जयपुर. लखीमपुर विवाद मामले में किसानों के समर्थन में राजस्थान कांग्रेस की ओर से ऊंचा नगला बॉर्डर पर गुरुवार को विरोध-प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन के दौरान प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, प्रभारी मंत्री महेश जोशी, अन्य मंत्री और पदाधिकारी मौजूद रहे. इस विरोध को लेकर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पीसीसी चीफ डोटासरा पर तीखा हमला किया है.
राठौड़ ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और उनके साथी इस 'फिल्म' के जरिए दिल्ली दरबार में अपनी सक्रियता दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन बॉर्डर पर पहुंचने के बाद अचानक से बहाना बनाकर पैदल मार्च टालने से यह सिद्ध हो गया कि कांग्रेस पार्टी किसानों को सिर्फ राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर अपना हित साधने में लगी हुई है. राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत सरकार को पड़ोसी राज्य की स्थिति छोड़कर उच्च राज्य में आंदोलनरत किसानों से किए गए वादों को पूरा करने की नसीहत भी दी.
सरकार के प्रबंधन से फिर खड़ा हुआ बिजली संकट : राठौड़
प्रदेश में कोयले की आपूर्ति में कमी से हुए बिजली के संकट पर भी राठौड़ ने प्रदेश सरकार को घेरा है. राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में एक बार फिर गांव और शहरों में अघोषित कटौती का दौर शुरू होने से गहलोत सरकार के विद्युत प्रबंधन की पोल खुल गई है. राठौड़ ने कहा कि नवरात्रि का महापर्व शुरू हो चुका है और दीपावली आने वाली है.
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इस त्योहारी सीजन में बिजली की मांग सबसे ज्यादा होती है, लेकिन राज्य सरकार के प्रबंधन की मार से व्यापारी वर्ग से लेकर आमजन त्रस्त और चिंतित है. राठौड़ ने कहा कि ऊर्जा मंत्री डॉक्टर बीडी कल्ला और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान को बिजली की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने का दम भरते हैं, लेकिन अब वो यह बताएं कि मौजूदा हालातों में यह कैसी आत्मनिर्भरता है.