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राजनीतिक नियुक्तियों में दावा मजबूत करने के लिए कांग्रेसी कार्यकर्ता कोरोना में कर रहे हैं जमकर काम

राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियां (Political Appointments In Rajasthan) पिछले ढाई साल से पेंडिंग चल रही हैं. इन राजनीतिक नियुक्तियों पर पहले राजनेताओं की आपसी खींचतान और चुनावों की वजह से ब्रेक लगता रहा. अब ये नियुक्तियां कोरोना महामारी के बीच फंसी पड़ी हैं.

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राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियां
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Published : May 12, 2021, 3:24 PM IST

Updated : May 12, 2021, 4:24 PM IST

जयपुर. राजस्थान में 2018 विधानसभा चुनावों में गहलोत सरकार बनी थी. सरकार को बने ढाई साल का समय बीत चुका है, अभी तक राजनीतिक नियुक्तियों की आस देख रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हाथ खाली ही हैं. पहले लोकसभा चुनावों में नतीजे उम्मीद के विपरीत आने और फिर कोरोना और राजनीतिक उठापटक ने राजनीतिक नियुक्तियों पर ब्रेक लगा दिया. जैसे-जैसे हालात सामान्य हो रहे थे लग रहा था कि कार्यकर्ताओं को नियुक्तियों का तोहफा मिल सकता है. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर से बिगड़े हालातों के बीच राजनीतिक नियुक्तियां फंसती नजर आ रही हैं.

पढ़ें: गहलोत सरकार के गले की फांस बनी राजनीतिक नियुक्तियां

नियुक्तियों के लिए मांगे 12 हजार नाम

राजस्थान में अलग-अलग जिला स्तर और उपखंड स्तर की कमेटियों में करीब 30 हजार से ज्यादा राजनीतिक नियुक्तियां दी जानी हैं. पहले राजस्थान कांग्रेस के पूर्व प्रभारी अविनाश पांडे ने लिस्ट तैयार की. उनके प्रभारी पद से हटने के बाद उस लिस्ट को डस्टबिन में फेंक दिया गया. अब राजस्थान कांग्रेस के नए प्रभारी अजय माकन फिर से इस प्रक्रिया को शुरू कर चुके हैं. इसके लिए उन्होंने 10 जिला स्तरीय और पांच उपखंड स्तरीय समितियों के लिए करीब 12 हजार नाम भी मांगे. लेकिन इन नामों पर अंतिम मुहर लगती उससे पहले ही कोरोना की दूसरी लहर आ गई और एक बार फिर से नियुक्तियां अटक गई.

पढ़ें: राजस्थान : कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हाथ अब भी खाली, लेकिन ब्यूरोक्रेसी को मिली अहम जिम्मेदारी

राजनीतिक नियुक्तियों के लिए कार्यकर्ता कोरोना में कर रहे बेहतर काम

कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अब लग रहा है कि कोरोना की दूसरी लहर में अगर वो बेहतर काम करेंगे तो हो सकता है उन्हें राजनीतिक नियुक्तियों का लाभ मिले. नियुक्तियों के लिए लिस्ट का काम अभी रूका हुआ है. अब कांग्रेस का कार्यकर्ता यह सोच रहा है कि वह कोरोना में जितनी ज्यादा जनता की सेवा करेगा वह संगठन की नजर में आएगा और संगठन उस काम को देखते हुए हो सकता है, उसे आगे राजनीतिक नियुक्तियों में मौका दे दे. यही कारण है कांग्रेस कार्यकर्ता जमकर कोरोना काल में काम कर रहा है.

सचिन पायलट ने क्या कहा

राजनीतिक नियुक्तियों के लिए कार्यकर्ता कोरोना में कर रहे हैं जमकर काम

राजनीतिक नियुक्तियों में देरी का एक कारण राजस्थान में हुई राजनीतिक उठापटक भी है. क्योंकि उस राजनीतिक उठापटक के केंद्र में सचिन पायलट थे तो ऐसे में यह कहा जा रहा है कि पायलट कैम्प के नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियां दी जाएं या नहीं इस पर भी विवाद बना हुआ है. इस मामले में सचिन पायलट बयान दे चुके हैं कि अब जब पांचों राज्यों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं तो ऐसा कोई कारण नहीं है कि प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियां होने में देरी हो.

जयपुर. राजस्थान में 2018 विधानसभा चुनावों में गहलोत सरकार बनी थी. सरकार को बने ढाई साल का समय बीत चुका है, अभी तक राजनीतिक नियुक्तियों की आस देख रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हाथ खाली ही हैं. पहले लोकसभा चुनावों में नतीजे उम्मीद के विपरीत आने और फिर कोरोना और राजनीतिक उठापटक ने राजनीतिक नियुक्तियों पर ब्रेक लगा दिया. जैसे-जैसे हालात सामान्य हो रहे थे लग रहा था कि कार्यकर्ताओं को नियुक्तियों का तोहफा मिल सकता है. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर से बिगड़े हालातों के बीच राजनीतिक नियुक्तियां फंसती नजर आ रही हैं.

पढ़ें: गहलोत सरकार के गले की फांस बनी राजनीतिक नियुक्तियां

नियुक्तियों के लिए मांगे 12 हजार नाम

राजस्थान में अलग-अलग जिला स्तर और उपखंड स्तर की कमेटियों में करीब 30 हजार से ज्यादा राजनीतिक नियुक्तियां दी जानी हैं. पहले राजस्थान कांग्रेस के पूर्व प्रभारी अविनाश पांडे ने लिस्ट तैयार की. उनके प्रभारी पद से हटने के बाद उस लिस्ट को डस्टबिन में फेंक दिया गया. अब राजस्थान कांग्रेस के नए प्रभारी अजय माकन फिर से इस प्रक्रिया को शुरू कर चुके हैं. इसके लिए उन्होंने 10 जिला स्तरीय और पांच उपखंड स्तरीय समितियों के लिए करीब 12 हजार नाम भी मांगे. लेकिन इन नामों पर अंतिम मुहर लगती उससे पहले ही कोरोना की दूसरी लहर आ गई और एक बार फिर से नियुक्तियां अटक गई.

पढ़ें: राजस्थान : कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हाथ अब भी खाली, लेकिन ब्यूरोक्रेसी को मिली अहम जिम्मेदारी

राजनीतिक नियुक्तियों के लिए कार्यकर्ता कोरोना में कर रहे बेहतर काम

कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अब लग रहा है कि कोरोना की दूसरी लहर में अगर वो बेहतर काम करेंगे तो हो सकता है उन्हें राजनीतिक नियुक्तियों का लाभ मिले. नियुक्तियों के लिए लिस्ट का काम अभी रूका हुआ है. अब कांग्रेस का कार्यकर्ता यह सोच रहा है कि वह कोरोना में जितनी ज्यादा जनता की सेवा करेगा वह संगठन की नजर में आएगा और संगठन उस काम को देखते हुए हो सकता है, उसे आगे राजनीतिक नियुक्तियों में मौका दे दे. यही कारण है कांग्रेस कार्यकर्ता जमकर कोरोना काल में काम कर रहा है.

सचिन पायलट ने क्या कहा

राजनीतिक नियुक्तियों के लिए कार्यकर्ता कोरोना में कर रहे हैं जमकर काम

राजनीतिक नियुक्तियों में देरी का एक कारण राजस्थान में हुई राजनीतिक उठापटक भी है. क्योंकि उस राजनीतिक उठापटक के केंद्र में सचिन पायलट थे तो ऐसे में यह कहा जा रहा है कि पायलट कैम्प के नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियां दी जाएं या नहीं इस पर भी विवाद बना हुआ है. इस मामले में सचिन पायलट बयान दे चुके हैं कि अब जब पांचों राज्यों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं तो ऐसा कोई कारण नहीं है कि प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियां होने में देरी हो.

Last Updated : May 12, 2021, 4:24 PM IST
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