जयपुर. प्रदेश के पुलिस थानों में दर्ज मामलों का निश्चित अवधि में निस्तारण हो सके, इसके लिए प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. प्रदेश सरकार ने कहा कि थानों में तैनात निर्धारित मापदंड पूरे करने वाले कान्स्टेबल और हैड कांस्टेबल भी थानों में दर्ज मामलों के लिए अब अधिकृत होंगे.
अनुसंधान की गुणवत्ता को देखते हुए उन कांस्टेबल और हैड कांस्टेबल को तफ्तीश के लिए अधिकृत किया जाएगा, जो स्नातक हो और जिन्होंने 9 वर्ष की सेवा पूरी करने पर इनशॉर्ट केरियर प्रोग्रेस प्राप्त कर लिया हो. इसके अलावा थाने और पुलिस चौकी पर 5 वर्ष की सेवा दी हो. वहीं कांस्टेबल और हैड कांस्टेबल को अनुसंधान का प्रशिक्षण देने के बाद पुलिस महानिदेशक द्वारा निर्धारित परीक्षा भी उत्तीर्ण करनी जरूरी होगी.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पुलिस में दर्ज मामलों की पैंडेंसी कम करने के लिए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. वहीं मुख्यमंत्री ने गृह विभाग के आला अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि जो पुलिसकर्मी काम में लापरवाही बरते, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो. लेकिन जिन पुलिस कर्मचारियों का काम बेहतर हो उन्हें समय-समय पर पारितोषिक भी दिया जाए.