जयपुर. प्रदेश में 12 जिलों के 50 निकायों के चुनाव के लिए कांग्रेस बनाएगी दिवाली के बाद टिकट वितरण के लिए पर्यवेक्षक. साथ ही निगम और जिला परिषद चुनाव की तरह विधायकों की टिकट में रहेगी अहम भूमिका.
बता दें कि राजस्थान में निगम चुनाव में मिली सफलता के बाद कांग्रेस पार्टी निगम चुनाव के फार्मूले को ही 12 जिलों के 50 निकाय चुनाव में अपनाने जा रही है. कांग्रेस पार्टी ने निगम चुनाव की सफलता के बाद यहीं फार्मूला पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्यों के चुनाव में अपनाया था, जब टिकट वितरण के लिए विधायकों की अनुशंसा को ही प्रमुख माना गया था.
वहीं, अब निकाय चुनाव के लिए भी कांग्रेस पार्टी यहीं फार्मूला अपनाने जा रही है और विधायकों के कहने पर ही कांग्रेस पार्टी टिकट देगी. इन चुनाव के लिए दीपावली के बाद सभी जिलों के पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएंगे. हालांकि निगम चुनाव और निकाय चुनाव में तब्दीली इतनी देखने को मिलेगी कि निगम चुनाव में जिस तरीके से एआईसीसी की कमेटी बनाई थी.
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उस कमेटी की जगह जिलों के पर्यवेक्षक लगाए जाएंगे जो प्रभारी मंत्री, विधायकों और संगठन के पदाधिकारियों से बात करके टिकट फाइनल करेंगे. हालांकि जिस तरीके से विधायकों की टिकट वितरण में चल रही है. उस हिसाब से बाकी नेताओं की राय ज्यादा अहमियत नहीं रखेगी.