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Congress President Election: भंवर जितेंद्र फिर मैसेंजर की भूमिका में, मुलाकात के बाद आई गहलोत के नामांकन की खबरें

राजस्थान की राजनीति में पूर्व केंद्रीय मंत्री व गांधी परिवार (Bhanwar Jitendra Meets CM Gehlot) के करीबी भंवर जितेंद्र सिंह का खासा प्रभाव माना जाता है. पर्दे के पीछे रहकर कई मौकों पर उन्होंने कांग्रेस को संभालने का भी काम किया है. अब एक बार फिर से वे चर्चा में हैं, क्योंकि सीएम गहलोत से मुलाकात के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर गहलोत के नामांकन की खबरें सामने आने लगी हैं. यहां जानिए पूरी कहानी...

Bhanwar Jitendra Meets CM Gehlot
भंवर जितेंद्र की सीएम गहलोत से मुलाकात
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Published : Sep 20, 2022, 4:23 PM IST

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस की राजनीति में भले ही बीते कुछ सालों से चर्चा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की होती रही हो, लेकिन इन दोनों नेताओं के बीच एक चेहरा ऐसा भी है जो चाहे राजस्थान में सरकार हो या संगठन, हमेशा पर्दे के पीछे भूमिका निभाता रहा है. वह नेता हैं कांग्रेस महासचिव भंवर जितेंद्र, जिन्हें गांधी परिवार का सबसे विश्वस्त नेताओं में से एक माना जाता है.

चाहे राजस्थान में मुख्यमंत्री बनाने की बात हो या फिर कैबिनेट विस्तार जैसे अहम राजनीतिक फैसले, भंवर जितेंद्र हमेशा गांधी परिवार के मैसेंजर की भूमिका में रहे हैं. राजस्थान के नेताओं और गांधी परिवार के बीच धूरी का काम करते हैं. अब एक बार फिर भंवर जितेंद्र राजस्थान में सक्रिय दिखाई दे रहे हैं और जिस तरीके से सोमवार को (Bhanwar Jitendra Meets CM Gehlot) भंवर जितेंद्र की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात हुई, उसे राजस्थान के वर्तमान राजनीतिक हालातों के साथ जोड़कर देखा जा रहा है.

वरिष्ठ पत्रकार मनीष गोधा ने क्या कहा...

भले ही देखने में यह लगे कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और भंवर जितेंद्र दोनों बीमार शांति धारीवाल को देखने गए थे. लेकिन कहा जा रहा है कि भंवर जितेंद्र गांधी परिवार का ही कोई मैसेज लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास पहुंचे थे. क्योंकि धारीवाल इतने बीमार नहीं थे कि उनके हालचाल लेने जाया जाए. वहीं, धारीवाल मंगलवार को विधानसभा में (Shanti Dhariwal in Rajasthan Assembly) सवालों के जवाब भी देते नजर आए. ऐसे में गहलोत और भंवर जितेंद्र के बीच हुई मुलाकात को वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य के अनुसार महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

पढ़ें : Congress President Election: नामांकन की चर्चा के बीच गहलोत का दिल्ली दौरा तय

क्या मैसेज लाए भंवर जितेंद्र कि शाम को ही चलने लगी गहलोत के नामांकन की खबरें ? : दिल्ली में सोमवार को सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की चल रही थी कि शशि थरूर ने सोनिया गांधी से मुलाकात की है और राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लड़ने को लेकर अपनी इच्छा भी जताई है. सोमवार शाम तक यही चर्चा खबरों का केंद्र रही, लेकिन शाम को भंवर जितेंद्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुलाकात के बाद अचानक यह खबरें निकलकर आईं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Nomination for Congress National President) नवरात्रों में राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए अपना नामांकन दाखिल करेंगे. ऐसे में लगता है कि इन खबरों के पीछे कहीं ना कहीं इन दोनों नेताओं की मुलाकात ही एक कारण है.

गहलोत और पायलट के बीच मुख्यमंत्री की लड़ाई में भी भंवर जितेंद्र की रही थी अहम भूमिका : आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है कि भंवर जितेंद्र ने राजस्थान की राजनीति में पर्दे के पीछे अपनी भूमिका निभाई हो, बल्कि जब राजस्थान में विधानसभा चुनाव के बाद जबरदस्त उठापटक चल रही थी और गहलोत पायलट में से मुख्यमंत्री कौन होगा? इसकी रस्साकशी चल रही थी, तो कहा जा रहा है कि वह भंवर जितेंद्र ही थे जिन्होंने गांधी परिवार के लिए आंख, नाक और कान का काम किया था.

पढ़ें : congress president election: कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए हो सकता है गहलोत बनाम थरूर का मुकाबला

उन्हीं के चलते उस समय गहलोत को मुख्यमंत्री और सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री बनाया गया. वहीं, राजस्थान में कैबिनेट विस्तार के समय भी भंवर जितेंद्र का अहम (Bhanwar Jitendra as Messenger) योगदान माना जाता है. अब एक बार फिर भंवर जितेंद्र पर्दे के पीछे से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर राजस्थान की भूमिका क्या होगी, इसे लेकर अहम भूमिका में हैं.

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस की राजनीति में भले ही बीते कुछ सालों से चर्चा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की होती रही हो, लेकिन इन दोनों नेताओं के बीच एक चेहरा ऐसा भी है जो चाहे राजस्थान में सरकार हो या संगठन, हमेशा पर्दे के पीछे भूमिका निभाता रहा है. वह नेता हैं कांग्रेस महासचिव भंवर जितेंद्र, जिन्हें गांधी परिवार का सबसे विश्वस्त नेताओं में से एक माना जाता है.

चाहे राजस्थान में मुख्यमंत्री बनाने की बात हो या फिर कैबिनेट विस्तार जैसे अहम राजनीतिक फैसले, भंवर जितेंद्र हमेशा गांधी परिवार के मैसेंजर की भूमिका में रहे हैं. राजस्थान के नेताओं और गांधी परिवार के बीच धूरी का काम करते हैं. अब एक बार फिर भंवर जितेंद्र राजस्थान में सक्रिय दिखाई दे रहे हैं और जिस तरीके से सोमवार को (Bhanwar Jitendra Meets CM Gehlot) भंवर जितेंद्र की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात हुई, उसे राजस्थान के वर्तमान राजनीतिक हालातों के साथ जोड़कर देखा जा रहा है.

वरिष्ठ पत्रकार मनीष गोधा ने क्या कहा...

भले ही देखने में यह लगे कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और भंवर जितेंद्र दोनों बीमार शांति धारीवाल को देखने गए थे. लेकिन कहा जा रहा है कि भंवर जितेंद्र गांधी परिवार का ही कोई मैसेज लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास पहुंचे थे. क्योंकि धारीवाल इतने बीमार नहीं थे कि उनके हालचाल लेने जाया जाए. वहीं, धारीवाल मंगलवार को विधानसभा में (Shanti Dhariwal in Rajasthan Assembly) सवालों के जवाब भी देते नजर आए. ऐसे में गहलोत और भंवर जितेंद्र के बीच हुई मुलाकात को वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य के अनुसार महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

पढ़ें : Congress President Election: नामांकन की चर्चा के बीच गहलोत का दिल्ली दौरा तय

क्या मैसेज लाए भंवर जितेंद्र कि शाम को ही चलने लगी गहलोत के नामांकन की खबरें ? : दिल्ली में सोमवार को सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की चल रही थी कि शशि थरूर ने सोनिया गांधी से मुलाकात की है और राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लड़ने को लेकर अपनी इच्छा भी जताई है. सोमवार शाम तक यही चर्चा खबरों का केंद्र रही, लेकिन शाम को भंवर जितेंद्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुलाकात के बाद अचानक यह खबरें निकलकर आईं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Nomination for Congress National President) नवरात्रों में राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए अपना नामांकन दाखिल करेंगे. ऐसे में लगता है कि इन खबरों के पीछे कहीं ना कहीं इन दोनों नेताओं की मुलाकात ही एक कारण है.

गहलोत और पायलट के बीच मुख्यमंत्री की लड़ाई में भी भंवर जितेंद्र की रही थी अहम भूमिका : आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है कि भंवर जितेंद्र ने राजस्थान की राजनीति में पर्दे के पीछे अपनी भूमिका निभाई हो, बल्कि जब राजस्थान में विधानसभा चुनाव के बाद जबरदस्त उठापटक चल रही थी और गहलोत पायलट में से मुख्यमंत्री कौन होगा? इसकी रस्साकशी चल रही थी, तो कहा जा रहा है कि वह भंवर जितेंद्र ही थे जिन्होंने गांधी परिवार के लिए आंख, नाक और कान का काम किया था.

पढ़ें : congress president election: कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए हो सकता है गहलोत बनाम थरूर का मुकाबला

उन्हीं के चलते उस समय गहलोत को मुख्यमंत्री और सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री बनाया गया. वहीं, राजस्थान में कैबिनेट विस्तार के समय भी भंवर जितेंद्र का अहम (Bhanwar Jitendra as Messenger) योगदान माना जाता है. अब एक बार फिर भंवर जितेंद्र पर्दे के पीछे से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर राजस्थान की भूमिका क्या होगी, इसे लेकर अहम भूमिका में हैं.

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