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ग्रामीण विकास आयुक्त सहित अन्य को अवमानना नोटिस जारी...

ग्रामीण विकास आयुक्त और करौली जिला परिषद के सीईओ को राजस्थान हाईकोर्ट ने अवमानना नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने यह नोटिस चयनित वेतनमान का लाभ नहीं देने पर जारी किया है.

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आयुक्त सहित अन्य को अवमानना नोटिस जारी
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Published : Nov 10, 2020, 6:15 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद सेवानिवृत्त ग्राम सेवकों को चयनित वेतनमान का लाभ नहीं देने पर ग्रामीण विकास आयुक्त और करौली जिला परिषद के सीईओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश रामगोपाल शर्मा और अन्य की अवमानना याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता सिंचाई विभाग से सरप्लस होकर ग्रामीण विकास विभाग में ग्राम सेवक के पद पर समायोजित हुए थे. विभाग ने 2 अक्टूबर 2010 के परिपत्र का हवाला देते हुए याचिकाकर्ताओं से चयनित वेतनमान और बढ़ाया गया वेतन वापस लेने के लिए रिकवरी निकाल दी.

यह भी पढ़ें: पत्नी को अवैध हिरासत से छुड़ाने के लिए याचिका पेश, HC ने कहा- 50 हजार जमा करवाए तो जारी कर सकते हैं नोटिस

इस पर हाईकोर्ट ने अगस्त 2019 में आदेश जारी कर याचिकाकर्ताओं को प्रथम नियुक्ति से चयनीत वेतनमान देने के दिए थे, लेकिन राज्य सरकार ने आदेश की पालना नहीं की. इस दौरान याचिकाकर्ता सेवानिवृत्त भी हो गए, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद सेवानिवृत्त ग्राम सेवकों को चयनित वेतनमान का लाभ नहीं देने पर ग्रामीण विकास आयुक्त और करौली जिला परिषद के सीईओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश रामगोपाल शर्मा और अन्य की अवमानना याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता सिंचाई विभाग से सरप्लस होकर ग्रामीण विकास विभाग में ग्राम सेवक के पद पर समायोजित हुए थे. विभाग ने 2 अक्टूबर 2010 के परिपत्र का हवाला देते हुए याचिकाकर्ताओं से चयनित वेतनमान और बढ़ाया गया वेतन वापस लेने के लिए रिकवरी निकाल दी.

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इस पर हाईकोर्ट ने अगस्त 2019 में आदेश जारी कर याचिकाकर्ताओं को प्रथम नियुक्ति से चयनीत वेतनमान देने के दिए थे, लेकिन राज्य सरकार ने आदेश की पालना नहीं की. इस दौरान याचिकाकर्ता सेवानिवृत्त भी हो गए, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.

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