संकुल में प्रदर्शन किया और धरने पर बैठ गए हैं. जिनमें से तीन प्रदर्शनकारी पास ही स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गए. जिसकी सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और दमकल और आपदा प्रबंधन की टीम को बुलाया.
इस बीच प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की, लेकिन मांगों पर सहमति नहीं बनी. प्रदर्शनकारियों के कहना है कि व्यवसायिक शिक्षा के लिए स्कूलों में प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से उन्हें लगाया गया था. प्लेसमेंट एजेंसी ने 18 महीने से वेतन नहीं दिया है. इस बीच कोरोना काल में उन्हें हटा दिया गया है.
पढ़ें- 'नानी के घर जाऊंगा, दूध मलाई खाऊंगा'...पूनिया, राठौड़ ने कुछ यूं किया राहुल गांधी पर कटाक्ष
उनकी मांग है कि स्कूलों में नियुक्ति करवाई जाए और बकाया 18 महीने का वेतन दिलवाया जाए. इसके साथ ही हर साल होने वाली टेंडर प्रक्रिया पर रोक लगाने, प्लेसमेंट एजेंसी के बजाय विभाग में समायोजित करने, बकाया वेतन दिलवाने, अप्रैल से अक्टूबर तक लॉकडाउन अवधि का पूरा पारिश्रमिक दिलवाने, संविदाकर्मी की सूची में शामिल करने की भी मांग कर रहे हैं. तीन प्रदर्शनकारियों के पानी की टंकी पर चढ़ने की जानकारी मिलने पर आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंची और टंकी के नीचे जाल बिछाया. ताकि अनहोनी को रोका जा सके.