दिल्ली/जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली पहुंच गए हैं. दिल्ली में उनकी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से दो घंटे लंबी चर्चा भी हुई. भले ही गहलोत का नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चल रहा हो, लेकिन वे राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री दोनों पद संभालने के संकेत दे रहे हैं. गहलोत ने बुधवार को दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए साफ कहा कि उदयपुर में हमने एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत लागू किया था, लेकिन यह सिद्धांत चुनाव लड़कर पद पर जाने से नहीं होता है.
उन्होंने कहा कि यह चुनाव सबके लिए ओपन है और किसी प्रदेश का मंत्री अगर चाहे कि वह (Ashok Gehlot on Congress President Election) यह चुनाव लड़े तो वह दोनों पदों पर रह सकता है. गहलोत ने साफ संकेत दिए कि अगर वह अध्यक्ष बन भी जाते हैं तो भी राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी साथ में संभालेंगे. सीएम गहलोत ने कहा कि मुझे मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी मिली है, जिसे मैं निभा रहा हूं और निभाता रहूंगा.
मुझे अध्यक्ष बनने को कहा तो मना नहीं कर सकूंगा : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली एयरपोर्ट पर (CM Ashok Gehlot Delhi Tour) मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे गांधी परिवार का ही नहीं, बल्कि कांग्रेस के सभी परिवारों का प्रेम-मोहब्बत मिलता है. ऐसे में यदि मुझे अध्यक्ष पद के लिए कहा जाता है तो मैं मना नहीं कर पाऊंगा. मुझे फॉर्म भरना होगा तो मैं भरूंगा. हालांकि, इसके लिए मैं अपने मित्रों से भी बात करूंगा.
राहुल गांधी अध्यक्ष रहते निकालें यात्रा तो और बेहतर रहेगा : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मुझे पार्टी ने 40-50 साल की राजनीति में बहुत कुछ दिया है. मैं लगातार पदों पर रहा हूं, पार्टी में मुझे जो जिम्मेदारी मिलेगी वह मैं निभाऊंगा. इसके साथ ही गहलोत ने कहा कि मैं चाहता हूं कि मैं तो अब किसी पद पर नहीं रहूं. राहुल गांधी के साथ यात्रा पर निकलूं, लेकिन मैं अंतिम बार राहुल गांधी से मिलकर उन्हें अध्यक्ष बनने के लिए मनाने का प्रयास करूंगा. क्योंकि अध्यक्ष के तौर पर वह भारत जोड़ो यात्रा पर निकलते हैं तो उसका प्रभाव ज्यादा होगा.