जयपुर. राजधानी के झोटवाड़ा थाना इलाके में स्थित दिवाकर पब्लिक सेकेंडरी स्कूल से 14 मई को पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा की दूसरी पारी का पेपर लीक होने का मामला (Constable Recruitment Paper Leak Case) सामने आया था. पेपर लीक करने वाले गिरोह में शामिल फरार चल रहे परीक्षा केंद्र वीक्षक मोहन की तलाश में एसओजी की टीम तीन राज्यों में दबिश की कार्रवाई को अंजाम दे रही है. एसओजी की टीम दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में दबिश की कार्रवाई को अंजाम दे रही है.
किस तरह से एग्जाम से 2 घंटे पहले प्रश्न-पत्र स्ट्रांग रूम से बाहर निकाला गया और उसकी फोटो क्लिक करने के बाद किन लोगों को भेजी गई, इन तमाम सवालों के जवाब मोहन के गिरफ्तार होने के बाद ही एसओजी को मिल सकेंगे. वहीं इसके साथ प्रकरण में गिरफ्तार किए गए स्कूल डायरेक्टर, प्रिंसिपल, परीक्षा कंडक्ट कराने वाली कंपनी के प्रतिनिधि, स्कूल कर्मचारी और एएसआई से लगातार पूछताछ की जा रही है.
पढ़ें- कांस्टेबल भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामला: और जूते की छाप ने उगला राज, सेंटर तक ऐसे पहुंची SOG
कड़ी सुरक्षा के बावजूद लीक हुआ पेपर: एसओजी की ओर से अब तक की गई जांच में यह तथ्य सामने आए हैं कि किसी संगठित गिरोह को लाभ पहुंचाने के लिए पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर दिवाकर पब्लिक सेकेंडरी स्कूल से लीक किया गया. परीक्षा केंद्र पर आने वाले प्रश्न-पत्र जिन बक्सों में बंद थे उनकी चाबियां एक अन्य बक्से में बंद थी. जिस पर नंबर लॉक लगा था और उस नंबर लॉक को खोलने के लिए परीक्षा कंडक्ट कराने वाली कंपनी की तरफ से दोपहर 2 बजे कोड दिया जाना था.
हालांकि, गिरोह के सदस्यों ने सांठगांठ करते हुए परीक्षा से 2 घंटे पहले ही नंबर कोड को लीक कर दिया. जिसके बाद स्कूल में मौजूद गिरोह के सदस्यों ने लीक हुए नंबर कोड से पहले उस बक्से को खोला जिसमें प्रश्न-पत्र रखे हुए बक्सों की चाबियां रखी हुई थी. इसके बाद बक्से में से चाबी निकालकर प्रश्न-पत्र रखे हुए एक बक्से को खोला गया, जिसमें से प्रश्न-पत्र को बाहर निकाल कर उसे सॉल्व कर उसकी फोटो मोबाइल से क्लिक की गई और गिरोह के सदस्यों को भेजी गई. प्रश्न-पत्र की फोटो परीक्षा केंद्र वीक्षक मोहन के मोबाइल से खींची गई और उसी के माध्यम से संगठित गिरोह के सदस्यों को भेजी गई. फोटो किन लोगों को भेजी गई इसका खुलासा मोहन के गिरफ्तार होने के बाद ही हो सकेगा.
फरार चल रहे परीक्षा केंद्र वीक्षक मोहन के फ्लैट से 7.97 लाख नकद मिलेः एसओजी प्रकरण में कार्रवाई करते हुए फरार चल रहे परीक्षा केंद्र वीक्षक मोहन की तलाश में जब उसके झोटवाड़ा स्थित फ्लैट पहुंची तो वह मौके पर नहीं मिला. फ्लैट पर मोहन की पत्नी एसओजी टीम को मिली. जिससे मोहन के बारे में जानकारी जुटाई गई. साथ ही फ्लैट की तलाशी के दौरान एसओजी टीम को 7.97 लाख रुपए की नकदी भी बरामद हुई. उक्त राशि के बारे में मोहन की पत्नी कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दे सकी. इसके साथ ही एसओजी टीम ने मोहन के फ्लैट से कुछ दस्तावेज भी बरामद किए हैं, जिनकी जांच की जा रही है. साथ ही प्रकरण में गिरफ्तार किए गए 8 आरोपियों को कोर्ट में पेश कर अग्रिम अनुसंधान के लिए 3 दिन के पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया गया है. फिलहाल प्रकरण में एसओजी की जांच लगातार जारी है और फरार चल रहे आरोपियों की तलाश की जा रही है.